बंगाल में मूर्ति की चोरी से आस्था खा रहा उबाल, देशभर में जैन समुदाय आंदोलन के मूड में


– विनय जैन ने कहा, मूर्ति की कीमत नहीं, अपराधियों ने भावनाओं से किया खिलवाड़
-पुलिस की दी समय सीमा 6 जून को हो रही समाप्त, अब धरना, प्रदर्शन और बाजार बंद की कवायत शुरू
अशोक झा, सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी से सटे बिहार के ठाकुरगंज जैन मंदिर के पहले तल पर स्थित मंदिर का गैस कटर से ताला तोड़कर चोरी हुई थी। इसको लेकर समाज के लोगों के साथ साथ जैन संत, मुनि और आचार्य वर्ग में भी रोष है। आचार्य दया सागर महाराज आचार्य प्रसन्न सागर महाराज समेत देश विदेश के जैन संगठन से जुड़े लोग नाराज है। बताया की चोरों ने आस्था पर चोट करते हुए पूजा की जा रही 2 प्रतिमाएं ,2 चांदी की बनी 2 सिंहासन ,9 छत्र, 3 भामण्डल और तिजोरी में रखे नगदी पर हाथ साफ कर दिया।अज्ञात अपराधियों ने शातिर पेशेवर अपराधी की तरह पूरी घटना को अंजाम दिया। इसका खुलासा तब हुआ जब पूजा के लिए श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे। पुलिस जॉच में सीसीटीवी में देखा है। जहां तक चोरी गए सामग्री की कीमत की बात है तो यह कुल 3 लाख के आसपास ही होगी। लेकिन मंदिर में दूसरी बार चोरी से क्षेत्र का पूरा समाज आहत है। जैन मंदिर और पूजा से विशेष लगाव रखने वाले विनय जैन ने कहा की वे मंदिर में चोरी के बाद से 72 घंटो तक उपवास किया। आज भी अंदर ही अंदर मूर्ति के लिए आंसू बहा रहे है। आहत विनय जैन तो यहां तक कहते है की अगर प्रशासन मूर्ति को बरामद करने में विफल होती है तो बाध्य होकर वह समाज के साथ आमरण अनशन पर बैठने पर बाध्य होंगे। अभी तक समाज के लोग चुनाव और पुलिस के दिए समय सीमा को लेकर चुप बैठे है। विनय जैन का कहना है वह वर्ष 2015 में इस मूर्ति को मंदिर में लाकर स्थापित की थी। उसके आजतक वह इसकी आराधना करते आ रहे है। पुलिस जॉच को आती है तो पूछती है इसकी कीमत क्या होगी?। मन में गुस्सा आता है की इस प्रकार का सवाल कर आस्था के साथ खिलवाड़ ही तो है नहीं तो और क्या है?
अंधेरे में पुलिस मार रही हाथ पैर : आस्था के उबाल को बल इस बात को लेकर भी मिल रहा है की बात का 1और 2 जून की रात को इस घटना को अंजाम दिया गया। पुलिस जांच के बाद बार -बार यह कह रही थी जब पहाड़कट्टा के हत्याकांड को सुलझा लिया गया तो यह क्या है। अब लोग सवाल पूछ रहे है की क्या अब तक किसी संदिग्ध तक पुलिस पहुंची? क्या इस चोरी से पुलिस संरक्षण में पल रहे अपराधियों में कोई गैंग का हाथ तो नहीं? जब यह पूछा गया की इसका मतलब क्या है। अपना नाम नहीं छापने के नाम पर एक नहीं एक दर्जनों लोगों ने कहा कि सभी कहते है इस चोरी को अंजाम नशा के आदि लोगों ने पैसे के लिए दिया। अब सवाल यह है की जब बिना किसी निशानदेही और पुख्ता सबूत के पुलिस हत्यारोपियों तक पहुंच सकती है तो क्या कारण है की पुलिस नशा के धंधा से जुड़े गैंग और इसके सेवन करने वाले पर शिकंजा नहीं डाल रही। शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध है लेकिन यहां होम डिलेवरी हर किसी को मालूम है। शहर में अवैध रूप से समाज विरोधी कार्य को अंजाम आए दिन दिया जा रहा है। पुलिस उसी पर अपना शिकंजा कसती है जो उनके स्वार्थ सिद्धि में बाधा नजर आता है। राजेश जैन, नरेश जैन, त्रिलोक अग्रवाल, मोहन जैन, पद्म जैन ,सविता, कविता सहित अन्य जैन परिवार का कहना है की बात निकलेगी तो दूर तक जाएगी। आस्था से खिलबाड़ करने वाले को तुरंत पुलिस पकड़े। काम से कम 4 मई 2018 में मंदिर में चोरी की घटना को अंजाम देने वाले अपराधी से पूछताछ तो करें पुलिस।
क्या कहना है जनपतिनिधियों का : पूर्व विधायक गोपाल धनुका, भाजपा नेता बिजली सिंह, वार्ड पार्षद अमित सिन्हा, कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष उत्तम साहा और राजद नेता मुस्ताक अहमद का कहना है की इस प्रकार के अपराध में जुड़े लोगों को समाज के सामने लाना पुलिस का दायित्व है। आस्था किसी भी धर्म और समाज का क्यों ना हो इसके साथ खिलबाड़ नहीं होना चाहिए। इस संबंध में पुलिस के वरीय अधिकारी को हस्तक्षेप करते हुए विभाग के कारगुजारी पर सवाल उठाने का मौका नहीं देना चाहिए।

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