परिणय सूत्र में बंधे भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या संग शास्त्रीय संगीत की कलाकार शिवश्री स्कंदप्रसाद 

बधाई देने वालो का लगा है तांता, शादी में दक्षिण भारतीय परंपराओं का पूरा रखा गया ध्यान

बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: भाजपा सांसद सह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने शादी कर ली है। उनका विवाह शास्त्रीय संगीत की कलाकार शिवश्री स्कंदप्रसाद से हुआ है। उनकी अर्धांगिनी शिवश्री स्कंदप्रसाद बनीं हैं, जो राजनीति और सामाजिक कार्यों से जुड़ी एक प्रभावशाली शख्सियत हैं।उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों और कन्नड़ परंपरा के अनुसार विवाह किया। शादी की कुछ तस्वीरें भी सामने आ चुकी हैं जिसमें यह जोड़ी पारंपरिक परिधान में नजर आई. शादी के बाद बेंगलुरु के गायत्री विहार ग्राउंड्स में एक भव्य रिसेप्शन का आयोजन किया जाएगा. इन सबके बीच आइए जानते हैं कि आखिर शिवश्री स्कंदप्रसाद कौन हैं। असल में शादी में दक्षिण भारतीय परंपराओं का पूरा ध्यान रखा गया। इसके तहत ‘काशी यात्रा’, ‘जीरिगे बेल्ला मुहूर्त’ और ‘लाजा होम’ जैसे महत्वपूर्ण रस्में पूरी की गईं। ‘जीरिगे बेल्ला’ दक्षिण भारतीय शादियों में शुभ मुहूर्त का प्रतीक माना जाता है। जबकि ‘लाजा होम’ में दुल्हन पवित्र अग्नि में तले हुए अनाज अर्पित करती है।0 इन पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर जीवन की नई शुरुआत की है। यह जोड़ी बेहद सादगी भरे लेकिन पारंपरिक अंदाज में दिखी।यह विवाह परिवार के सदस्यों और करीबी दोस्तों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, पारंपरिक विवाह के बाद बेंगलुरु में तेजस्वी सूर्या के गृहनगर गायत्री विहार ग्राउंड्स में एक भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा।।विवाह समारोह के बाद काशी यात्रा, जीरिगे बेला मुहूर्त और लाजा होम जैसे पारंपरिक अनुष्ठान भी 6 मार्च यानि आज संपन्न होंगे। जानकारी के लिए बता दें कि जीरिगे बेला एक शास्त्र आधारित परंपरा है, जिसे दक्षिण भारतीय शादियों में शुभ मुहूर्त के रूप में माना जाता है। वहीं, लाजा होम हिंदू विवाह की एक महत्वपूर्ण रस्म है, जिसमें वधू पवित्र अग्नि में तले हुए अनाज अर्पित करती है।शादी के दिन कैसी दिखे शिवश्री स्कंदप्रसाद और तेजस्वी सूर्या?शादी के दिन शिवश्री स्कंदप्रसाद और तेजस्वी सूर्या ने पारंपरिक और सादे yet आकर्षक परिधानों में एक-दूसरे के साथ खूबसूरत जोड़ी बनाई। ‘पोन्नियिन सेलवन 2’ की गायिका शिवश्री स्कंदप्रसाद ने चमकदार पीले रंग की कांचीपुरम सिल्क साड़ी पहनी थी, जिसे उन्होंने मांग टीका, सोने की चूड़ियां, झुमके और पारंपरिक दुल्हन के केश विन्यास के साथ पूरा किया। दूसरी ओर, तेजस्वी सूर्या ने सुनहरे और सफेद रंग के पारंपरिक पोशाक में शिरकत की।कौन हैं शिवश्री स्कंदप्रसाद?: शिवश्री स्कंदप्रसाद एक प्रसिद्ध कर्नाटिक गायिका और भरतनाट्यम कलाकार हैं, जो चेन्नई से ताल्लुक रखती हैं। उनका जन्म 1 अगस्त 1996 को हुआ था। वह प्रसिद्ध मृदंगम वादक सीरकाझी श्री जे स्कंदप्रसाद की बेटी हैं।उनके LinkedIn प्रोफाइल के अनुसार, वह खुद को “उत्साही चित्रकार” बताती हैं और फ्रीलांस प्रोजेक्ट्स करने के साथ-साथ “पार्ट-टाइम मॉडल” भी हैं।शिवश्री स्कंदप्रसाद ने SASTRA विश्वविद्यालय से बायो-इंजीनियरिंग में स्नातक किया है और दवा-प्रेरित भ्रूणीय दोषों पर शोध कार्य भी किया है। इसके अलावा, उन्होंने PVA आयुर्वेदिक अस्पताल से आयुर्वेदिक कॉस्मेटोलॉजी में डिप्लोमा किया है। साथ ही, उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से भरतनाट्यम में मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री भी प्राप्त की है।

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