करोड़ों के साइबर अपराध में सिलीगुड़ी खालपाड़ा से मुकेश अग्रवाल गिरफ्तार

– वकील अखिल विश्वास की सूझबूझ और राजस्थान पुलिस की कानूनी कमियों से कोर्ड से मिली जमानत
– राजस्थान पुलिस का ट्रांजिट रिमांड का सपना रह गया अधूरा
– देश के विभिन्न राज्यों में 15 से अधिक स्थानों पर करोड़ों के साइबर ठगी का है मुकेश के खिलाफ मामला दर्ज
अशोक झा, सिलीगुड़ी: पुलिस अनुसंधानकर्ता को कानूनी जानकारी कि पुख्ता जानकारी का अभाव और कोर्ट में वकील की अच्छी दलील से अपराधी पकड़े जाने के बाद भी जेल जाने से बच जाते है। ऐसा ही एक मामला सिलीगुड़ी में देखने को मिला।
महामन्दिर, जोधपुर राजस्थान की पुलिस टीम दिनांक 28/12/2024 के साइबर क्राइम से 17 लाख 30 हजार रुपए के ठगी मामले में खालपाड़ा महात्मा गांधी रोड निवासी मुकेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया। उसे सिलीगुड़ी कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड पर ले जाने की मांग की। कोर्ट को बताया कि महावीर राज लोढापुत्र श्री सम्पतराज लोढ़ा घांचियों का बास, महामंदिर, जोधपुर ने 28.12. 2024 को 15 लाख की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। बताया कि प्रार्थी का नम्र निवेदन है कि मेरे पास दिनांक 24/12/2024 को मो. नं. 8105391021 इस नम्बर से कॉल आया जिसमें आपका नाम मनी लॉड्रिंग केस में आया है। जिसके झांसे में मैं आ गया तथा मैंने उनसे पूछा कि मुझे क्या करना पड़ेगा तों उन्होंने कहा मनी लॉन्ड्रिंग केस से बचने के लिऐ 15,00,000/- बताये गये खाते में जमा कराने के लिये दबाव डाला जिससे मैंने उस खाते में पैसे डलवा दिये। जिससे आप मनी लॉड्रिंग केस से फ्री हो जायेगें। उसी झांसे में आकर मैंने तुरन्त बताये गये खाते मुकेश अग्रवाल के नाम से बैंक ऑफ महाराष्ट्र में एक खाता संख्या 60515453007 में 15,00,000/ पन्द्रह लाख रूपये आर.टी.जी.एस. के माध्यम से आई.सी.आई.सी. ओआई बैंक द्वारा जमा करवा दिये तथा उसके पश्चात पुनः उसी नम्बर से व्वाट्सएप कॉल आया और कहा कि आपके 2,30,000 रूपये और ड्यू निकल रहे हैं। वो आप तुरन्त जमा करवा दें जिससे मैंने तुरंत उसी दिन खाता कमल किशोर पी.एन.बी. बैंक खाता संख्या 0906000100340894 में दिनांक 26.12.2024 रूपये 2,30,000/- जमा करवा दिये। फिर उसके बाद आज दिनांक 28.12.2024 को सुबह 8.26 मिनट पर कॉल आया कि मैं आपको पुनः शाम को करीबन 7 या 8 बजे फोन करूंगा। इस प्रकार कुल 17,30,000/-रूपये का मेरे साथ सायबर फ्राड हो गया है। जांच के बाद जोधपुर कोर्ट से धारा 316, 318 (4) के तहत मुकेश अग्रवाल के खिलाफ वारंट जारी करवाया गया। इसी के तहत जांचकर्ता एएसआई बाबूलाल टीम के साथ मुकेश को गिरफ्तार किया। लेकिन बचाव पक्ष के कानूनी दांव पेश के बड़े खिलाड़ी अखिल विश्वास ने गिरफ्तारी के सभी मापदंडों पर गंभीर प्रश्न उठाया। सारी दलील सुनने के बाद कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड तो दूर गिरफ्तारी को ही गलत करार देते हुए पीआर बॉन्ड पर आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया। देखना यह होगा कि अन्य राज्यों के साइबर क्राइम मामले में मुकेश आखिरकार जबतक बच पाता है। बचाव पक्ष के वकील को मुकेश ने बताया कि उनको असम में कुछ बदमाश ले गए थे। उनके नाम से कागजात के आधार पर खाता खोल यह पूरा खेल खेला है। राजस्थान पुलिस को वापस लौटना पड़ेगा। उनकी सारी मेहनत बेकार चली गई। हो सकता है कि वह अगली बार पुलिस कानूनी प्रक्रिया को समझकर फिर से मुकेश अग्रवाल को राजस्थान ले जाए। इस घटना को लेकर सिलीगुड़ी ही नहीं आसपास के इलाके में चर्चा हो रही है।