कोलकोता कांड को लेकर भाजपा का आज थानों में प्रदर्शन, सीबीआई जांच में ही रहे कई खुलासा

अशोक झा, सिलीगुड़ी: कोलकाता के आरजीकर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर कांड में जिस आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है, पुलिस ने उसकी कुंडली भी निकाल कर सामने रख दी है।कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या के मामले में पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस केस से पूरा देश शर्मिंदा हैं। हर दिन केस से जोड़े नए अपडेट सुनने को मिल रहे हैं ,इस बीच, सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय का साइकोलॉजिकल एनालिसिस किया, जिससे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आरोपी की जिंदगी में चार पत्नियों की मौजूदगी ने सभी को हैरान कर दिया है।उसकी पहली शादी तब हुई जब वह काफी युवा था।कुछ रिपोर्ट्स में उसके बच्चों के होने की बात भी कही जाती है, लेकिन इसे लेकर स्पष्ट जानकारियां नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी की ओर से बंगाल में आज सभी थाना क्षेत्रों में आंदोलन कर सीएम ममता बनर्जी से त्यागपत्र मांगा जाएगा। जांच में सीबीआई को पता चला है कि बंगाल की बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था। साथ ही सीबीआई को मृतका के साथ दुष्कर्म और हत्या में संजय रॉय नामक व्यक्ति के ही शामिल होने के संकेत मिले हैं। फिलहाल जांच अभी जारी है।सीबीआई ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए जांच की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। सीबीआई ने फोरेंसिक रिपोर्ट देखी है। सीबीआई के रिपोर्ट में कहना है कि अब तक की जांच में सीबीआई को मृतका के दुष्कर्म और हत्या में सिर्फ संजय रॉय की संलिप्तता ही मिली है, यानी अब तक दुष्कर्म और हत्या मामले में सिर्फ एक ही व्यक्ति के शामिल होने की बात सामने आई है। अधिक जानकारी डीएनए रिपोर्ट से मिली है जिसमें भी संजय रॉय की संलिप्तता की पुष्टि हुई है।जानिए क्या नए और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं?: सीबीआई लगातार कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। हालांकि, इस मामले में अब तक सीबीआई को जो सुराग और सबूत मिले हैं, उनसे गैंगरेप की पुष्टि नहीं होती है। अब तक की सीबीआई जांच में यह बात सामने आई है कि यह गैंगरेप नहीं बल्कि रेप और हत्या का मामला है। हालांकि, सीबीआई ने अभी तक गैंगरेप और अन्य लोगों के शामिल होने की थ्योरी पर अपनी जांच पूरी नहीं की है। इस पर अंतिम राय लेने के लिए सीबीआई निजी फोरेंसिक रिपोर्ट विशेषज्ञों की मदद ले सकती है। कोलकाता डॉक्टर रेप और हत्या मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट और सीसीटीवी सबूतों के मुताबिक अभी तक आरोपी संजय रॉय का शामिल होना ही सामने आया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 13 अगस्त को जब उसने केस अपने हाथ में लिया, तब तक सब कुछ बदल चका था। केस मिलने तक क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई थी। सीबीआई को संदीप घोष की ओर से चूक मिली है। सीबीआई का कहना है कि अस्पताल के अधिकारियों ने भी इस मामले को संवेदनशीलता से संभालने में लापरवाही बरती। सीबीआई का मानना ​​है कि ऐसे मामलों में सभी प्रोटोकॉल जानने के बावजूद अस्पताल के अधिकारी, पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष क्राइम सीन को पूरी तरह से सुरक्षित करने में विफल रहे। ऐसे में एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी भी सीबीआई की जांच के दायरे में है।दरअसल, सीबीआई का मानना ​​है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से लापरवाही बरती गई। अस्पताल प्रबंधन ने इस संवेदनशील मुद्दे को सही तरीके से हैंडल नहीं किया है. सीबीआई ने ये सारी बातें सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी हैं। अस्पताल के अन्य स्टाफ पर भी सवाल उठाए गए हैं।।सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोलकाता पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद घटनास्थल की घेराबंदी की थी। एफआईआर में 14 घंटे की देरी हुई।
इसके अलावा सीबीआई कोलकाता पुलिस की ओर से दी गई समय सीमा की भी जांच कर रही है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोलकाता रेप केस में पीड़िता के साथ हुई घटना की जानकारी परिजनों को भी देरी से दी गई। लाशों की बोली लगाना, लड़कियों का उत्पीड़न- RG कर मेडिकल कॉलेज के माफिया संदीप घोष पर सबसे बड़ा खुलासा!।एक सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, मनोविश्लेषण यह संकेत मिला है कि वह विकृत व्यक्ति था और अश्लील सामग्री देखने का आदी था।।नयी दिल्ली स्थित केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के डॉक्टरों का हवाला देते हुए अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि कोलकाता पुलिस का स्वयंसेवी रहा आरोपी संजय रॉय ‘जानवर जैसी प्रवृत्ति’ का है। महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था। इस सिलसिले में संजय रॉय को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। कोई पछतावा नहीं: सीबीआई अधिकारी ने बताया, ‘आरोपी को कोई पश्चाताप नहीं है और बिना हिचक उसने घटना का हर छोटा-बड़ा ब्योरा सामने रखा। ऐसा लग रहा था कि उसे कोई पछतावा नहीं है। रॉय के मोबाइल फोन से कई अश्लील सामग्री मिली हैं, जिसे कोलकाता पुलिस ने जब्त कर लिया था. बाद में, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि तकनीकी और वैज्ञानिक दोनों तरह के सबूत इस बात को ”पूरी तरह से साबित” करते हैं कि आरोपी अपराध स्थल पर मौजूद था।अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज का हवाला देते हुए अधिकारी ने बताया कि फुटेज में रॉय को आठ अगस्त को सुबह करीब 11 बजे छाती रोग विभाग वार्ड के पास देखा जा सकता है। सारे सबूत संजय रॉय के खिलाफ: उन्होंने कहा, ‘फुटेज में वह नौ अगस्त को सुबह करीब चार बजे फिर से उसी इमारत में प्रवेश करते हुए दिखा. कई तकनीकी और वैज्ञानिक सबूत इसकी पुष्टि करते हैं। हालांकि अधिकारी ने डीएनए जांच के बारे में कुछ जानकारी नहीं दी। उन्होंने मामले में कही जा रही इस बात पर भी कुछ भी बोलने से इनकार किया कि यह सामूहिक दुष्कर्म का मामला नहीं है। सीबीआई अधिकारियों ने रॉय के भवानीपुर स्थित आवास का निरीक्षण किया और उसके परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों तथा कोलकाता पुलिस बल में उसके सहकर्मियों से भी बात की। रेड लाइट एरिया भी गया था आरोपी: 8 और 9 अगस्त के दौरान संजय रॉय अलग-अलग बहानों से कुल चार बार आरजी कर अस्पताल के अंदर गया था. इनमें से तीन बार तो वो अस्पताल के अंदर घूम फिर कर, राउंड लगा कर बाहर निकल आया। लेकिन चौथी और आखिरी बार जब वो अस्पताल से बाहर निकला, तब तक उसके हाथों ट्रेनी डॉक्टर का रेप और क़त्ल हो चुका था. लेकिन बात इसके आगे भी है। तफ्तीश में पता चला है कि संजय रॉय वारदात वाली रात अस्पताल के पास ही एक रेड लाइट एरिया में भी गया था और वहां लौटते हुए उसने रास्ते में भी एक लड़की से छेड़छाड़ की थी। यहां तक कि रेप और क़त्ल की वारदात के बाद भी उसने एक महिला को फोन किया और उसके साथ भी उसका व्यवहार एक पर्वर्ट यानी सिरफिरे की तरह ही रहा।

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