जदयू ने मणिपुर सरकार से लिया समर्थन वापस, एक विधायक को किया सत्ता से अलग

अशोक झा, नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भाजपा को झटका दिया है। जेडीयू ने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। 60 सीटों वाली असेंबली में भाजपा के पास बहुमत से कहीं ज्यादा 32 सीटें हैं, लेकिन 6 सीटों वाली जेडीयू भी उसके साथ थी। मणिपुर में जेडीयू के छह विधायक थे, जिनमें से पांच ने पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे और जेडीयू के सिर्फ एक ही विधायक वहां बचे थे। साल 2022 में नीतीश कुमार की पार्टी के पाला बदलने वाले पांच विधायक केएच जॉयकिशन, एन सनाटे, मोहम्मद अछबुद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खौटे और थंगजाम अरुण कुमार थे. पांचों विधायकों ने बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की बीजेपी सरकार को समर्थन दिया था।बिहार में सत्ताधारी जेडीयू की मणिपुर इकाई ने अपने पत्र में कहा है, “जनता दल (यूनाइटेड), मणिपुर इकाई मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का समर्थन नहीं करती है। हमारे एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को सदन में विपक्षी विधायक माना जाएगा। हालांकि, नीतीश कुमार ने बीजेपी सरकार से जेडीयू का समर्थन वापस लेने का फैसला क्यों किया, इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है। जनता दल यूनाइटेड के बाहर होने से सरकार पर कोई असर भी नहीं पड़ेगा, क्योंकि राज्य में उसके पास पूर्ण बहुमत है, लेकिन नीतीश कुमार के इस फैसले से बिहार की राजनीतिक गलियारों में बड़ी हलचल जरूर पैदा कर दी है, क्योंकि बिहार में तो पहले से ही एनडीए में खटास की बात कही जा रही थी।जेडीयू अपने इस फैसले से बीजेपी को बड़ा संदेश देना चाहती है, क्योंकि जेडीयू केंद्र और बिहार में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी है. वहीं बीजेपी से नीतीश कुमार की नाराजगी की बात जो लगातार चल रही है, उस पर ये एक बड़ी मुहर लगती दिख रही है।