संजय राय ने कहा उसने नही किया हत्या और रेप, इसके पीछे कौन ?
अशोक झा, कोलकोता: 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए हत्याकांड को लेकर देशभर में आक्रोश है। हत्या को 12दिन हो गए हैं। लेकिन पुलिस ने अभी तक इस बात को साफ नहीं किया है कि पीड़िता के साथ रेप हुआ या फिर गैंगरेप?
सीबीआई की पूछताछ में संजय ने दावा किया कि उन्होंने न तो रेप किया और न ही हत्या। उनका कहना है कि जब वे घटनास्थल पर पहुंचे, तब तक यह सब हो चुका था। उन्हें जब इस घटना की जानकारी मिली, तो वह बस देखने गए थे। इसलिए, उन्होंने सीबीआई से अनुरोध किया कि किसी भी तरह के टेस्ट से यह साबित किया जाए कि वे इस अपराध में शामिल नहीं हैं।सीबीआई ने उससे करीब आठ घंटे तक पूछताछ की है। सूत्रों के अनुसार, उनके बयान की जांच की जा रही है और उन्हें फिर से बुलाया जा सकता है। सीबीआई दरअसल एएसआई दत्ता की इस केस के प्रमुख आरोपी संजय रॉय के साथ कथित निकटता की जांच कर रही है. संजय रॉय को 2019 में आपदा प्रबंधन समूह के लिए सिविक वॉलंटियर के रूप में भर्ती किया गया था, लेकिन उसने वहां कभी काम नहीं किया। वह कोलकाता पुलिस वेलफेयर बोर्ड के लिए काम करने लगा था। पता चला है कि दत्ता ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के साथ रूम शेयर किया था. ऐसे में सीबीआई एएसआई दत्ता और संजय रॉय के बीच के संबंधों की जांच कर रही है. ऐसे में सीबीआई ने दत्ता से संजय रॉय के साथ उनके कथित संबंधों के बारे में पूछताछ की गई.
अनूप दत्ता से सीबीआई ने पूछे ये 12 सवाल…
आप संजय रॉय को कबसे जानते हैं।संजय रॉय आपके बैरक में क्यों और कबसे रहता था।क्या आप भी उसके साथ रहते थे।क्या संजय रॉय ने वारदात वाले दिन आपसे बात की थी। अगर की थी तो कब, कितनी बार और क्या बात की। संजय रॉय ने आपको क्या इस वारदात के बारे में कुछ बताया था।संजय रॉय कैसी प्रवृत्ति का आदमी है।क्या वारवाद वाली रात में संजय ने बैरेक में शराब पी थी? क्या आप भी साथ में पी रहे थे।
क्या संजय हिंसक स्वभाव का था। संजय का अस्पताल में क्या काम था. उस वॉलेंटियर के तौर पर क्या-क्या जिम्मेदारी दी गई थी। क्या संजय अस्पताल में लाइसेनिंग का काम करता था. क्या उसकी अस्पताल में मजबूत पैठ थी। क्या संजय रॉय संदीप घोष को जानता था। क्या कभी संदीप घोष के बारे में संजय ने कोई जिक्र किया था। इस बीच सीबीआई आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ कर सकते हैं. घोष ने 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में पीड़िता का शव मिलने के दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वह पूछताछ के लिए छह बार सीबीआई के सामने पेश हो चुके हैं. एक सीबीआई अधिकारी अधिकारी ने कहा, ‘हम घोष के जवाबों की और पुष्टि करना चाहते हैं, क्योंकि हमारे द्वारा पूछे गए प्रश्नों के कुछ उत्तरों में झोल है इसलिए हम उनका ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ कराने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। पॉलीग्राफ टेस्ट’ के दौरान व्यक्ति के कुछ सवाल-जवाब किए जाते हैं और उस दौरान एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।डॉक्टर पीड़िता को न्याय देने के साथ डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर भी मांग कर रहे हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने इस दिशा में कड़े कदम उठाते हुए अस्पतालों की सुरक्षा के लिए रिटायर्ड आर्मी और पुलिस ऑफिसर को सिक्योरिटी अफसर के रूप में तैनात करने का निर्णय लिया है। सरकार ने जिले के एसपी से एक्स आर्मी अफसर और पुलिस अधिकारियों की सूची तैयार करने का आदेश दिया है।
राज्य भर के अस्पतालों में होगी तैनाती
अब आर्मी और पुलिस के रिटायर्ड अफसरों की तैनाती प्रदेश के तमाम सरकारी अस्पतालों में की जाएगी ताकि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो सके। इसके लिए रिटायर्ड आर्मी और पुलिस अफसरों की लिस्ट बनाई जाएगी। फिर योग्यता के अनुसार अस्पतालों में उनकी तैनाती की जाएगी। कोलकाता केस को देखते हुए सरकार ने यह आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिया निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ममता सरकार के ढीले रवैये की जमकर आलोचना की। कोर्ट ने कहा कि अस्पातलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके और भर्तियां की जाएं। रिटायर्ड आर्मी पर्सन और पुलिस अफसरों को सिक्योरिटी अफसर तैनात करे। इसके बाद सरकार ने अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर निर्णय लिया है। डॉक्टर या लोगों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। कोलकाता केस में पीड़िता की पहचान सोशल मीडिया से हटाएं: कोलकाता केस में मृत डॉक्टर की पहचान सोशल मीडिया पर उजागर किए जाने से सुप्रीम कोर्ट नाराज है। उसने आदेश दिया है कि जल्द से जल्द पीड़िता की पहचान और फोटो वाले पोस्ट का सोशल मीडिया से हटा लिया जाए। यह कानूनन गलत है।