अगले तीन वर्षों में नक्सलवाद के खतरे से मुक्त हो जाएगा: गृहमंत्री अमित शाह
सिलीगुड़ी: गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश अगले तीन वर्षों में नक्सलवाद के खतरे से मुक्त हो जाएगा। गृह मंत्री ने यहां सलोनीबारी में सशस्त्र सीमा बल के 60 वें स्थापना दिवस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बीच, एसएसबी सीमावर्ती गांवों की संस्कृति, इतिहास, स्थलाकृति और भाषा को सूक्ष्मता से एकीकृत करने और लोगों को एकसाथ लाने में एक अद्वितीय भूमिका निभाता है। उन क्षेत्रों में जो देश के बाकी भागों के करीब हैं। अमित शाह ने कहा कि सीमाओं की रक्षा करने के अलावा, एसएसबी ने अन्य सीएपीएफ के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्यों का पालन किया है। शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में अगले 3 वर्षों में देश नक्सल समस्या से 100 फीसदी मुक्त हो जाएगा। गृह मंत्री ने इस मौके पर एक डाक टिकट जारी करने के अलावा 3 बटालियनों को ट्रॉफी के साथ 6 एसएसबी कर्मियों को अनुकरणीय सेवा के लिए पुरस्कार प्रदान किए। इस कार्यक्रम में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे। अमित शाह का ढेकियाजुली में अखिल बाथौ महासभा के 13वें त्रिवार्षिक सम्मेलन में भाग लेने, ‘असम के ब्रेवहार्ट-लाचित बरफुकन’ नामक पुस्तक का विमोचन करने और गुवाहाटी में पुनर्निर्मित ब्रह्मपुत्र रिवर फ्रंट का उद्घाटन करने का भी कार्यक्रम है। शाह ने एसएसबी के 6 कर्मियों के साथ 3 बटालियन को उनकी अनुकरणीय सेवा के लिए पुरस्कार दिए और इस मौके पर एक डाक टिकट भी जारी की। उन्होंने कहा कि सीमाओं की रक्षा के अलावा एसएसबी के साथ ही अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) ने छत्तीसगढ़ और झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी रूप से अपना कर्तव्य निभाया है। केद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान पूर्वोत्तर में हिंसक घटनाओं में 73 प्रतिशत की कमी आई है। मंत्री ने मेघालय की राजधानी शिलांग में उत्तर पूर्वी परिषद के 71वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। केद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान पूर्वोत्तर में हिंसक घटनाओं में 73 प्रतिशत की कमी आई है। मंत्री ने मेघालय की राजधानी शिलांग में उत्तर पूर्वी परिषद के 71वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। रिपोर्ट अशोक झा