अपने ही सरकार की सच्चाई बताना मंहगा पड़ा, TMC प्रवक्ता पद से हो गई छुट्टी
अशोक झा, कोलकाता: रजी कर मेडिकल कॉलेज को लेकर बयानबाजी करना टीएमसी नेता शांतनु सेन को भारी पड़ गया है। दरअसल टीएमसी ने शांतनु सेन को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया है। पार्टी के इस फैसले पर शांतनु सेन की प्रतिक्रिया भी सामने आई है और उन्होंने कहा कि वह टीएमसी के साथ थे और आगे भी टीएमसी के साथ ही रहेंगे। सेन ने शुक्रवार को बात करते हुए कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि मैंने टीएमसी की सभी लड़ाइयों में एक सिपाही की तरह काम किया है और आज भी मैं उसी तरह काम कर रहा हूं। मैं दो बातें कहना चाहूंगा, जब भी मैंने प्रवक्ता के तौर पर कोई बयान दिया, मैंने न तो पार्टी के खिलाफ और न ही किसी नेता के खिलाफ कुछ कहा है। मैं वही बात कहूंगा, जो मैंने पहले दिन कही थी। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी खबरें सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ममता बनर्जी तक सही तरीके से नहीं पहुंचाई जाती हैं।जब दूसरी पार्टियों के नेता हमारे साथ जुड़ते हैं या दूसरी पार्टियों के जीतने वाले उम्मीदवार हमारे साथ जुड़ते हैं और उन्हें सम्मान दिया जाता है, तो बुरा लगता है। वहीं पार्टी के एक समर्पित और सच्चे सिपाही को इसका सामना करना पड़ता है। मैं टीएमसी के साथ था और टीएमसी के साथ ही रहूंगा।
आपको बता दें कि उन्होंने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और राज्य स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की आलोचना की थी।
मेडिकल कॉलेज में गिरोह सक्रिय है. उनके इस बयान के बाद टीएमसी ने उनको पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया है। दरअसल, टीएमसी के प्रवक्ता रहे शांतनु सेन ने बुधवार को कहा कि वह इस मामले में अपनी पार्टी का बचाव नहीं करेंगे। इस आरजी कर कॉलेज में पठन-पाठन का काम कूड़ा बन गया है। बाकायदा एक गिरोह इस कॉलेज को चला रहा है। मेरी बेटी भी एक पीड़िता है क्योंकि वह इस गिरोह में शामिल नहीं हुई। बेटी भी पीड़िता: राज्यसभा के पूर्व सांसद शांतनु ने आगे कहा कि अगर आप इस गिरोह को तेल नहीं लगाते हैं तो आपको टार्गेट किया जाता है और अगर आप तेल लगाते हैं तो आप जो चाहें वो कर सकते हैं। आपको किसी खास प्रोफेसर का नाम लेने की जरूरत नहीं है। बल्कि अगर आप उनके गुड बुक में हैं तो आप परीक्षा में नकल भी कर सकते हैं। लेकिन, जब आप सवाल उठाएंगे तो आपको टार्गेट किया जाएगा और फिर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने अच्छे हैं। अपनी बेटी के बारे में बात करते हुए शांतनु ने कहा कि सरस्वती पूजा के एक दिन पहले मेरी बेटी प्री पूजा सेलिब्रेशन के लिए कॉलेज गई थी। लेकिन, क्योंकि मेरी बेटी उस गिरोह का हिस्सा नहीं थी, इस कारण उसको उसमें शामिल नहीं होने दिया गया। कोई भी उससे बात नहीं करता और न ही कोई उसके साथ पढ़ाई करता है।प्रिंसिपल जिम्मेदार: सेन ने यह भी आरोप लगाया कि इस कॉलेज का स्तर गिराने के लिए पूरी तरह पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष जिम्मेदार हैं। हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए काफी कुछ किया है। लेकिन, बीते तीन साल से प्रिंसिपल की वजह से आरजी कर मेडिकल कॉलेज की स्थिति बहुत बुरी हो चुकी है। उनके इस बयान के बाद टीएमसी ने शांतनु को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया है। टीएमसी ने कहा कि शांतनु आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी सोशल एक्टीविटी में लिप्त हैं। शांतनु विरोध प्रदर्शन कर से बच्चों के साथ भी दिखे थे। वह इससे पहले भी राज्य में अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की स्थिति को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं।