कोलकाता के पांच मेडिकल कॉलेजों को एक केंद्रीय रेफरल सिस्टम से जोड़ा, सीबीआई को मिले ऐसे सबूत जो चौकाने वाला
अशोक झा, कोलकोता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना पूर्व नियोजित थी। सीबीआई जांच में ऐसे संकेत मिले हैं। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच में जो तथ्य मिल रहे हैं, उससे प्रतीत हो रहा है कि आरजी कर अस्पताल में व्याप्त आर्थिक भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होने के डर से इस वारदात को अंजाम दिया गया था। वही दूसरी ओर बंगाल सरकार मेडिकल सुविधाओं को लेकर अब एक्शन में आती हुई नजर आ रही है। जहां ममता सरकार ने कोलकाता के पांच मेडिकल कॉलेजों को एक केंद्रीय रेफरल सिस्टम से जोड़ा है।
इसके साथ ही इनमें से एक कॉलेज में डिजिटल बेड रिक्ति मॉनिटर भी शुरू किया गया है। इस मामले में अधिकारी ने बताया कि आज शहर के पांच मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीय रेफरल सिस्टम शुरू हो गया है। पूरी प्रक्रिया में कुछ दिन और लगेंगे।
बात अगर इन पांच अस्पताल की करें तो इनमें कलकत्ता मेडिकल कॉलेज, एसएसकेएम अस्पताल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज, एनआरएस मेडिकल कॉलेज, और नेशनल मेडिकल कॉलेज शामिल है।
क्या होंगे फायदे: केंद्रीय रेफरल सिस्टम के लागू होने के बाद के फायदे की करें तो सिस्टम के जरिए, जिलों के अस्पताल शहर के मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को भेजने से पहले बेड की उपलब्धता की जानकारी ले सकेंगे। वहीं एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थापित बेड रिक्ति मॉनिटर के माध्यम से, लोग देख सकेंगे कि विभिन्न विभागों में कितने बेड भरे हैं और कितने खाली हैं। डॉक्टरों की मांग हुई पूरी: बता दें कि आरजी कर कॉलेज में 9 अगस्त को महिला जूनियर डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के बाद पीड़िता को न्याय और सुरक्षा को लेकर डॉक्टरों की कई सारी मांगों में एक मांग ये भी थी जिसके ऊपर ममता सरकार ने मुहर लगा दी है। अधिकारी ने दी जानकारी: वहीं इस मामले में अधिकारी ने आगे कहा कि इस प्रणाली को धीरे-धीरे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल जो इन मेडिकल कॉलेजों से जुड़े हैं, वे मरीजों के लिए बेड की मांग कर सकेंगे। जैसे ही कोई अनुरोध किया जाएगा, कोलकाता के अस्पताल बेड की उपलब्धता की जानकारी अपडेट करेंगे। इसके बाद, अगर बेड उपलब्ध है, तो मरीज को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डिस्प्ले बोर्ड पर देख सकते है आकड़े: एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डिजिटल बेड रिक्ति मॉनिटर के बारे में अधिकारी ने बताया आप डिस्प्ले बोर्ड पर अद्यतन आंकड़े देख सकेंगे, जिससे लोगों को हर विभाग में बिस्तरों की उपलब्धता की जानकारी मिलेगी। बता दें कि डायमंड हार्बर और दक्षिण 24 परगना के दो जिला अस्पतालों में भी इस केंद्रीय रेफरल प्रणाली को भी चालू किया गया है।