स्ट्रोक:उपचार प्रोफेसर जगदीश

स्ट्रोक:उपचार प्रोफेसर जगदीश

स्ट्रोक:उपचार
प्रोफेसर जगदीश

अध्धयन की पृष्ठभूमि

स्ट्रोक एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है। यह दुनिया भर में मृत्यु का दूसरा सबसे आम कारण और विकलांगता का चौथा प्रमुख कारण है। मिरर थेरेपी पुनर्वास में एक अपेक्षाकृत नया दृष्टिकोण है जिसका उपयोग स्ट्रोक सहित विभिन्न न्यूरोलॉजिकल विकारों में किया जाता है। मिरर थेरेपी में, अप्रभावित अंग के बगल में एक दर्पण लगाया जाता है, जिससे प्रभावित अंग का दृश्य अवरुद्ध हो जाता है। इससे यह भ्रम पैदा होता है कि दोनों अंग ठीक से काम कर रहे हैं। साक्ष्य बताते हैं कि मस्तिष्क के मोटर कॉर्टेक्स के क्षतिग्रस्त क्षेत्र में अक्षुण्ण कार्यशील अंगों की गतिविधियों को देखने से सुधार हो सकता है। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य हस्तक्षेप समूह में ऊपरी छोर के मोटर फ़ंक्शन और तुलनात्मक समूह में शम थेरेपी पर मिरर थेरेपी की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था।

तरीके:

अपनाया गया अनुसंधान डिज़ाइन वास्तविक प्रायोगिक पूर्व परीक्षण पश्चात परीक्षण डिज़ाइन था। नमूना आकार कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल, लखनऊ में खराब ऊपरी छोर मोटर फ़ंक्शन वाले 300 स्ट्रोक रोगियों का था। इस अध्ययन में उद्देश्यपूर्ण नमूनाकरण तकनीक का उपयोग किया गया। मरीजों को हस्तक्षेप समूह में 150 और तुलनात्मक समूह में 150 में यादृच्छिक रूप से सौंपा गया था। इस अध्ययन के लिए ब्रूनस्ट्रॉम मोटर रिकवरी स्केल III और IV चरण के रोगियों का चय न किया गया था। ऊपरी छोर के मोटर प्रदर्शन, संवेदी कार्य, निष्क्रिय संयुक्त गति और जोड़ों के दर्द का आकलन करने के लिए फुग्ल-मेयर मूल्यांकन उपकरण का उपयोग किया गया था। फ्यूगल-मेयर असेसमेंट का उपयोग करके दोनों समूहों में हस्तक्षेप के पहले दिन पूर्व परीक्षण डेटा एकत्र किया गया था। फ़ुग्ल-मेयर असेसमेंट का उपयोग करके दोनों समूहों में हस्तक्षेप के 7वें और 14वें दिन पोस्ट टेस्ट I और पोस्ट टेस्ट II डेटा एकत्र किया गया था। हस्तक्षेप समूह के लिए मिरर थेरेपी न्यूनतम 2 सप्ताह और अधिकतम डिस्चार्ज होने तक प्रतिदिन 30 मिनट और सप्ताह में 7 बार दी गई। तुलनात्मक समूह के लिए डिस्चार्ज होने तक न्यूनतम 2 सप्ताह और अधिकतम तक 30 मिनट/दिन और सप्ताह में 7 बार शम थेरेपी दी गई।
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:

स्ट्रोक वाले रोगियों में तुलनात्मक समूह की तुलना में हस्तक्षेप समूह में मोटर प्रदर्शन में महत्वपूर्ण सुधार हुआ (टी=10.05, पी<0.05)। स्ट्रोक वाले रोगियों में तुलनात्मक समूह की तुलना में हस्तक्षेप समूह में संवेदी कार्य में महत्वपूर्ण सुधार हुआ (टी=8.67, पी<0.05)। स्ट्रोक के रोगियों में तुलनात्मक समूह की तुलना में हस्तक्षेप समूह में निष्क्रिय संयुक्त गति में सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण सुधार हुआ (टी=8.50, पी<0.05)। स्ट्रोक के रोगियों में तुलनात्मक समूह की तुलना में हस्तक्षेप समूह में जोड़ों के दर्द में उल्लेखनीय सुधार हुआ (टी=10.83, पी<0.05)।
निष्कर्ष:

ऊपरी छोर के मोटर फ़ंक्शन में सुधार के लिए मिरर थेरेपी एक प्रभावी, सस्ता और गैर-औषधीय उपाय था। अध्ययन के परिणाम से पता चला कि शम थेरेपी समूह की तुलना में हस्तक्षेप समूह में स्ट्रोक के रोगियों में मोटर प्रदर्शन, संवेदी कार्य, निष्क्रिय संयुक्त गति और जोड़ों के दर्द से जुड़े ऊपरी छोर के मोटर फ़ंक्शन में महत्वपूर्ण सुधार हुआ था।
मुख्य शब्द: स्ट्रोक, मिरर थेरेपी, शेम थेरेपी, ब्रूनस्ट्रॉम मोटर रिकवरी स्केल, फुग्ल-मेयर असेसमेंट।

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