वसंत पंचमी पर शहर में जमकर होगी जोड़ो की शादी, इस तिथि को माना जाता है शुभ
कई दूसरे राज्यों से आ चुके है शादी के लिए शहर में
अशोक झा, सिलीगुड़ी: हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 2 फरवरी 2025, रविवार से शुरू हो रहा है। इस खास अवसर पर विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा की जाती है। विवाह के लिए भी यह दिन शुभ होता है। बसंत पंचमी के दिन जिनका विवाह होता है उनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। इस तिथि को बड़ी संख्या में शादी हो रही है। दिल्ली, यूपी, असम, बिहार से दर्जनों जोड़े आज के दिन विवाह का गवाह बनने यहां पहुंच चुके है। ऐसे ही एक मोर परिवार जो बरसाना में विवाह के लिए पहुंचा है से इस संबंध में बातचीत हुई। बताया की बसंत पंचमी के दिन को अबूझ मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है। बसंत पंचमी पर शादी के सबसे ज्यादा मुहूर्त क्यों होते है। जिन लोगों की शादी में रुकावट आ रही है वे बसंत पंचमी के दिन विवाह कर सकते है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन कोई दोष नहीं होता और वह श्रेष्ठ योग होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती के विवाह पूर्ण होने के बाद तिलक समारोह हुआ था और शादी की रस्मों की भी शुरुआत हुई थी। इस दिन विवाह के साथ अन्य कई शुभ काम किए सकते है जैसे- अक्षर अभ्यासम, विद्या आरंभ, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, घर खरीदना, बिजनेस की शुरुआत आदि।इस दिन किन लोगों के लिए शादी करने का उपयुक्त मौका है।शादी के लिए पुरुष और महिला दोनों के गुण आपस में नहीं मिल रहे हों।पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी की शुरुआत 2 फरवरी सुबह 9:14 से होगी और 3 फरवरी को सुबह 06:52 पर इसका समापन होगा. ऐसे में 2 फरवरी को पूजा के लिए पूरे दिन मुहूर्त रहेगा. इस दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष रूप से सुबह 7:09 से दोपहर 12:35 तक का समय अति उत्तम है।