सीएम ममता बनर्जी अपने आवास पर किया मां काली की पूजा
तेज बारिश के बाद भी भक्तों का उत्साह रहा दोगुना
अशोक झा, कोलकाता: बंगाल में दुर्गापूजा के तर्ज पर कालीपूजा और दीपावली भी काफी आकर्षक होता है। कालीपूजा कालीघाट के हरीश चटर्जी स्ट्रीट के बनर्जी परिवार’ की कालीपूजा भी काफी प्रसिद्ध है। इसे सीएम की अपनी पूजा कहा जाता है। दुर्गा पूजा की तरह सीएम ममता ने इस पूजा को भावपूर्ण श्रद्धा और सभी रीति- वाज के साथ निभाती हैं। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दिवाली के अवसर पर कोलकाता स्थित अपने आवास पर काली पूजा की. उनके निवास पर इस पूजा में शामिल होने के लिए मंत्रियों, नेताओं, प्रशासनिक अधिकारी और मशहूर हस्तियां उपस्थित रहे. ममता बनर्जी ने इस पूजा का आयोजन खुद अपनी देखरेख में किया और इस बार पूजा के 47 वें साल का जश्न मनाया। सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी ने अपने निवास पर हुए इस पूजा का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी माँ की याद में काली पूजा की शुरुआत की कहानी बताई है। पूजा की तैयारियों में ममता बनर्जी खुद भी शामिल रहीं। उन्होंने माँ के लिए भोग तैयार किया जिसमें खिचड़ी, लाबड़ा, पाँच तरह की सब्जी की भुजिया, चटनी और पायस जैसे पारंपरिक बंगाली पकवान शामिल थे। ममता बनर्जी के घर के आंगन को गांव की झलक देते हुए सजाया गया था। वहाँ धान की बालियाँ, हाथ से बने पंखे, लक्ष्मी की मूर्तियाँ और कई अन्य पारंपरिक सामग्रियों से मंडप को सुसज्जित किया गया। हर साल की तरह, इस साल भी ममता बनर्जी के घर पर आयोजित इस काली पूजा को देखने के लिए कालिघाट में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। पूजा में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी अपने परिवार के साथ उपस्थित थे माँ-माटी-जनता के कल्याण के लिए यही मेरी प्रार्थना है। मेरी मां ने सबसे पहले इस पूजा की शुरुआत 1978 में की थी। कहा कि मैं सदैव इसी प्रकार अपनी माँ की सेवा कर सकूँ। यही मेरी माँ के चरणों में कामना है।सभी को दिवाली और कालीपूजा की अग्रिम शुभकामनाएं। इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री ने सभी को काली पूजा के साथ चलने का संदेश दिया था। इस पूजा की शुरुआत उनकी मां ने की थी और आज भी ये परंपरा उसी श्रद्धा व भक्ति के साथ निभाई जा रही है। ममता बनर्जी के घर के आंगन को गांव की झलक देते हुए सजाया गया था। वहाँ धान की बालियाँ, हाथ से बने पंखे, लक्ष्मी की मूर्तियाँ और कई अन्य पारंपरिक सामग्रियों से मंडप को सुसज्जित किया गया।हर साल की तरह, इस साल भी ममता बनर्जी के घर पर आयोजित इस काली पूजा को देखने के लिए कालिघाट में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। पूजा में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी अपने परिवार के साथ उपस्थित थे।दिवाली के दिन मां काली की पूजा की जाती है. बंगाली परंपरा में दिवाली को कालीपूजा कहकर ही संबोधित करते हैं. मां काली की पूजा को लेकर धार्मिक मान्यता अनुसार रोचक कथा है. मान्यता है कि मां काली इसी दिन 64 हजार योगिनियों के साथ प्रकट हुई थीं और उन्होंने रक्त बीज सहित कई असुरों का संहार किया था। पश्चिम बंगाल में कुछ शाक्त लोग इसी पवित्र पूजा को शक्तिपूजा भी कहते हैं।प्रसिद्ध तारापीठ, दक्षिणेश्वर, कालीघाट और अन्य काली मंदिरों में लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। कोलकाताऔर सिलीगुड़ी में विभिन्न स्थानों पर लोग पूजा पंडाल देखने के लिए सड़कों पर निकले, जिनमें एमहर्स्ट स्ट्रीट, बोबाजार, एस एन बनर्जी रोड और चेतला क्षेत्र शामिल हैं।सामुदायिक पूजा पंडालों में दर्शन करने के अलावा लोगों ने अपने घरों में भी काली पूजा का आयोजन किया। दीपावली पर कई दुकानें दीयों और बिजली की रोशनी से सजाई गईं।