यूपी सरकार के मंत्रिपरिषद बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय, अब बुनकर का घरेलू विद्युत का कनेक्शन अलग होगा
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए :-
अमृत 2.0 योजना के अन्तर्गत लखनऊ नगर के सरोजनी नगर
प्रथम एवं द्वितीय वॉर्ड तथा इब्राहिमपुर वॉर्ड में पेयजल आपूर्ति
योजना से सम्बन्धित प्रायोजना तथा लागत का प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2.0 (अमृत 2.0) योजना के अन्तर्गत लखनऊ नगर के पेयजल डिस्ट्रिक्ट-डी के अन्तर्गत सरोजनी नगर प्रथम एवं द्वितीय वॉर्ड तथा इब्राहिमपुर वॉर्ड में पेयजल आपूर्ति योजना से सम्बन्धित प्रायोजना तथा व्यय वित्त समिति द्वारा उसकी अनुमोदित लागत 24616.65 लाख रुपये (जी0एस0टी0 एवं सेन्टेज सहित) के व्यय के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
लखनऊ नगर के सरोजनी नगर प्रथम एवं द्वितीय वॉर्ड तथा इब्राहिमपुर वॉर्ड के सभी परिवारों को पाइप लाइन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। इस प्रायोजना में 24,363 पेयजल गृह संयोजन दिये जाएंगे, जिससे लगभग 1.17 लाख जनसंख्या लाभान्वित होगी।
व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत में 2219.70 लाख रुपये सेन्टेज एवं 177.58 लाख रुपये लेबर सेस सम्मिलित है। इस निर्धारित लागत में से भारत सरकार का 5599.24 लाख रुपये, राज्य सरकार का 10078.63 लाख रुपये तथा निकाय का अंश 6719.08 लाख रुपये सम्मिलित है। यह भी उल्लेख किया जाना है कि सेन्टेज की समस्त धनराशि का वहन राज्य सरकार द्वारा ही किया जाना है।
लखनऊ नगर के पेयजल डिस्ट्रिक्ट-डी क्षेत्र के अन्तर्गत सरोजनी नगर प्रथम एवं द्वितीय वॉर्ड तथा इब्राहिमपुर वॉर्ड पेयजल योजना से वंचित है तथा इन क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता इण्डिया मार्का-2 हैण्ड पम्पों एवं निजी संसाधनों पर आधारित है। अतः चयनित क्षेत्र के सभी परिवारों को पाइप लाइन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु इस प्रायोजना प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है। प्रायोजना के अन्तर्गत लखनऊ नगर पेयजल डिस्ट्रिक्ट-डी क्षेत्र के अन्तर्गत सरोजनी नगर प्रथम एवं द्वितीय वॉर्ड तथा इब्राहिमपुर वॉर्ड लाभान्वित होंगे।
——–
अमृत-2.0 योजना के अन्तर्गत जनपद गाजियाबाद में ‘गाजियाबाद सीवरेज योजना (करहैड़ा जोन)’ से सम्बन्धित प्रायोजना तथा लागत का प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2.0 (अमृत-2.0) योजना के अन्तर्गत जनपद गाजियाबाद में ‘गाजियाबाद सीवरेज योजना (करहैड़ा जोन)’ से सम्बन्धित प्रायोजना तथा व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 54694.55 लाख रुपये (जी0एस0टी0 एवं सेन्टेज सहित) के व्यय के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
नगर निगम गाजियाबाद के 10 वॉर्डों को सीवेज सुविधा से संतृप्त किये जाने हेतु प्रश्नगत परियोजना तैयार की गयी है। अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2.0 (अमृत-2.0) के अन्तर्गत जनपद-गाजियाबाद में ‘गाजियाबाद सीवरेज योजना (करहैड़ा जोन) से सम्बन्धित प्रायोजना को प्रस्तावित लागत 55013.77 लाख रुपये के सापेक्ष 54694.55 लाख रुपये (जी0एस0टी0 एवं सेन्टेज सहित) की लागत पर अनुमोदित करते हुए कतिपय अन्य शर्तों के साथ यह शर्त भी लगाई गई है कि प्रशासकीय विभाग द्वारा प्रायोजना पर मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त करने के उपरान्त ही प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जाये। व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत में 5012.17 लाख रुपये सेन्टेज एवं 400.97 लाख रुपये लेबर सेस सम्मिलित है। इस निर्धारित लागत में से भारत सरकार का अंश 12420.595 लाख रुपये, राज्य सरकार का अंश 22357.071 लाख रुपये तथा निकाय का अंश 14904.714 लाख रुपये सम्मिलित है। उल्लेखनीय है कि सेन्टेज की समस्त धनराशि का वहन राज्य सरकार द्वारा ही किया जाना है।
नगर निगम, गाजियाबाद के 10 वॉर्डों (गगन विहार, भोपरा, राजीव कॉलोनी, कुती, अर्थला संजय कॉलोनी, करहैड़ा, पसौडा, गरीमा गार्डेन एवं मौसम विहार) में सीवरेज प्रणाली न होने के कारण इन क्षेत्रों का अशोधित सीवरेज विभिन्न नालों के माध्यम से यमुना एवं हिण्डन नदी में निस्तारित होता है, जो यमुना एवं हिण्डन नदी के जल को प्रदूषित कर रहा है। इसकी रोकथाम हेतु प्रस्तावित योजना की आवश्यकता है। नगर निगम, गाजियाबाद के अनसीवर्ड उपरोक्त क्षेत्रों से अशोधित सीवेज के यमुना नदी एवं हिण्डन नदी में प्रवाहित होने की रोकथाम हेतु मा0 एन0जी0टी0 में ओ0ए0 848/2019, 06/2012 एवं 673/2018 योजित है, जिनके दृष्टिगत मा0 एन0जी0टी0 द्वारा नगर निगम गाजियाबाद क्षेत्र से हिण्डन नदी में प्रवाहित हो रहे अशोधित सीवेज की रोकथाम हेतु कार्ययोजना बनाये जाने हेतु निरन्तर निर्देशित किया जा रहा है। प्रश्नगत परियोजना से नगर निगम, गाजियाबाद के 10 वॉर्डों की 3,87,861 जनसंख्या को सीवरेज सुविधा का लाभ प्राप्त होगा। इससे इन क्षेत्रों के नालों में प्रवाहित हो रहे मानव मल से जनित बीमारियों पर भी अंकुश लगेगा।
——–
अमृत 2.0 योजना के अन्तर्गत जनपद-आगरा में ‘नगर निगम
आगरा पेयजल पुनर्गठन योजना (बून्दूकटरा जोन)’ से सम्बन्धित
परियोजना एवं लागत के व्यय का प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2.0 (अमृत 2.0) योजना के अन्तर्गत जनपद-आगरा में ‘नगर निगम आगरा पेयजल पुनर्गठन योजना (बून्दूकटरा जोन)’ से सम्बन्धित परियोजना एवं व्यय वित्त समिति द्वारा उसकी अनुमोदित लागत 26432.43 लाख रुपये (जी0एस0टी0 एवं सेन्टेज सहित) के व्यय के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
आगरा नगर के बुन्दूकटरा जोन में स्थानीय निवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रश्नगत परियोजना तैयार की गयी है।
अटल नवीकरण और शहरी रूपान्तरण मिशन-2.0 (अमृत-2.0) योजना के अन्तर्गत जनपद-आगरा में ‘नगर निगम आगरा पेयजल पुनर्गठन योजना (बून्दूकटरा जोन) से सम्बन्धित परियोजना को प्रस्तावित लागत 26584.45 लाख रुपये के सापेक्ष 26432.43 लाख रुपये (जी0एस0टी0 एवं सेन्टेज (सहित) की लागत पर अनुमोदित करते हुए कतिपय अन्य शर्तों के साथ यह शर्त भी लगाई गई है कि प्रशासकीय विभाग द्वारा प्रायोजना पर मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त करने के उपरान्त ही प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जाये। व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत में 2488.99 लाख रुपये सेन्टेज एवं 199.12 लाख रुपये लेबर सेस सम्मिलित है। इस निर्धारित लागत में से भारत सरकार का 6023.86 लाख रुपये, राज्य सरकार का 10842.95 लाख रुपये तथा निकाय का अंश 7228.63 लाख रुपये सम्मिलित है। उल्लेखनीय है कि सेन्टेज की समस्त धनराशि का वहन राज्य सरकार द्वारा ही किया जाना है।
आगरा नगर में वर्तमान में मानक से कम प्रति व्यक्ति पेयजल आपूर्ति (91.68 एल0पी0सी0डी0) को बढ़ाकर मानक के अनुसार पेयजलापूर्ति उपलब्ध कराने हेतु पेयजल विहीन क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध करने के उद्देश्य से सिटी वाटर एक्शन प्लान तैयार करते हुये आगरा नगर हेतु प्रथम ट्रैन्च में बून्दूकटरा जोन में पेयजल आपूर्ति एवं सम्मिलित नगर के विस्तारित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजलापूर्ति (गंगा जल आपूर्ति) हेतु पेयजल योजना निर्माण किये जाने के आवश्यकता के दृष्टिगत एवं उपलब्ध गंगा जल में से 80 एम0एल0डी0 गंगा जल का उपयोग करने एवं बून्दूकटरा जोन में स्थानीय निवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रश्नगत प्रायोजना प्रस्ताव का गठन किया गया है।
——–
मुख्यमंत्री हैण्डलूम एवं पावरलूम उद्योग विकास योजना (सामान्य) अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री हैण्डलूम एवं पावरलूम उद्योग विकास योजना (सामान्य) को अनुमोदित कर दिया है। योजना में किसी प्रकार के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री हैण्डलूम एवं पावरलूम उद्योग विकास योजना (सामान्य) सम्पूर्ण प्रदेश के उन समस्त पावरलूम एवं हथकरघा बुनकरों के लिए संचालित की जाएगी, जो पावरलूम/हथकरघा क्षेत्र के उत्पादन में निरन्तर अपना योगदान देते आ रहे हैं। यह योजना 05 वर्षों के लिए होगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट की उपलब्धता के आधार पर लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
प्रदेश में हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों के भविष्य के रोजगार के दृष्टिगत हथकरघा एवं पावरलूम उद्योग को प्रोत्साहित किया जाना नितान्त आवश्यक है। पुरानी तकनीक एवं परम्परागत हथकरघा एवं पावरलूमों द्वारा उत्पादित वस्त्रों की गुणवत्ता आधुनिक तकनीक की अपेक्षा अच्छी नहीं रहती है तथा उत्पादन भी कम होता है। अच्छी गुणवत्ता के वस्त्र उत्पादित होने से तथा उत्पादन में वृद्धि होने से हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
इस योजना का उद्देश्य हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों को उन्नत किस्म के हथकरघा एवं पावरलूम प्रदान कर, उनके पुराने परम्परागत हथकरघा एवं पावरलूम को आधुनिक हथकरघा एवं पावरलूमों में परिवर्तित करने की सुविधा प्रदान किया जाना है। इसके अतिरिक्त, इस उद्योग में आने के इच्छुक नवयुवकों एवं नवयुवतियों को इस रोजगार से जोड़कर नया रोजगार सृजन कराया जाएगा। ऐसे नवयुवक एवं नवयुवतियां, जो इस उद्योग में अपना स्वयं का स्वरोजगार स्थापित करने के इच्छुक हों तथा अपना अंश लगाने में सक्षम हों, इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
प्रदेश के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों द्वारा संचालित पुराने एवं परम्परागत हथकरघा एवं पावरलूम के स्थान पर उच्चीकृत हथकरघा एवं पावरलूम स्थापित कराया जाना है। पावरलूम बुनकरों के आर्थिक व सामाजिक जीवन स्तर में सुधार लाने के लिये उन्हें आधुनिक पावरलूम संचालन हेतु प्रशिक्षित कराया जायेगा। हथकरघा एवं पावरलूम बुनकर वर्तमान भारतीय बाजार एवं वैश्विक बाजार की माँग के अनुरूप नये फैशन के परिवेश में नई डिजाइन एवं नये कलर कॉम्बीनेशन के वस्त्रों का उत्पादन कर सके, इस उद्देश्य से प्रदेश में परम्परागत हथकरघा एवं पावरलूम उद्योग को आधुनिक हथकरघा एवं पावरलूम में परिवर्तित कराने एवं अधिक से अधिक रोजगार सृजन कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री पावरलूम एवं हैण्डलूम उद्योग विकास योजना (सामान्य) का क्रियान्वयन कराया जायेगा।
प्रदेश के पावरलूम बुनकर को नवीन पावरलूम/सेमी ऑटोमैटिक/ऑटोमैटिक पावरलूम चलाने का तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कराया जायेगा, जिससे उन्नत तकनीक के नवीन पावरलूम/सेमी ऑटोमैटिक/ऑटोमैटिक पावरलूम स्थापित कर अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा सकेंगे। हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों को अधिक से अधिक रोजगार सृजित कराकर उनके सामाजिक व आर्थिक जीवन स्तर में सुधार कराने हेतु योजना का संचालन किया जायेगा।
प्रदेश के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों की वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए योजना को 03 घटकों/मदों, (प्) आधुनिक पावरलूम संचालन तकनीक प्रशिक्षण कार्यक्रम, (प्प्) उन्नत किस्म के हथकरघा एवं पावरलूम की स्थापना तथा (प्प्प्) हथकरघा अथवा पावरलूम कार्यशाला के निर्माण में विभाजित किया गया है। (प्प्) उन्नत किस्म के हथकरघा एवं पावरलूम की स्थापना के 02 भाग (ए) हथकरघा (फ्रेम अथवा पिटलूम आवश्यकतानुसार) तथा (बी) नवीन पावरलूम/सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम/ऑटोमैटिक पावरलूम सहवर्ती उपकरण सहित हैं।
योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत पावरलूम बुनकरों को आधुनिक पावरलूम के संचालन, आधुनिक डिजाइन एवं रंग संयोजन तकनीकी आदि विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम को किसी सरकारी/मान्यता प्राप्त संस्था जैसे पावरलूम सर्विस सेन्टर अथवा निट्रा के माध्यम से कराया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रति प्रशिक्षणार्थी कुल धनराशि 5,000 रुपये व्यय होगा, जिसे राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के अन्तर्गत प्रस्ताव के प्रस्तुतीकरण, योजना के संचालन एवं अनुश्रवण हेतु पोर्टल विकसित किया जाएगा।
योजना के अन्तर्गत हथकरघा एवं पावरलूम बुनकर अपनी आवश्यकतानुसार अथवा नवीन पावरलूम/सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम/ऑटोमैटिक पावरलूम, दोनों में से किसी एक का, जिससे वह सम्बन्धित है, का लाभ प्राप्त कर सकता है। पावरलूम बुनकर को नवीन/सेमी ऑटोमैटिक/ऑटोमैटिक पावरलूम में से किसी एक श्रेणी के पावरलूम के लिए ही लाभ अनुमन्य होगा।
एक हथकरघा बुनकर को 01 पिटलूम अनुमानित मूल्य 25,000 रुपये हेतु 80 प्रतिशत अथवा अथवा 20,000 रुपये जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा एवं शेष 20 प्रतिशत धनराशि 5,000 रुपये या वास्तविक क्रय हेतु अनुदान के अतिरिक्त भुगतान की जाने वाली धनराशि लाभार्थी बुनकर द्वारा अपने निजी स्रोतों से वहन की जायेगी। एक हथकरघा बुनकर को 01 फ्रेमलूम या (जैकार्ड सह उपकरणों सहित) अनुमानित मूल्य 40,000 रुपये पर 75 प्रतिशत अथवा 30,000 रुपये जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा एवं शेष 25 प्रतिशत धनराशि 10,000 रुपये या वास्तविक क्रय हेतु अनुदान के अतिरिक्त भुगतान की जाने वाली धनराशि लाभार्थी बुनकर द्वारा अपने निजी स्रोतों से वहन की जायेगी। एक बुनकर इन विकल्पों मे से किसी एक श्रेणी के अधिकतम 02 हथकरघा क्रय करने हेतु शासकीय अनुदान प्राप्त कर सकता है।
पावरलूम योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को 03 श्रेणियों-नवीन पावरलूम, सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम, ऑटोमैटिक पावरलूम में पावरलूम क्रय की सुविधा प्रदान की जाएगी।
एक नवीन पावरलूम का अनुमानित बाजार मूल्य 01 लाख 25 हजार रुपये है। नवीन पावरलूम क्रय करने हेतु प्रति पावरलूम 75,000 रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। शेष 40 प्रतिशत धनराशि 50,000 रुपये या स्थापित करने में अतिरिक्त धनराशि लाभार्थी पावरलूम बुनकर द्वारा स्वयं वहन की जाएगी। एक बुनकर अधिकतम 02 नवीन पावरलूम क्रय करने हेतु शासकीय अनुदान प्राप्त कर सकता है।
एक सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम का अनुमानित बाजार मूल्य 01 लाख 50 हजार रुपये है। सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम क्रय करने हेतु प्रति पावरलूम 90,000 रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। शेष बुनकर अंश 60,000 रुपये (अनुमानित मूल्य का 40 प्रतिशत) अथवा पावरलूम के वास्तविक क्रय हेतु अनुदान के अतिरिक्त भुगतान की जाने वाली धनराशि लाभार्थी पावरलूम बुनकर द्वारा अपने निजी स्रोतों से वहन की जाएगी। एक बुनकर अधिकतम 02 सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम क्रय करने हेतु शासकीय अनुदान प्राप्त कर सकता है।
एक ऑटोमैटिक पावरलूम/शटललेस लूम/रैपियर लूम का अनुमानित बाजार मूल्य 05 लाख रुपये प्रति पावरलूम है। पावरलूम बुनकरों को ऑटोमैटिक पावरलूम/शटललेस लूम/रैपियर लूम क्रय करने हेतु प्रति पावरलूम 03 लाख रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। 01 लाख रुपये धनराशि बैंक से ऋण अनिवार्य एवं 01 लाख रुपये (20 प्रतिशत) पावरलूम व्यक्तिगत बुनकर अंश, यदि बुनकर अपना अंश लगाने में सक्षम नहीं है, तो वह (40 प्रतिशत) अर्थात 02 लाख रुपये बैंक ऋण ले सकता है। यह सुविधा एक बुनकर को एक ऑटोमैटिक पावरलूम क्रय हेतु प्रदान की जाएगी।
योजना के अन्तर्गत हथकरघा अथवा पावरलूम बुनकरों के लिए कार्यशाला का निर्माण कराया जाना है। इस कार्यशाला हेतु भूमि पर लाभार्थी/बुनकर का स्वामित्व होना चाहिए। व्यक्तिगत हथकरघा बुनकर हेतु 80,000 रुपये, व्यक्तिगत नवीन एवं सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम बुनकर हेतु 01 लाख 50 हजार रुपये एवं व्यक्तिगत ऑटोमैटिक पावरलूम कार्यशाला हेतु 01 लाख रुपये अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश के ऐसे व्यक्तिगत हथकरघा/पावरलूम बुनकर जो पुराने हथकरघा/पावरलूम पर अपने घर पर कार्य कर रहे हों अथवा ऐसे हथकरघा/पावरलूम बुनकर भी पात्र होंगे, जो दूसरे के यहाँ हथकरघा/पावरलूम पर बुनाई का कार्य कर रहे हो एवं उनके पास स्वयं की भूमि उपलब्ध हो और वह योजना का लाभ लेने की इच्छा रखता हो एवं योजना के अनुरूप स्वयं का अंशदान लगाने में सक्षम हो।
——–
झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने स्पेशल कम्पोनेण्ट प्लान (एस0सी0पी0) के अन्तर्गत झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना को अनुमोदित कर दिया है। योजना में किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।
झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों के लिए संचालित की जाएगी, जो हथकरघा एवं पावरलूम क्षेत्र के उत्पादन में निरन्तर अपना योगदान देते आ रहे हैं अथवा इस क्षेत्र में आकर अपना स्वयं का स्वरोजगार स्थापित करना चाहते हैं। यह योजना 05 वर्षों के लिए होगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट की उपलब्धता के आधार पर लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
हथकरघा एवं पावरलूम बुनकर वर्तमान भारतीय बाजार एवं वैश्विक मांग के अनुरूप नये फैशन के परिवेश में नई डिजाइन एवं नये कलर कॉम्बीनेशन के वस्त्रों का उत्पादन कर सके, इस उद्देश्य से प्रदेश में परम्परागत हथकरघा एवं पावरलूम उद्योग को आधुनिक हथकरघा एवं पावरलूम में परिवर्तित कराने एवं अधिक से अधिक रोजगार सृजन कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा ‘झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना (एस0सी0पी0)’ का क्रियान्वयन कराने का प्रस्ताव है।
प्रदेश के अनुसूचित जाति के पावरलूम बुनकर को नवीन पावरलूम/सेमी आटोमेटिक पावरलूम/ऑटोमैटिक पावरलूम चलाने का तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने के उपरान्त ही उन्नत तकनीक के नवीन पावरलूम/सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम/ऑटोमैटिक पावरलूम स्थापित कर अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा सकेंगे। अनुसूचित जाति के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों को अधिक से अधिक रोजगार सृजित कराकर उनके सामाजिक व आर्थिक जीवन स्तर में सुधार कराने हेतु योजना का संचालन किया जायेगा।
प्रदेश के अनुसूचित जाति के हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों की वर्तमान आवश्यकता को देखते हुए योजना को 03 घटकों/मदों, (प्) आधुनिक पावरलूम तकनीक प्रशिक्षण कार्यक्रम, (प्प्) उन्नत किस्म के हथकरघा एवं पावरलूम की स्थापना तथा (प्प्प्) हथकरघा अथवा पावरलूम कार्यशाला के निर्माण में विभाजित किया गया है। (प्प्) उन्नत किस्म के हथकरघा एवं पावरलूम की स्थापना के 02 भाग (ए) हथकरघा (फ्रेम अथवा पिटलूम आवश्यकतानुसार) तथा (बी) नवीन पावरलूम/सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम/ऑटोमैटिक पावरलूम सहवर्ती उपकरण सहित हैं।
योजना के अन्तर्गत प्रदेश के अनुसूचित जाति के पावरलूम बुनकरों अथवा इस उद्योग में नये आने वाले नवयुवकों/नवयुवतियों को आधुनिक पावरलूम के संचालन, आधुनिक डिजाइन एवं रंग संयोजन तकनीक आदि विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम को किसी सरकारी/मान्यता प्राप्त संस्था जैसे पावरलूम सर्विस सेन्टर अथवा निट्रा के माध्यम से कराया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रति प्रशिक्षणार्थी कुल धनराशि 5,000 रुपये व्यय होगी। यह सुविधा केवल व्यक्तिगत पावरलूम बुनकर को दी जायेगी। इस हेतु एक बुनकर के प्रशिक्षण के लिये 5,000 रुपये सहायता धनराशि दी जायेगी। योजना के अन्तर्गत प्रस्ताव के प्रस्तुतीकरण, योजना के संचालन एवं अनुश्रवण हेतु पोर्टल विकसित किया जायेगा।
हथकरघा बुनकर को 01 पिटलूम अनुमानित मूल्य 25,000 रुपये हेतु 80 प्रतिशत अथवा अथवा 20,000 रुपये जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा एवं शेष 20 प्रतिशत धनराशि 5,000 रुपये या वास्तविक क्रय हेतु अनुदान के अतिरिक्त भुगतान की जाने वाली धनराशि लाभार्थी बुनकर द्वारा अपने निजी स्रोतों से वहन की जायेगी। हथकरघा बुनकर को 01 फ्रेमलूम या (जैकार्ड सह उपकरणों सहित) अनुमानित मूल्य 40,000 रुपये पर 75 प्रतिशत अथवा 30,000 रुपये जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा एवं शेष 25 प्रतिशत धनराशि 10,000 रुपये या वास्तविक क्रय हेतु अनुदान के अतिरिक्त भुगतान की जाने वाली धनराशि लाभार्थी बुनकर द्वारा अपने निजी स्रोतों से वहन की जायेगी। एक बुनकर उपरोक्त विकल्पों मे से किसी एक श्रेणी के अधिकतम 02 हथकरघा क्रय करने हेतु शासकीय अनुदान प्राप्त कर सकता है।
पावरलूम योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को 03 श्रेणियों-नवीन पावरलूम, सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम, ऑटोमैटिक पावरलूम में पावरलूम क्रय की सुविधा प्रदान की जाएगी।
एक नवीन पावरलूम का अनुमानित बाजार मूल्य 01 लाख 25 हजार रुपये है। नवीन पावरलूम क्रय करने हेतु प्रति पावरलूम 75,000 रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। शेष 40 प्रतिशत धनराशि 50,000 रुपये या स्थापित करने में अतिरिक्त धनराशि लाभार्थी पावरलूम बुनकर द्वारा स्वयं वहन की जाएगी। एक बुनकर अधिकतम 02 नवीन पावरलूम क्रय करने हेतु शासकीय अनुदान प्राप्त कर सकता है।
एक सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम का अनुमानित बाजार मूल्य 01 लाख 50 हजार रुपये है। सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम क्रय करने हेतु प्रति पावरलूम 90,000 रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। शेष बुनकर अंश 60,000 रुपये (अनुमानित मूल्य का 40 प्रतिशत) अथवा पावरलूम के वास्तविक क्रय हेतु अनुदान के अतिरिक्त भुगतान की जाने वाली धनराशि लाभार्थी पावरलूम बुनकर द्वारा अपने निजी स्रोतों से वहन की जाएगी। एक बुनकर अधिकतम 02 सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम क्रय करने हेतु शासकीय अनुदान प्राप्त कर सकता है।
एक ऑटोमैटिक पावरलूम/शटललेस लूम/रैपियर लूम का अनुमानित बाजार मूल्य 05 लाख रुपये प्रति पावरलूम है। पावरलूम बुनकरों को ऑटोमैटिक पावरलूम/शटललेस लूम/रैपियर लूम क्रय करने हेतु प्रति पावरलूम 03 लाख रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। 01 लाख रुपये धनराशि बैंक से ऋण अनिवार्य एवं 01 लाख रुपये (20 प्रतिशत) पावरलूम व्यक्तिगत बुनकर अंश, यदि बुनकर अपना अंश लगाने में सक्षम नहीं है, तो वह (40 प्रतिशत) अर्थात 02 लाख रुपये बैंक ऋण ले सकता है। यह सुविधा एक बुनकर को एक ऑटोमैटिक पावरलूम क्रय हेतु प्रदान की जाएगी।
योजना के अन्तर्गत हथकरघा अथवा पावरलूम बुनकरों के लिए कार्यशाला का निर्माण कराया जाना है। इस कार्यशाला हेतु भूमि पर लाभार्थी/बुनकर का स्वामित्व होना चाहिए। व्यक्तिगत हथकरघा बुनकर हेतु 80,000 रुपये, व्यक्तिगत नवीन एवं सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम बुनकर हेतु 01 लाख 50 हजार रुपये एवं व्यक्तिगत ऑटोमैटिक पावरलूम कार्यशाला हेतु 01 लाख रुपये अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश के अनुसूचित जाति के ऐसे व्यक्तिगत हथकरघा/पावरलूम बुनकर, जो पुराने हथकरघा/पावरलूम पर अपने घर पर कार्य कर रहे हों अथवा ऐसे हथकरघा/पावरलूम बुनकर भी पात्र होंगे, जो दूसरे के यहाँ हथकरघा/पावरलूम पर बुनाई का कार्य कर रहे हों एवं उनके पास स्वयं की भूमि उपलब्ध हो और वह योजना का लाभ लेने की इच्छा रखता हो एवं योजना के अनुरूप स्वयं का अंशदान लगाने में सक्षम हो। अनुसूचित जाति के ऐसे नवयुवकों एवं नवयुवतियों, जो इस उद्योग में अपना स्वयं का स्वरोजगार स्थापित करने के इच्छुक हों तथा अपना अंश लगाने में सक्षम हों, योजना के लिए पात्र होंगे।
——–
अटल बिहारी बाजपेई पावरलूम बुनकर विद्युत फ्लैट रेट योजना अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने अटल बिहारी बाजपेई पावरलूम बुनकर विद्युत फ्लैट रेट योजना को अनुमोदित कर दिया है। योजना में किसी प्रकार के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री जी अधिकृत होंगे।
वर्ष 2006 में ऊर्जा विभाग के अनुभाग-3 के शासनादेश संख्या-1969/24-पी- 3-2006 दिनांक 14 जून, 2006 द्वारा पावरलूम बुनकरों को फ्लैट रेट पर विद्युत आपूर्ति करायी जाने की योजना शुरू की गयी।
प्रदेश में 05 किलोवॉट के कनेक्शनों में ग्रामीण विद्युत कनेक्शनों की संख्या-0.5 हॉर्स पावर के पावरलूम की संख्या-57,510 तथा 01 हॉर्स पावर के पावरलूम की संख्या-3,131 है। 05 किलोवॉट के कनेक्शनों में शहरी विद्युत कनेक्शनों के पावरलूम की संख्या-0.5 हॉर्स पावर के पावरलूम की संख्या-1,76,066 तथा 01 हॉर्स पावर के पावरलूम की संख्या-14,115 है।
शासनादेश दिनांक 04 दिसम्बर, 2019 द्वारा नई योजना लागू की गई, जिसके अनुसार पावरलूम बुनकरों को 01 हॉर्स पावर के पावरलूम को 240 यूनिट तक तथा 0.5 हॉर्स पावर के पावरलूम बुनकरों को 120 यूनिट तक 3.50 रुपये की दर से सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
बुनकर संगठनों ने यह प्रस्ताव रखा कि छोटे बुनकरों को फ्लैट रेट के आधार पर ही बिजली का बिल उपलब्ध कराया जाना उपयुक्त होगा, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपना कार्य कर सके। बुनकर संगठनों एवं अन्य सम्बन्धित संस्थाओं से सम्यक विचारोपरान्त अटल बिहारी बाजपेई पावरलूम बुनकर विद्युत फ्लैट रेट योजना का प्रस्ताव है।
योजना आर्थिक रूप से कमजोर बुनकरों के लिए है। अतः यह योजना 05 किलोवॉट तक के विद्युत कनेक्शनधारकों के लिये अनुमन्य होगी। इसमें वाराणसी कलाबत्तु, जरी निर्माण मशीन भी सम्मिलित है। 05 किलोवॉट भार की सीमा के अन्तर्गत ही सहयोगी उपकरणों व पावरलूमों हेतु आवश्यक सहयोगी प्रकाश एवं पंखे का भार भी सम्मिलित होगा। नोट :- सहयोगी उपकरण यथा बाबिन मशीन, वापिंग मशीन, कांनिंग मशीन, डबलिंग मशीन, वाईन्डर मशीन आदि।
(क) 05 किलोवॉट तक के नगरीय विद्युत कनेक्शन धारक बुनकरों के 0.5 हॉर्स पावर से चलने वाले पावरलूम (60 रीड स्पेस तक के) पर 400 रुपये प्रतिमाह प्रति पावरलूम लिया जायेगा।
(ख) 05 किलोवॉट तक के नगरीय विद्युत कनेक्शन धारक बुनकरों के 01 हॉर्स पावर से चलने वाले पावरलूम (60 रीड से अधिक) पर 800 रुपये प्रतिमाह प्रति पावरलूम लिया जायेगा।
(ग) 05 किलोवॉट तक ग्रामीण विद्युत कनेक्शनधारक बुनकरों के 0.5 हॉर्स पावर से चलने वाले पावरलूम (60 रीड स्पेस तक के) पर 300 रुपये प्रतिमाह प्रति पावरलूम लिया जायेगा।
(घ) 05 किलोवॉट तक के ग्रामीण विद्युत कनेक्शन धारक बुनकरों के 01 हॉर्स पावर से चलने वाले पावरलूम (60 ‘रीड से अधिक) पर 600 रुपये प्रतिमाह प्रति पावरलूम लिया जायेगा।
(ड़) 05 किलोवॉट से ज्यादा भार के पावरलूम कनेक्शन को 700 रुपये प्रति हॉर्स पावर व अधिकतम 9,100 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से अनुदान दिया जाना है। यह अनुदान ऊर्जा विभाग के द्वारा बिल में ही कम कर दिया जायेगा तथा हथकरघा विभाग के द्वारा अनुदान की राशि की प्रतिपूर्ति ऊर्जा विभाग को कर दी जायेगी।
(च) पावरलूम हेतु आवश्यक सहयोगी प्रकाश एवं पंखें का भार पावरलूमों एवं सहयोगी उपकरणों के कुल भार का 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। उक्त के अतिरिक्त कोई उपकरण का इस्तेमाल पाये जाने पर अनुमन्य छूट स्थायी तौर पर वापस ली जा सकेगी।
(छ) मा0 उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा पावरलूम बुनकरों हेतु समय-समय पर निर्धारित संगत विद्युत श्रेणी यथा एल0एम0वी0-2 या एल0एम0वी0-6 की सामान्य दरों पर नियमानुसार आगणित विद्युत प्रभार पर आरोपित इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी का पूर्ण भुगतान पावरलूम बुनकर उपभोक्ता द्वारा किया जायेगा।
(ज) पावरलूम उपभोक्ता द्वारा किसी माह में कान्ट्रेक्टिड लोड (संविदात्मक भार) से अधिक विद्युत भार प्रयोग किये जाने पर नियमानुसार आरोपित डिमान्ड सरचार्ज/पेनाल्टी पावरलूम उपभोक्ता द्वारा देय होगी।
(झ) बुनकर की घरेलू विद्युत का कनेक्शन अलग होगा, जिस हेतु अलग विद्युत मीटर लगाया जायेगा।
(ञ) ऊर्जा विभाग के द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि 05 किलोवॉट तक के पावरलूम उपभोगकर्ताओं द्वारा फ्लैट रेट की सुविधा का दुरूपयोग न किया जाये। इसके लिये प्रत्येक माह 10 प्रतिशत उपभोगकर्ताओं की रैण्डम चेकिंग की जायेगी। इस कार्य में हथकरघा विभाग के अधिकारी/कर्मचारी का भी सहयोग (संयुक्त निरीक्षण हेतु) लिया जायेगा। इस योजना से राज्य सरकार पर लगभग धनराशि 400 करोड़ रुपये का व्यय-भार प्रति वर्ष आयेगा।
योजना का लाभ उन पावरलूम बुनकरों को अनुमन्य होगा, जिनका परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त (हथकरघा तथा ऊर्जा विभाग द्वारा संयुक्त सत्यापन किया जा चुका है। नये पावरलूम बुनकरो को योजना का लाभ लेने हेतु परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त हथकरघा से पावरलूम विद्युत कनेक्शन का प्रार्थना-पत्र संस्तुत कराना होगा। पावरलूम बुनकर कनेक्शन प्रार्थना पत्र प्राप्त कर विद्युत विभाग द्वारा विद्युत कनेक्शन दिया जायेगा। परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त (हथकरघा) पावरलूम बुनकर होने का प्रमाण पत्र जारी करते समय पावरलूम बुनकर का आधार कार्ड संख्या, बैंक का नाम, बैंक खाता संख्या, बैंक का आई0एफ0एस0सी0 कोड, मोबाइल नम्बर एवं पावरलूम की क्षमता सहित संख्या तथा अन्य आवश्यक सूचनाएं प्राप्त करेंगे।
यह योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 में दिनांक 01 अप्रैल, 2023 से लागू की जानी प्रस्तावित है। प्रस्तावित नई अटल बिहारी बाजपेई पावरलूम बुनकर विद्युत फ्लैट रेट योजना हेतु ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम पर नया सॉफ्टवेयर उ0प्र0 पावर कॉरपोरेशन द्वारा तैयार कराया जायेगा। दिनांक 01 अगस्त, 2020 से 31 मार्च, 2023 तक की अवधि का विद्युत बिल का भुगतान भी इसी योजना के अन्तर्गत निर्धारित दरों से आच्छादित होगा।
——–
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना को अनुमोदित कर दिया है। योजना के क्रियान्वयन में भविष्य में यदि किसी संशोधन/परिमार्जन की आवश्यकता अनुभव होती है, तो उसके लिए मुख्यमंत्री जी अधिकृत होंगे। यह योजना वित्तीय वर्ष 2022-23 से अगले आदेशों तक अथवा 05 वर्षों तक, जो भी पहले हो, लागू रहेगी। इस योजना में आवेदन हेतु उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद, विकास प्राधिकरण तथा विशेष क्षेत्र प्राधिकरण पात्र होंगे।
उत्तर प्रदेश में शहरीकरण को बढ़ाया जाना प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक है। इस हेतु सम्पूर्ण सुविधाओं से युक्त नई सुनियोजित टाउनशिप्स का विकास किया जाना आवश्यक होगा। टाउनशिप का न्यूनतम क्षेत्रफल 25 एकड़ होगा। परन्तु विशेष परिस्थितियों में राज्य सरकार के पूर्वानुमोदन से इसे 12.5 एकड़ किया जा सकेगा।
विकास प्राधिकरणों, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों तथा उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद द्वारा नई टाउनशिप्स विकसित करने की क्षमता में वृद्धि किये जाने हेतु आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना प्रस्तावित है।
योजना के अन्तर्गत नये शहरों का समग्र एवं समुचित विकास हेतु उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद/विकास प्राधिकरणों/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों को नई टाउनशिप के विकास/पूर्व विकसित टाउनशिप के विस्तारीकरण करने हेतु भूमि अर्जन की लागत में आने वाले व्यय का 50 प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में अधिकतम 20 वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव है।
अभिकरणों द्वारा आवंटित धनराशि का आहरण करते हुए भूमि अर्जन/क्रय की कार्यवाही की जायेगी। आहरित धनराशि पर यदि कोई ब्याज अर्जित होता है, तो उसका उपयोग भी भूमि अर्जन/क्रय हेतु ही किया जायेगा। भूमि का अर्जन/क्रय सुसंगत अधिनियम/शासनादेशों के अनुसार किया जायेगा तथा उ0प्र0 राजस्व संहिता 2006 एवं उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता नियमावली 2016, भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 एवं भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार (उत्तर प्रदेश) नियमावली 2016 तथा भू-राजस्व से सम्बन्धित अन्य संगत अधिनियमों/नियमों/शासनादेशों एवं मा0 न्यायालयों द्वारा पारित विभिन्न संगत निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व विकास प्राधिकरणों/विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों का होगा।
उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद द्वारा भूमि का अर्जन/क्रय उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास अधिनियम 1965 एवं सुसंगत मा0 न्यायालय के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
——–