बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना त्यागपत्र देकर देश छोड़ निकली, सेना ने संभाला मोर्चा

अशोक झा, सिलीगुड़ी: बांग्लादेश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया। शेख हसीना के एक करीबी सूत्र से मिली जानकारी शेख हसीना राजधानी ढाका छोड़ चुकी हैं और एक सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं। सूत्र ने बताया, ‘वह और उनकी बहन गणभवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास) छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं. वह एक भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें ऐसा करने का अवसर नहीं मिल सका। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान कल भीषण झड़पों में 300 लोगों के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं। इसके साथ ही पिछले महीने शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों से अब तक मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है।हिंसक झड़प के बाद देश के कई हिस्सों में सेना को तैनात किया गया है। पहले ये खबर आ रही थी कि वह फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी जा सकती हैं, लेकिन अब खबर है कि वह भारत आ रही है। BSF के शीर्ष सूत्रों के हवाले से बताया कि उन्हें त्रिपुरा होते हुए बंगाल आना है। पश्चिम बंगाल में रिसीव करने के लिए तैयारी चल रही है। हसीना ने अपनी बहन के साथ शेख रेहाना के साथ देश छोड़कर चली गई हैं। शेख हसीना के ढाका से भागने की तस्वीरें भी सामने आ गई हैं। इसी वीडियो में कई गाड़ियां और एक हेलीकॉप्टर दिखाई दे रहा है। इसी हेलीकॉप्टर में शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना के देश छोड़ने की खबर है। दूसरी तरफ एक और तस्वीर सामने आई है, जिसमें कई प्रदर्शनकारी ढाका में प्रधानमंत्री आवास में घुस गए और हसीना के देश छोड़े जाने पर जश्न मनाते दिखे। नेताओं के साथ बांग्लादेश के सेना प्रमुख की बैठक: वहीं बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान सेना मुख्यालय में अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे हैं। जातीय पार्टी के सह-अध्यक्ष अनीसुल इस्लाम महमूद और पार्टी महासचिव मुजीबुल हक चुन्नू को भी इस मीटिंग में बुलाया गया है। ढाका यूनिवर्सिटी के कानून विभाग के प्रोफेसर आसिफ नजरूल को भी सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान के साथ बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। इससे पहले खबर आई थी कि दोपहर करीब 3 बजे सेना अध्यक्ष राष्ट्र के नाम संबोधन करेंगे। रिपोर्ट की मानें तो इसी के साथ देश में एक अंतरिम सैन्य सरकार बनाने का ऐलान भी किया जा सकता है।
बांग्लादेश हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत: प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को आम जनता से ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ में भाग लेने का आह्वान किया था एक दिन पहले बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में झड़प में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। झड़पें रविवार की सुबह हुईं, जब प्रदर्शनकारी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के बैनर तले आयोजित ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया तथा फिर दोनों पक्षों के बीच झड़ल हुई। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे को लेकर हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं। भारत ने नागरिकों को जारी की एडवाइजरी: भारत ने बांग्लादेश में रह रहे अपने सभी नागरिकों को हिंसा की ताजा घटनाओं के मद्देनजर ‘अत्यधिक सावधानी’ बरतने और अपनी आवाजाही सीमित रखने की सलाह दी।भारत ने नया एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों से अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा नहीं करने के लिये कहा है। विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा, ‘वर्तमान घटनाक्रम को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी जाती है.’ एडवाइजरी के मुताबिक, ‘बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी आवाजाही सीमित रखने और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के हमेशा संपर्क में रहने की हिदायत दी है। बांग्लादेश में क्यों भड़क रही हिंसा?: बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. इस आरक्षण के तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।

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