पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ ने दशहरा से पहले बोनस के ऐलान को लिखा वित्त मंत्री को पत्र
पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ ने दशहरा से पहले बोनस के ऐलान को लिखा वित्त मंत्री को पत्र
वाराणसी। दशहरा का त्यौहार आते ही देश भर के लगभग 12 लाख रेल कर्मचारियों को बोनस का इंतजार रहता है। नवरात्र शुरू होने वाला है लेकिन सरकार द्वारा अभी तक बोनस की कोई घोषणा नहीं की गई है, जिससे रेलकर्मियों में मायूसी है।
भारतीय रेलवे मजदूर संघ द्वारा वित्त मंत्री जी को पत्र लिखकर सातवें वेतन आयोग के नियमानुसार मूल वेतन और महंगाई भत्ते के आधार पर बोनस का भुगतान दशहरा से पहले करने की माँग की हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के संगठन मंत्री विकास केशरी ने बताया कि रेलकर्मी पूरे साल भर मेहनत, त्याग और समर्पण से गाड़ियों का सुचारु संचालन कर करोड़ो यात्रियों को अपने गंतव्य तक सुरक्षित पहुचाने का कार्य करते हैं। गत वर्ष 1312 मीट्रिक टन माल ढुलाई के अपने रिकार्ड को तोड़कर इस वर्ष 1591 मीट्रिक टन माल ढुलाई का रिकॉर्ड बनाया है। कर्तव्य पथ पर निरंतर अथक मेहनत के साथ रेल सेवा कर रहे कर्मचारियों को बोनस देना सरकार का दायित्व बनता है।
वर्ष 2016 से रेल कर्मचारियों का वेतन 7वें पे-कमीशन के हिसाब से मिल रहा है। लेकिन दुर्भाग्य की बात हैं कि पिछले 8 वर्षों से बोनस 6वें पे-कमीशन (मूल वेतन 7000/-) के हिसाब से मात्र रू. 17,951/- ही मिल रहा है। जबकि समस्त कर्मचारी 7वें पे-कमीशन (मूल वेतन 18000/-) के हिसाब से कम से कम रू. 46,159/- के हकदार हैं।
मान्यता प्राप्त यूनियनों के नेताजी के हठधर्मिता, सत्ता सुख के लोभ और सत्ता जाने के डर के कारण रेलवे में कार्यरत लगभग 12 लाख कर्मचारी, पूर्वोत्तर रेलवे में 48 हजार कर्मचारी और वाराणसी मंडल मे कार्यरत कुल 12,029 कर्मचारी को प्रत्येक वर्ष रू. 28, 208/- का नुकसान पिछले 8 वर्षों से हो रहा है। AIRF/ NFIR के नेताओं ने इस दौरान प्रत्येक कर्मचारी को रू. 2,25,664/- का नुकसान कराया हैं।
सरकार से ज्यादा मान्यता प्राप्त यूनियनों को दोषी मानते हुए कहा कि वर्ष 2016 से अबतक महंगाई दर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। 8 साल पहले कपड़े, फर्निचर्, ज्वैलरी, गाड़ी जिस कीमत पर मिलते थे, आज उसका दाम 2 से 3 गुना बढ़ गया है। किसी भी मान्यता प्राप्त यूनियन के नेता ने पीएलबी बोनस में सुधार के लिए कोई धरना प्रदर्शन नहीं किया, कोई भूख हड़ताल नहीं किया, कोई अंशन नहीं किया है, कोई गेट मिटिंग नही किया।
इन्हे न तो कर्मचारियों की चिंता है, न उनके भविष्य की और न ही उनके बाल- बच्चों की चिंता है।
सभी रेल कर्मियों से 04, 05 और 06 दिसंबर को मान्यता हेतु होने वाले चुनाव में सावधानी और सोच-समझकर अपने मत का प्रयोग करने का आह्वान किया।