असम के सीएम ने राहुलगांधी और ममता बनर्जी पर बोला हमला
कहा, हिंदुओं को मुस्लिम और ईसाई से ज्यादा खतरा असली खतरा लेफ्ट और लिबरल विचारधारा से

अशोक झा, सिलीगुड़ी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में अपने तीखे और बेबाक बयानों से एक बार फिर राजनीतिक हलचल मचा दी है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। सरमा ने कहा कि हिंदुओं को किसी मुसलमान या ईसाई से खतरा नहीं है, बल्कि असली खतरा लेफ्ट और लिबरल विचारधारा से है।अपने संबोधन में हिमंत बिस्वा सरमा ने भारतीय सभ्यता की प्राचीनता को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत कोई नया देश नहीं है, बल्कि यह एक 5000 साल पुरानी सभ्यता है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि औरंगज़ेब जैसे शासक, जिन्होंने हिंदू धर्म को मिटाने की कोशिश की थी, खुद ही समाप्त हो गए, लेकिन हिंदू धर्म आज भी मजबूती से खड़ा है। उन्होंने राहुल गांधी और ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर ये नेता सोचते हैं कि हिंदू धर्म को खत्म किया जा सकता है, तो वे गलतफहमी में हैं।सरमा ने लेफ्ट और लिबरल विचारधारा को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि 2014 तक देश में लेफ्ट और लिबरल लोगों का दबदबा था, जिन्होंने हिंदुओं को कटघरे में खड़ा किया और उन्हें सेक्युलरिज़्म के नाम पर अपनी पहचान छिपाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय के प्रधानमंत्री ने भी यह बयान दिया था कि देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का पहला अधिकार है। लेकिन, 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नई शुरुआत हुई।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उन्हें मुसलमानों या ईसाइयों से कोई खतरा नहीं है, क्योंकि वे भारत में अल्पसंख्यक हैं। असली खतरा उन लेफ्ट और लिबरल विचारों से है, जो देश को भीतर से कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां हिंदुओं को हाशिए पर धकेलने का काम किया गया और इसके पीछे लेफ्ट और लिबरल ताकतों का हाथ है। ममता बनर्जी को उन्होंने इसी विरासत का उत्तराधिकारी बताया।
असम के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि लेफ्ट और लिबरल विचारधारा ने इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत के गौरवशाली अतीत को विकृत करने का काम रोमिला थापर जैसी इतिहासकारों ने किया, जिन्होंने जेएनयू में बैठकर हिंदू सभ्यता को कमजोर दिखाने की कोशिश की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक हिंदू समाज एकजुट रहेगा, तब तक भारत में सभी धर्म सुरक्षित रहेंगे।हिमंत ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना की और कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद देश में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। ट्रिपल तलाक जैसी प्रथा को खत्म किया गया और समान नागरिक संहिता (UCC) की ओर बढ़ते कदम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वोट बैंक पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में एक खास वर्ग का वोट बैंक केवल धार्मिक आधार पर काम करता है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा, तभी देश की अखंडता और संस्कृति की रक्षा संभव होगी।अंत में, हिमंत बिस्वा सरमा ने देशवासियों से अपील की कि वे लेफ्ट और लिबरल विचारधारा के खिलाफ एकजुट हों और भारत की सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू समाज एकजुट रहेगा, तो किसी भी ताकत को उसे कमजोर करने का मौका नहीं मिलेगा।