बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर शुभेंदु अधिकारी की दिल्ली में बैठक
अध्यक्ष के दौड़ में निशीथ प्रमाणिक, लॉकेट चटर्जी भी

अशोक झा, कोलकाता: बंगाल में आने वाले विधानसभा चुनाव में बंगाल बीजेपी का नेतृत्व कौन करेगा, यह अगले सात-दस दिनों में तय हो जाने की संभावना है। इससे पहले, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर दिल्ली आकर बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की विधायिका के विपक्षी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी ने।वास्तव में एक तात्कालिक यात्रा पर आज दिल्ली पहुंचे थे शुभेंदु। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने सीधे बीजेपी के केंद्रीय मुख्यालय में जाकर पार्टी के दो शीर्ष महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष और सुनील बंसल (पश्चिम बंगाल के प्रभारी) के साथ बैठक की। सूत्रों के अनुसार, बैठक में संभावित राज्य अध्यक्ष के नाम पर चर्चा हुई। बैठक में आज कई नामों पर विचार हुआ। केंद्रीय नेतृत्व सुकांत मजूमदार की जगह ऐसे किसी चेहरे को अध्यक्ष के रूप में देखना चाहता है, जिसकी राज्य बीजेपी में हर स्तर पर स्वीकृति हो। करीब दो घंटे की बैठक के बाद शाम को शुभेंदु कोलकाता लौट गए।होली के त्योहार से पहले बीजेपी नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करना चाहता है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न राज्यों में अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब तक लगभग 14 राज्यों और 6 केंद्रशासित क्षेत्रों में अध्यक्ष चुनाव हो चुका है। पार्टी के नियमों के अनुसार, यदि 50 प्रतिशत से अधिक राज्यों में अध्यक्ष चुनाव हो जाता है, तो केंद्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इसलिए बीजेपी नेतृत्व जल्दी से बाकी राज्यों में अध्यक्ष चुनाव संपन्न करना चाहता है। इसी कारण से आज शुभेंदु को त्वरित रूप से तलब किया गया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, राज्य अध्यक्ष चुनाव के मुद्दे के अलावा, भर्ती घोटाले की जांच में शुभेंदु के भाई दिव्येंदु अधिकारी द्वारा सुझाए गए नौकरी के उम्मीदवारों की एक सूची हाल ही में सीबीआई द्वारा सामने आई है। जिस परीक्षा को लेकर विवाद हुआ था, उस समय दिव्येंदु तृणमूल में थे। भर्ती घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर राज्य में तृणमूल नेतृत्व पहले ही सक्रिय हो चुका है। उस विवाद के माहौल में शुभेंदु की आज की यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भाजपा का लक्ष्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करना है, और इसके लिए संगठन को मजबूत करने से लेकर मतदाताओं तक प्रभावी तरीके से पहुंचने की योजना बनाई गई है। भाजपा के एक वरिष्ठ केंद्रीय नेता ने विशेष बातचीत में बताया कि पार्टी ने इस बार संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया है। 2021 के चुनाव में कई दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को भाजपा में जगह दी गई थी, लेकिन चुनाव के बाद वे वापस लौट गए। इस बार पार्टी बेहद सोच-समझकर कदम रख रही है और केवल समर्पित कार्यकर्ताओं पर भरोसा किया जाएगा।मार्च के दूसरे हफ्ते तक होगा प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान: उक्त नेता ने बताया कि भाजपा में संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया धीरे-धीरे पूरी की जा रही है। मंडल अध्यक्षों की घोषणा पहले ही हो चुकी है, जबकि सांगठनिक जिला अध्यक्षों के नाम भी लगभग तय हो चुके हैं। मार्च महीने के पहले हफ्ते तक जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी और इसके बाद एक हफ्ते के भीतर प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा। प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा होते ही भाजपा पूरे राज्य में चुनावी अभियान में पूरी ताकत झोंक देगी।50 लाख नए सदस्य, जनसंपर्क और आक्रामक आंदोलन की तैयारीपार्टी के नेता के मुताबिक, भाजपा ने इस बार 50 लाख नए सदस्य बनाए हैं, जो लगभग 50 लाख परिवारों तक पहुंचने का संकेत है। पार्टी का मानना है कि यदि वह इन सदस्यों का समर्थन बनाए रखती है और कुल मतों का एक-तिहाई हासिल कर लेती है, तो सत्ता पर कब्जा जमाने में सफल हो सकती है। इसके लिए भाजपा बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान चलाने की योजना बना रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि जल्द ही सड़क पर उतरकर तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ आक्रामक आंदोलन शुरू किया जाएगा। भाजपा का इरादा ममता सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा करने और जनता को अपने पक्ष में करने का है।अब देखना होगा कि 2026 के चुनावी समर में भाजपा की यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है।