विश्व हिंदू परिषद के आंदोलन ने दिखाया अपना दम, माटीगाड़ा की बेटी के दुराचारी को होना पड़ा कोर्ट से बेदम

विश्व हिंदू परिषद के आंदोलन ने दिखाया अपना दम,
माटीगाड़ा की बेटी के दुराचारी को होना पड़ा कोर्ट से बेदम
अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल के दार्जिलिंग के माटीगाड़ा में स्कूली छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सिलीगुड़ी कोर्ट ने दोषी को मौत की सजा सुनाई है। अतिरिक्त शहर सत्र न्यायालय की न्यायाधीश अनीता मेहरोत्रा माथुर ने शनिवार को मौत की सजा की घोषणा की। सजा वारदात के 380 दिनों में सुनाई गई है। इस जीत को विश्व हिंदू परिषद क्षेत्र की मातृशक्ति की जीत मानती है। वीएचपी के प्रवक्ता और जिला उपाध्यक्ष सुशील रामपुरिया ने बताया की जब 21 अगस्त 23 को यह घटना घटी। उस समय इसको लीपापोती किए जाने की कोशिश होने लगी। इसके खिलाफ वीएचपी ने आंदोलन का शंखनाद किया था। आंदोलन को विफल करने के लिए काफी प्रयास हुए। लोगों के सहयोग ओर संगठन की दृढ़ शक्ति से सफल रहा। उसके बाद सांसद राजू विष्ट के पहल पर पीड़ित परिवार से मिलने राज्यपाल माटी गाड़ा पहुंचे। विश्व हिंदू परिषद के एक प्रतिनिधि प्रदेशमंत्री लक्ष्मण वंसल के नेतृत्व में राज्यपाल से मिलकर पूरे घटना पर प्रशासन के रवैया के खिलाफ मांग पत्र सौपा। विश्व हिंदू परिषद की ओर से स्पष्ट कहा गया कि तूष्टिकरण के कारण इस मामले को सरकार के दबाव में प्रशासन दबाने की कोशिश कर रही है।सांसद और विधायक ने भी कहा कि इस पूरे क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोट बैंक के कारण सभी प्रकार के असामाजिक कार्य करने की छूट दी गई है। जिसको राज्यपाल को संवैधानिक प्रमुख होने के कारण इसे गंभीरता से लेना होगा। पुलिस आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। विश्व हिंदू परिषद की ओर से इस मामले को लेकर सिलीगुड़ी में गुरुवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया गया था, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया था।।आखिर क्यों दी गई फांसी की सजा : सिलीगुड़ी कोर्ट की यह फैसला इस कारण और भी अहम हो गया है, क्योंकि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप-मर्डर के दोषी को मौत की सजा की मांग पर आंदोलन और प्रदर्शन हो रहे हैं। बता दें कि 21 अगस्त 2023 को माटीगाड़ा में जंगल के अंदर एक परित्यक्त घर में मोहम्मद अब्बास नाम के एक व्यक्ति ने ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा को बहला-फुसलाकर उसके साथ बलात्कार किया था। शारीरिक शोषण के कारण नाबालिग की मौत हो गई. आरोपी ने मृतक के चेहरे को पत्थर से कुचल दिया गया ताकि उसकी पहचान न हो सके। सबूतों की जांच के बाद कोर्ट ने अब्बास को दोषी पाया। अदालत सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को सजा सुनाई जानी थी। सरकार के वकील ने विभिन्न घटनाओं का उदाहरण देते हुए अपराधी को फांसी देने के पक्ष में दलील दी थी उधर, अपराधी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की बूढ़ी मां घर पर रहती हैं। उन्होंने उसके परिवार के बारे में सोचते हुए मौत की सजा पर विचार करने की अपील की। अब्बास पर स्कूली छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के आरोप गुरुवार को साबित हो गए। दुष्कर्म के आरोपी को मौत की सजा: सरकारी वकील विभाष चटर्जी ने कहा कि घटना के 380 दिन बाद मामला सुलझ गया। उन्होंने कहा, ‘मैंने हर पेशी में अदालत को बहुत गंभीरता से यह समझाने की कोशिश की कि यह अन्य मामलों की तुलना में एक अलग मामला है। इस मामले में दोषी को फांसी दी जानी चाहिए। हमने फांसी की अपील की। कोर्ट ने मुख्य रूप से दो कारकों को देखते हुए मौत की सजा सुनाई। पहला हत्या और दूसरा नाबालिग से दुष्कर्म। कोर्ट ने मौत की सजा के अलावा मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया। सजा के ऐलान के बाद पीड़िता की मां ने कहा, ‘हम कोर्ट के इस फैसले से खुश हैं। मेरी बेटी को शांति मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमें शुरू से ही माटीगाड़ा थाने और कोर्ट पर भरोसा था। उस उम्मीद ने आज मेरी बेटी को न्याय दिला दिया। कोलकाता रेप-मर्डर केस पर मचा है बवाल: बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप-मर्डर के मामले में ममता बनर्जी की सरकार ने मौत की सजा के प्रावधान का बिल पास किया है। ऐसे में सिलीगुड़ी जिला अदालत ने माटीगाड़ा में एक नाबालिग स्कूली लड़की से बलात्कार और हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है। ठीक एक साल बाद सजा का ऐलान किया गया। संयुक्त कार्रवाई समिति के अथक प्रयासों को भी धन्यवाद और सराहना करता हूं, जिसमें सभी क्षेत्रों के नागरिक, सभी गैर सरकारी संगठन, सामाजिक संगठन, स्कूल, कॉलेज और विभिन्न व्यक्ति शामिल थे, जो परिवार के साथ खड़े हुए और न्याय की मांग की। उन्होंने कहा कि संगठन राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस जी का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने पीड़ित परिवार से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए समय निकाला और यह सुनिश्चित किया कि मामले को तेजी से आगे बढ़ाया जाए।

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