अस्पताल में हमलावरों के नाम के साथ सीएम ममता को भाजपा ने घेरा
कहा, क्यों नहीं कर पा रही पुलिस गिरफ्तार, क्या है टीएमसी कनेक्शन
अशोक झा, कोलकोता: भाजपा के दावों के अनुसार, इस हमले में शामिल कुछ आरोपितों की पहचान की जा चुकी है, जो टीएमसी के करीबी माने जा रहे हैं। इनमें जब्बार मोहम्मद, मोहम्मद सरफराज, मोहम्मद आमिर, और तौसीफ का नाम सामने आया है, लेकिन पुलिस ने अब तक इनकी गिरफ्तारी नहीं की है। दिलचस्प बात ये है कि पुलिस ने इन सभी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की, इन सभी के घर गई लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी। भाजपा ने इसे ममता बनर्जी की सरकार का राजनीतिक खेल बताते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर सफाई देते हुए इसे विपक्षी दलों की साजिश करार दिया है और कहा है कि पुलिस ने संयम से काम लिया है। उन्होंने भाजपा और सीपीएम पर घटना को भड़काने का आरोप लगाया। इसके बाद शनिवार को भाजपा ने इन सभी हमलावरों के नाम और तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और ममता सरकार का पुलिस प्रशासन आरोपितों को बचाने का प्रयास कर रहा है। भाजपा ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, आरजीकर मेडिकल कॉलेज में हुई हालिया तोड़फोड़ की घटना को लेकर ममता बनर्जी की पुलिस और कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल पर सवाल उठने लगे हैं। जहां ममता बनर्जी इस घटना के लिए भाजपा और अन्य विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहरा रही हैं, वहीं कुछ ऐसे आरोपितों की पहचान की गई है, जिनकी सत्तारूढ़ दल से करीबी बताई जा रही है। पहचान किए गए आरोपित हैं: जब्बार मोहम्मद: यह व्यक्ति बेलगछिया बस्ती के जरियाना मैदान के पास तीसरी मंजिल के मकान में रहता है। पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके घर पहुंची थी, लेकिन यह जानकर कि वह दादा का करीबी है, उसे छोड़ दिया। पुलिस का कहना है कि जब्बार उस समय घर पर नहीं था। मोहम्मद सरफराज: यह व्यक्ति बेलगछिया बस्ती के छोटे मस्जिद इलाके का निवासी है। वह टीएमसी के चुनाव प्रबंधन में सहायक है, गुंडों को लाकर कस्बा के एक स्थानीय पार्षद की जीत में मदद कर चुका है। मोहम्मद आमिर: यह व्यक्ति भी दादा यानि स्थानीय पार्षद का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। तौसीफ: बेलगछिया दत्ता बागान का निवासी तौसीफ ने पुलिस को बताया कि उसने दादा के निर्देश पर तोड़फोड़ की थी। इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। इस जानकारी के बाद, ममता बनर्जी को अब इन आरोपितों की राजनीतिक संबद्धता को पहचानने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। इस घटना के पीछे टीएमसी के सदस्यों की संलिप्तता का आरोप विपक्षी दलों द्वारा लगातार लगाया जा रहा है, जो कि पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल खड़े करता है। वही शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें कुछ जानकारियां मिली हैं जो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए काम की हो सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को इसकी जांच करनी चाहिए। भाजपा नेता ने लिखा : “मैंने अपने विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों से जो जानकारी एकत्र की है, वह सीबीआई द्वारा की गई जांच के उद्देश्य से प्रासंगिक हो सकती है। मृतका डॉक्टर का विसरा कोलकाता पुलिस द्वारा जांच के नाम पर बदल दिया गया है। इस जघन्य अपराध और घटनास्थल में कई व्यक्तियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। खून से सने वस्तुओं को बाद में बदल दिया गया है और कोलकाता पुलिस द्वारा की गई जब्ती में जो दर्शाया गया है, वह वास्तविक सामान नहीं हैं, जिसे डीएनए परीक्षण द्वारा अच्छी तरह से पता लगाया जा सकता है। वॉश बेसिन को हटाकर एक नया बेसिन लगाया गया है। परिसर के किसी दूसरे कोने में डॉक्टर की हत्या करने के बाद शव को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में ले जाया गया।। उन्होंने उम्मीद और भरोसा जताया है कि सीबीआई जांच के दौरान इन पहलुओं पर भी गौर करेगी, क्योंकि “मामले को दबाने के लिए की जा रही औपचारिक जांच की कोलकाता के पुलिस आयुक्त सीधे निगरानी कर रहे थे और उनके निर्देश पर जांच की जा रही थी।