एकल विद्यालय का तृतीय राज्यस्तरीय खेलकूद का तीन दिवसीय महाकुंभ जलपाईगुड़ी में

एकल विद्यालय का तृतीय राज्यस्तरीय खेलकूद का तीन दिवसीय महाकुंभ जलपाईगुड़ी में

– 12 से 14 तक होगा खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन

– विजेता को केंद्रीय स्तर भाग लेने का मिलेगा अवसर

– 22,000 के दान पर साल भर बच्चों को मिलती है फ्री शिक्षा

– कोई भी शिक्षा प्रेमी बन सकता है इसका भागीदार
– पीएम मोदी भी मुरीद है इस अभियान का

अशोक झा, सिलीगुड़ी: वनबंधु परिषद द्वारा संचालित एकल विद्यालय के छात्र छात्राओं का तृतीय राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता जलपाईगुड़ी में संपन्न होगा। इसकी जानकारी सिलीगुड़ी चेप्टर के अध्यक्ष आर के अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष सुशील रामपुरिया, सचिव हनुमान डालमिया, कार्यकारी सदस्य सीताराम डालमिया, खेलकूद अध्यक्ष दुवेंदु नंदी, संयुक्त सचिव संजीत पाल, राकेश अग्रवाल, रतन अग्रवाल ने दी। बताया की राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता मेंरेस 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर भाई-बहन दोनों होंगे। कुश्ती केवल भाइयों के लिए है भाई-बहन दोनों के लिए होगी कबड्डी प्रतियोगिता होगी। तीरंदाजी समेत अन्य खेलों का आयोजन होगा। रामपुरिया ने बताया कि एकल विद्यालय आंदोलन से फिलहाल 1,01,417 से अधिक शिक्षक, 8,103 कार्यकर्ता और 35 संगठन जुड़े हैं। ये 26 भारतीय राज्यों और 8 सहायता एजेंसियों का एक बड़ा आंदोलन है। जिसका राष्ट्रनिर्माण में बेहद अहम और बड़ा योगदान है। बताया की एकल विद्यालय ‘एक शिक्षक वाले विद्यालय’ हैं जो विगत कई वर्षो से भारत के उपेक्षित और आदिवासी बहुल सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में एकल विद्यालय फाउंडेशन द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। भारत के वनवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों मे हजारों एकल विद्यालय चल रहे हैं। ग्रामीण भारत के उत्थान में शिक्षा के महत्व को समझने वाले हजारों संगठन इसमें सहयोग दे रहे हैं। भारत के वर्तमान में 65 हजार गांवों के 26 लाख वनवासी बच्चों को एकल विद्यालय फाउंडेशन मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। यहां बुनियादी शिक्षा ही नहीं दी जाती बल्कि समाज के उपेक्षित वर्गो को स्वास्थ्य, विकास और स्वरोजगार संबंधी शिक्षा भी दी जाती है। बंगाल में कुल 2000 तथा उत्तर बंगाल में 1230 एकल विद्यालय के संचालन हो रहे है। सीताराम डालमिया और सुशील रामपुरिया ने आगे बताया कि गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित नहीं रहें, इसको लेकर अलग-अलग सामाजिक संगठन बढ़-चढ़ कर काम कर रहे हैं। इनमें वनबंधु परिषद आगे बढ़कर भूमिका निभा रही है। परिषद पूरे देश में एकल विद्यालय का संचालन कर रही है। ये विद्यालय खासकर वैसे सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में खोले जाते हैं, जहां स्कूल नहीं होते हैं। यह स्कूल सुदूर और आदिवासी क्षेत्रों में अब शिक्षा के दृष्टिकोण से वरदान साबित हो रहे हैं। इस स्कूल में उस गांव के ही शिक्षक नियुक्त किया जाता है। वनबंधु परिषद के एकल विद्यालयों में 40 बच्चों का नामांकन होता है। इन विद्यालयों में तीसरे वर्ग तक की स्कूल पूर्व शिक्षा दी जाती है। इन विद्यालयों में हिन्दी, अंग्रेज़ी, गणित, और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है।इन विद्यालयों में बच्चों को बुरी आदतों और अंधविश्वास के बारे में भी बताया जाता है।
वनबंधु परिषद के विद्यालयों में शिक्षक के तौर पर उसी गांव के शिक्षित युवक या युवती को नियुक्त किया जाता है।वनबंधु परिषद के विद्यालयों में सरकारी सहयोग नहीं होता। वनबंधु परिषद की महिला शाखा भी है। वनबंधु परिषद महिलाओं द्वारा बनाए गए सामानों की बिक्री के लिए बाज़ार भी उपलब्ध कराती है।भारत को भारत बनाए रखने की एकल की निष्ठा केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है। यह अभियान तो भारत के नवनिर्माण का अभियान है। ग्रामीण क्षेत्र हों या वनवासी क्षेत्र, एकल हर उस जगह गया, जहां सही मायने में भारत की आत्मा बसती है। एकल अभियान गांवों को जगा रहा है, वहां के लोगों को आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आज कुछ विश्वविद्यालयों में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिनसे मन व्याकुल हो जाता है। ऐसी व्याकुलता को भारत-भक्ति ही दूर कर सकती है। इसलिए हमारी निष्ठा, हमारी भक्ति भारत के प्रति होनी चाहिए। भारत का असली विकास वनवासियों के विकास से ही होगा। उनका विकास उनके विश्वास को जीतकर ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि वनवासी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की भलाई की बात पहले भी कई संस्थाएं करती रही हैं, लेकिन कन्वर्जन की आड़ में उन्होंने वनवासियों के साथ धोखा किया।
आप भी जुड़ सकते है विद्या दान और एकल विद्यालय से: 22,000 के दान पर साल भर बच्चों को मिलती है फ्री शिक्षा। एकल अभियान की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं। देश में बच्चों की शिक्षा के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में से एक एकल विद्यालय का प्रयास भी है। शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और कौशल प्रशिक्षण तक फैला काम ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों को अपनी मदद करने के लिए रिसोर्सेज और टूल्स देकर सशक्त बनाता है। वहीं एकल विद्यालय को सपोर्ट करने वालों में एसबीआई कैपिटल, गेल, एसएमसी ग्लोबल सर्विसेज, आईआरएफसी, ग्लोब कैपिटल, ईआईएल जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं।

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