सिलीगुड़ी के विधान मार्केट में भीषण अग्निकांड, 5 करोड़ का नुकसान 23 दुकानें जलकर खाक

सांसद राजू विष्ट विधान मार्केट को आग से बचाने के लिए रिजर्वर बनाने को तैयार कहा, आपदा प्रबंधन में आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत

अशोक झा, सिलीगुड़ी: शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे शहर की हृदयस्थली कहे जाने वाले विधानमर्केट में भीषण अग्निकांड की घटना घटी । 23 दुकानें पूरी तरह जलकर खाक हो गया, जबकि 90 से 100 दुकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। आग इतनी भयावह थी की काबू पाने के लिए आर्मी के दमकल की वाहनों को बुलाना पड़ा। दमकल विभाग की चार गाड़ियों को आग पर काबू करने के लिए लगाया गया। विधान मार्केट इतना घना और सबसे ज्यादा दुकानों का बाजार है जिसे बचा पाना मुश्किल हो रहा था। बिधान मार्केट ब्यवसायी समिति, सिलीगुड़ी फायर-ब्रिगेड, पुलिस, निर्वाचित जन प्रतिनिधियों, भारतीय सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ अधिकारियों की तत्परता से पूरे शहर और मार्केट को जलने से बचा लिया गया। दुर्गा पूजा के ठीक पहले अग्निकांड को लेकर विधान मार्केट बाजार में दहशत फैल गई। विधान मार्केट व्यवसाई समिति, विधायक शंकर घोष, पूर्व पार्षद नांटू पाल तथा वार्ड की पार्षद मंजूश्री पाल ने कहा की हम सांसद राजू विष्ट के शुक्रगुजार है की उनके पहल पर आर्मी के दमकल का सहयोग प्राप्त हुआ। पूर्व पार्षद नांटू पाल तथा वार्ड की पार्षद मंजूश्री पाल ने बताया की आग की इस घटना को रोका जा सकता था अगर अनलोगों को मांग और प्रस्तावित प्रताव को अमल में लाया गया होता। यह मार्केट बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री विधानचंद्र राय के द्वारा प्रदत्त जमीन पर तैयार किया गया है। नगर निगम और एसजेडीए से यहां एक रिजर्वर बनाने, विधुत तारों के बदले उसे केबल में बदलने तथा दमकल विभाग की कम से कम दो वाहनों को कंचनजंगा स्टेडियम मेला ग्राउंड में रखने की व्यवस्था करने को कहा था। तीन वर्ष पूर्व एसजेडीए के उपाध्यक्ष रहते हुए रिजर्वार बनाने का प्रस्ताव लिया गया था लेकिन आजतक नहीं बन पाया। मेयर समेत अन्य जनप्रतिनिधियों का कहना है आग पर काबू पाने के बाद आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। सांसद राजू विष्ट ने घोषणा की है की वह जल्द ही व्यवसाई समिति और पार्षदों के साथ बैठक करेंगे। मार्केट में रिजरवर्र बनाने में जो भी खर्च होगा वह देने को तैयार है। धन की कमी से व्यापारियों को इस तरह बार बार आग में मुंह में नहीं धकेला जा सकता है। उन्होंने
सिलीगुड़ी के लोगों, बिधान मार्केट ब्यावसायी समिति, सिलीगुड़ी फायर-ब्रिगेड, पुलिस, निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का बहुत आभारी हूं और भारतीय सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ अधिकारियों को विशेष धन्यवाद देता हूं जिनके समय पर हस्तक्षेप ने बिधान मार्केट को पूरी तरह से नष्ट होने से रोक दिया। यह उनके सामूहिक, साहसी और वीरतापूर्ण प्रयासों का ही परिणाम है कि आग पर काबू पाया जा सका और अब इसे बुझा दिया गया है। पिछले एक साल में, हमने देखा है कि पश्चिम बंगाल सरकार आपदा शमन और प्रबंधन के लिए कोई तैयारी करने में विफल रही है। पहाड़ों के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन, तीस्ता के किनारे के गांवों का जलमग्न होना, दक्षिण बंगाल के कुछ हिस्सों में बाढ़ आना और अब बिधान मार्केट में आग ने समय पर आपदाओं से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की तैयारियों की अपर्याप्तता को उजागर कर दिया है। प्रभावी ढंग। सांसद ने कहा की पश्चिम बंगाल सरकार को याद दिलाना चाहता हूं कि हमारे सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग हिल्स, तराई, डुआर्स और उत्तरी बंगाल के नागरिकों को केवल कर संग्रह का स्रोत नहीं माना जाना चाहिए। वे बेहतर सेवाओं और सहायता के हकदार हैं, जिन्हें राज्य सरकार बार-बार प्रदान करने में विफल रही है। सांसद ने आगे कहा की मैं दृढ़ता से महसूस करता हूं कि पश्चिम बंगाल के आपदा प्रबंधन शासन के लिए मौजूदा शीर्ष से नीचे नौकरशाही दृष्टिकोण पूरी तरह से विफल रहा है। सिस्टम में आमूल-चूल परिवर्तन करने और आपदा न्यूनीकरण, प्रबंधन तथा प्रतिक्रिया को वास्तव में नीचे से ऊपर का दृष्टिकोण बनाने की तत्काल आवश्यकता है। इसके लिए आपदा संबंधी निर्णय लेने और नीति विकास में जन प्रतिनिधियों को शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पश्चिम बंगाल सरकार अपने “चलता-है” रवैये को जारी नहीं रख सकती, इसे तत्काल बदलने की जरूरत है।

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