कांग्रेस के साथ राहुल प्रियंका पर कुणाल घोष ने बोला हमला
कहा,राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आकर भाजपा को ऑक्सीजन देंगे बंगाल में

अशोक झा, कोलकाता : राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी गठबंधन ‘इंडिया’ के दो साझेदार कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस हैं। लोकसभा में सीटों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस निश्चित रूप से इस गठबंधन का बड़ा साझेदार है। इंडी गठबंधन के इस बड़े साझेदार के दो शीर्ष नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के कुणाल घोष ने सीधा हमला किया। राष्ट्रीय राजनीति के संदर्भ में जिस पार्टी के साथ कांग्रेस का संबंध बिल्कुल ‘सांप-नेवला’ जैसा है, उसी भाजपा को राहुल-प्रियंका पश्चिम बंगाल में ऑक्सीजन देने आ रहे हैं, ऐसा दावा ममता बनर्जी की पार्टी के इस नेता ने किया।
आगामी वर्ष में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले इस राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उत्साहित करने के लिए राहुल और प्रियंका आ सकते हैं। ऐसे बयान सुनने के बाद तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष का कहना था, “वे अपने राज्य में कुछ नहीं कर सकते। महाराष्ट्र, दिल्ली में कुछ नहीं कर सकते। जहां भाजपा को रोक रही है तृणमूल, वहां आकर वे विघटन करने आ रहे हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बंगाल में आकर भाजपा को ऑक्सीजन देने आ रहे हैं।”उन्होंने आगे कहा, “वे इसलिए आ रहे हैं, क्योंकि पूरे भारत में तृणमूल भाजपा का असली विपक्षी दल, असली चेहरा, असली मॉडल बनकर स्थापित हो जाएगा। और इसी कारण वे भाजपा के बी’टीम बनकर दलाली करने आ रहे हैं।”
यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में ‘इंडिया’ के दो साझेदार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने थे। उस संघर्ष में कांग्रेस को अधिक लाभ होने की बजाय आम आदमी पार्टी को ज्यादा नुकसान हुआ था, ऐसा राजनीतिक पंडितों का दावा था। चुनाव परिणाम में यह बात स्पष्ट भी हो गई। राजनीतिक हलकों का कहना है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के अल्पसंख्यक वोट बैंक में कांग्रेस ने दखल दिया था, जिससे कुछ सीटों पर परिणाम आप के खिलाफ गए। पश्चिम बंगाल में भी अल्पसंख्यक वोट तृणमूल का एक महत्वपूर्ण आधार है। यदि कांग्रेस यहां अपनी ताकत बढ़ाती है या राहुल-प्रियंका विधानसभा चुनाव से पहले बार-बार राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं, तो इस वोट बैंक में कुछ हद तक गिरावट आ सकती है। राजनीतिक हलकों का सवाल है, क्या इस बात को ध्यान में रखते हुए कुणाल घोष ने राहुल-प्रियंका के खिलाफ भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है?
वहीं, आरएसएस और भाजपा के बीच समन्वय प्रक्रिया पर भी कुणाल घोष ने कटाक्ष किया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “भा.ज.पा. यहां गुटबंदी से जर्जर है। एक बंग-विरोधी शक्ति है। बंगाल के लोग इन्हें नकार चुके हैं। इस कारण उन्हें फर्जी मतदाता लाने पड़ते हैं। उनके नेता एक-दूसरे को सहन नहीं कर सकते। केंद्रीय नेता जानते हैं कि इनसे कुछ नहीं होने वाला। कभी-कभी कहते हैं आरएसएस मदद करने आता है क्योंकि वे नहीं कर पा रहे हैं। ये सब हास्यास्पद है। वे जो भी बैठक करें, जिनसे भी बैठक करें, 2026 में तृणमूल भारी बहुमत से जीतेगी और चौथी बार ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनेंगी।”