केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री ने किया नॉर्थ ईस्ट ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट रोड शो का उद्घाटन

यह क्षेत्र भारत की हरित ऊर्जा क्रांति में अहम भूमिका निभा सकता

 

अशोक झा, सिलीगुड़ी: केंद्रीय शिक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने शुक्रवार को कोलकाता में नॉर्थ ईस्ट ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट रोड शो का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बंगाल और पूर्वोत्तर की मजबूत औद्योगिक साझेदारी से देश को विकास का नया आयाम मिलेगा। केंद्रीय मंत्री डॉ. सुकांत ने कहा कि पश्चिम बंगाल लंबे समय से पूर्वोत्तर भारत के लिए व्यापार, लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक समर्थन का प्रवेश द्वार रहा है। उन्होंने कहा कि एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नॉर्थ ईस्ट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम (एनईआईडीएस) के जरिए दोनों क्षेत्रों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं, जिससे व्यापार, सेवाओं और पूंजी का निर्बाध आदान-प्रदान संभव हुआ है। कोलकाता का बंदरगाह, रेल और सड़क नेटवर्क पूर्वोत्तर के चाय, मसाले, हस्तशिल्प और जैविक उत्पादों के निर्यात की जीवनरेखा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोलकाता की मैन्युफैक्चरिंग, फाइनेंस और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी विशेषज्ञता के साथ नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, आईटी, डिजिटल इकोनॉमी, कृषि और खेल व मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को नई ऊंचाई दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि देश की कुल जलविद्युत क्षमता का 40 प्रतिशत पूर्वोत्तर क्षेत्र में है, जिससे यह क्षेत्र भारत की हरित ऊर्जा क्रांति में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने तवांग, सोहरा, माजुली और लोकटक झील जैसे स्थलों को ईको-टूरिज्म के लिए अपार संभावनाओं वाला बताया। साथ ही पूर्वोत्तर के काले चावल, ऑर्गेनिक चाय, लकाडोंग हल्दी, बांस के हस्तशिल्प, हथकरघा और दुर्लभ फलों के निर्यात पर भी विशेष बल दिया। डॉ. मजूमदार ने पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों को देश के आर्थिक बदलाव के आधार स्तंभ बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि दोनों क्षेत्रों को मिलकर भारत के विकास की गति तेज करनी होगी, जिससे विकसित भारत का सपना साकार हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र ने ऐतिहासिक बदलाव देखा है। वर्ष 2013 में जहां केवल 9 हवाई अड्डे चालू थे, वहीं 2023 तक यह संख्या बढ़कर 17 हो गई। साथ ही वर्ष 2024 में डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने उत्तर पूर्वा ट्रांसफॉर्मेटिव इंडस्ट्रियलाइजेशन स्कीम (उन्नति) की शुरुआत की, जिसमें 10,037 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है।इसके बाद कोलकाता में आयोजित यह रोड शो नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट के तहत होने वाले प्रमुख कार्यक्रमों में से नौवां है। इससे पहले मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद और चेन्नई समेत अन्य शहरों में सफल रोड शो आयोजित हो चुके हैं। इस आयोजन में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के प्रतिनिधियों ने अपने राज्यों में निवेश की संभावनाओं पर प्रस्तुति दी।पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय (डोनर) के सांख्यिकी सलाहकार धर्मवीर झा ने रोड शो में पूर्वोत्तर में निवेश की विशाल संभावनाओं पर प्रस्तुति दी। उन्होंने जनसांख्यिकीय लाभ, खनिज संसाधन, कृषि उत्पाद, पर्यटन, अक्षय ऊर्जा, कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा, शिक्षा, खेल और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में मौजूद अवसरों को विस्तार से बताया।आठ पूर्वोत्तर राज्यों (‘अष्टलक्ष्मी’ राज्यों) ने रोड शो में निवेशकों को बुनियादी ढांचा, कृषि, आईटी, ऊर्जा, वस्त्र, हस्तशिल्प, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और मनोरंजन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के अवसरों से अवगत कराया। इसके साथ ही बीटूजी (बिजनेस टू गवर्नमेंट) बैठकें भी आयोजित की गईं, जहां निवेशकों को सीधे राज्य प्रतिनिधियों के साथ संवाद का अवसर मिला।इस मौके पर विकास के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्रालय (डोनर) के सांख्यिकी सलाहकार और आठों पूर्वोत्तर राज्यों के वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद रहे। यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर राज्यों की सरकारों, भारतीय उद्योग परिसंघ (फिक्की) और इनवेस्ट इंडिया के सहयोग से आयोजित किया गया।

Back to top button