कांथी से नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सौमेंदु अधिकारी को उम्मीदवारी
कोलकाता: भाजपा ने शनिवार को 195 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची की घोषणा की, जिसमें पश्चिम बंगाल की 42 सीटों के लिए 20 उम्मीदवार शामिल हैं। पूर्वी राज्य के लिए नामित उम्मीदवारों में कोई चौंकाने वाला नाम नहीं था।हालांकि पिछले कुछ समय से कई नामों की अटकलें चल रही थीं, मगर शनिवार को जारी भाजपा की सूची ने आधिकारिक तौर पर पूर्वी मिदनापुर जिले के कांथी से पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के छोटे भाई सौमेंदु अधिकारी की उम्मीदवारी की पुष्टि की। सौमेंदु को उस सीट से मैदान में उतारा गया है, जहां से उनके पिता शिशिर अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद हैं। सौमेंदु अधिकारी कांथी नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष हैं। शुभेंदु अधिकारी के एक और छोटे भाई दिब्येंदु अधिकारी तमलुक लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा तृणमूल सांसद हैं।अटकलें हैं कि दिब्येंदु अधिकारी इस बार तमलुक से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, हालांकि पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा शनिवार को नहीं की। सूची में एक चौंकाने वाला नाम पश्चिम मिदनापुर जिले के घाटल से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अभिनेता से नेता बने हिरण्मय चट्टोपाध्याय का था। चट्टोपाध्याय उसी जिले के खड़गपुर-सदर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं। घाटल अब दो सिनेस्टारों की भिड़ंत का गवाह बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। अभिनेता से नेता बने दीपक अधिकारी उर्फ देव इस निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा तृणमूल सांसद हैं और उनके दोबारा मैदान में उतरने की संभावना है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अब उत्सुकता दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के लिए भाजपा के उम्मीदवार को लेकर है। यह देखना होगा कि क्या भाजपा अपने मौजूदा सांसद राजू सिंह बिष्ट को फिर से मैदान में उतारती है, जो पहाड़ी क्षेत्र के मूल निवासी नहीं हैं या ‘पहाड़ी पुत्र’ के सिद्धांत का पालन करती है।लिस्ट जारी होने से पहले कुछ सासंदों के टिकट कटने की चर्चा थी, लेकिन फिर भी उन्हें वफादारी और अच्छे काम के चलते मौका मिला है। इसके अलावा दल बदलकर आये मजबूत नेताओं के भी उम्मीदवार बनाया गया। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में श्रावस्ती से साकेत मिश्रा और दिल्ली में बांसुरी स्वराज जैसे नए चेहरों को मैदान में उतारकर सियासी पंडितों को चौंका दिया है। इसके अलावा भाजपा ने महेंद्र पांडे (चंदौली) और साक्षी महाराज (उन्नाव) को उम्मीदवार बनाकर पार्टी लाइन के प्रति वफादारी के लिए पुरस्कृत किया है। इससे पहले इन्हें हटाए जानें की अटकलें थी। 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम
तीन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बिप्लब कुमार देब और सर्बानंद सोनोवाल का नाम भी पहली लिस्ट में शामिल है। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित और चार बार के सांसद रहे हर्ष वर्धन, प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी को हटा दिया गया है।
इस आधार पर तय किए गए नाम
सूत्रों ने कहा कि बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘अबकी बार 370 पार’ के नारों को ध्यान में रखते हुए टिकट का बंटवारा किया है। जीतने की क्षमता को मुख्य मानदंड बनाया गया। पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक के आधार पर टिकट तय किए गए हैं। इसके अलावा सर्वे रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा जा रहा है। आपको बता दें कि रमेथ बिधूड़ी हाल ही में बीएसपी सांसद दानिश अली के खिलाफ अपनी विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में आ गए थे। वहीं, प्रवेश वर्मा और मीनाक्षी लेखी को लेकर सर्वे रिपोर्ट और कैडर से मिले फीडबैक उनके पक्ष में नहीं थे।।
टिकट काटने में भी नही परहेज
भाजपा ने भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और केंद्रीय मंत्री जॉन बारला (पश्चिम बंगाल में अलीपुरद्वार) को भी टिकट नहीं दिया है। असम के डिब्रूगढ़ से जीतने वाले एक अन्य केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली को भी टिकट नहीं दिया गया है। उनकी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को टिकट दिया गया है। A
इसके अलावा, भाजपा ने सात ऐसे मंत्रियों को भी टिकट दिया है जो राज्यसभा सांसद थे। गुना से केपी यादव की जगह ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ेंगे। अलवर (राजस्थान) से भूपेन्द्र यादव, तिरुवनंतपुरम (केरल) से राजीव चन्द्रशेखर, अटिंगल से वी मुरलीधरन, राजकोट (गुजरात) से परषोत्तम रूपाला और पोरबंदर (गुजरात) से मनसुख मंडाविया लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। रिपोर्ट अशोक झा