अपने कुलदेवी को मनाने सिलीगुड़ी पहुंच रहे देश विदेश से डालमिया परिवार , कल सजेगा मां का भव्य दरबार

सिलीगुड़ी: कहते है की अगर आपकी कुलदेवी आपसे प्रसन्न है तो आपके परिवार का कोई बुरा चाह कर भी नहीं कर सकता। यह हर गुणी महाआत्माओ और पंडितों के मुंह से सुना जा सकता है। कई बार विपत्ति आने पर ज्योतिष के जानकार कुंडली देख बताते है की आपकी कुलदेवी आपसे नाराज है। ऐसे में अपनी कुलदेवी को मनाने के लिए देश विदेश से डालमिया परिवार सिलीगुड़ी पहुंच रहे है। जी हां हम बात कर रहे है दादी नानु सती का पूर्वोत्तर भारत का 11वां भव्य महोत्सव का। खालपाड़ा सिलिगुड़ी के अग्रसेन भवन हॉल घर में 24 दिसम्बर यानि रविवार को संपन्न होगा। इसमें भाग लेने के लिए नेपाल, बिहार, भूटान तथा बंगाल के कोने कोने से परिवार जुटने लगे है। इसमें भव्य दरबार, अखंड ज्योति, मगल पाठ, भव्य झाँकी, छप्पन भोग का विधान होगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय भजन गायक श्री महेन्द्र स्वामी (जयपुर), भजन गायक ललित पारीक सिलीगुड़ी तथा मंगल पाठ वाचक श्री रोहन जी गुप्ता कोलकोता वाले मौजूद होंगे। दादी नानु शक्ति प्रचार समिति, सिलीगुड़ी लगातार आगंतुकों का स्वागत और आथित्य स्वीकार कर रहे है। रविवार को पूजा-अर्चना एवं धोक सुबह 10:15 से, दादी मंगल पाठ दोपहर 12:15 से , महाप्रसाद सायं 4:15 से तथा सुप्रसिद्ध आमंत्रित कलाकारो द्वारा संध्या सायं 5:30 से भजन संपन्न होगा। 56 भोग लगाया जाएगा। इस अवसर पर नानू सती दादी जी के पवित्र नामों का जयकारा लगाकर मंगल पाठ किया जाएगा। श्री नानु सत्ये नमःदादी दिव्ये नमो नमःसुहासड़ा वासिनी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते।।संकट हारिणि नमो नमःकष्ट निवारिणी नमो नमःमाँ भव तारिणी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।। तेजपाल संगिनी नमो नम। सर्व वन्दिनी नमो नमःमनीराम नंदिनी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।।आदि-अनादि नमो नमःहे सती दादी नमो नमःसकल कालादी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते।। यवन संघारिणी नमो नमःहे सत धारिणी नमो नमः माँ भय-हारिणि नमो नमः
नानु सती माँ नमोस्तुते ।। मंगल करनी नमो नमः अमंगल हरणी नमो नमःअभया वरणी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते।।डोमिनी पूजिता नमो नमः हे अपराजिता नमो नमः हे वरदायिनी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते।।अमर सुहागन नमो नमः हे बड़भागन नमो नमः पतीत-पावन नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते।। हे कुल-देवी नमो नमःभक्त-वत्सला नमो नमःआनंद स्वरूपणी नमः नानु सती माँ नमोस्तुते।। अति सुख-राशि नमो नमःकरुणा नयनी नमो नमःहे वरदायिनी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।।हे जग जननी नमो नमःकामना पूर्णि नमो नमःसौम्य रूपणी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।।ॐ श्री नानु सत्ये नमःदादी दिव्ये नमो नमःसुहासड़ा वासिनी नमो नमःनानु सती माँ नमोस्तुते ।।कहते है की राजस्थान के लोहारू जिला के सुहांसरा में नानू सती दादी जी का भव्य मंदिर है। इनकी स्वच्छ व सच्चे मन से पूजा करने पर मनोवांछित फल मिलता है। बताते हैं कि द्वापर युग में अज्ञात वास के दौरान पांडव राजा विराट के राज में छिपे थे। दुर्योधन ने अपनी सेना के साथ उस राज पर आक्रमण कर दिया। गौशाला के प्रमुख रक्षक रत्न सिंह गायों की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी गर्भवती पत्नी पद्मावती पति के साथ सती होने की ठान ली। भगवान कृष्ण की प्रेरणा पर द्रौपदी ने उन्हें सती होने से रोक लिया और कहा कि कलियुग में तुम्हारी पूजा होगी। वहीं पद्मावती अग्नि रथ पर सवार होकर नानू सती के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस नाम और कुल की देवी को देश हो विदेश जो जहां बसे है वहां दरबार सजाकर उन्हें मनाने है आशीष प्राप्त करते है। रिपोर्ट अशोक झा

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