2024 में एक चमत्कार होगा… पूरी दुनिया का भारत को नमस्कार होगा…

अयोध्या में 2024 में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा। इस मंदिर के बारे में अब तक जो जानकारियां सामने आई हैं वह निम्नलिखित हैं…
भगवान राम का मंदिर अष्टकोणीय होगा।
मंदिर में 44 दरवाजे होंगे। सभी दरवाजे सागौन की लकड़ी से बनेंगे। सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र सरकार प्रदान करेगी…
44 दरवाजों के लिए 2000 घन फुट सागवान की लकड़ी मंगवाई गई है। दरवाजे तराशने के लिए कुशल कारीगरों की तलाश शुरू हो चुकी है…
इस मंदिर से चौरासी कोस की पूरी परिक्रमा तक जितनी भी इमारतें होंगी सारे भवन भगवा रंग के होंगे। इस पूरे चौरासी कोस के इलाके में एक कॉमन बिल्डिंग कोड लागू किया जाएगा। सभी मंदिरों के भवनों के रंग उसी रंग के होंगे जिस रंग का भगवान राम का मंदिर होगा…
सीता रसोई को एक बहुत बड़ी पाकशाला के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर हजारों लोगों को निःशुल्क प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इसके लिए अनाज और सब्जी के भंडारण हेतु भवन बनाया जाएगा। खाना बनाने के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी…
108 की संख्या हिंदू धर्म में विशेष रूप से पवित्र संख्या मानी जाती है इसीलिए पूरा मंदिर परिसर 108 एकड़ का होगा…
श्री राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण विशेष संगमरमर के पत्थरों से किया जाएगा। यह संगमरमर के पत्थर मकराना से लाए जाएंगे। मकराना के संगमरमर के पत्थरों से ही तेजो महालय का भी निर्माण हुआ है…
रामनवमी के विशेष मौके पर सिर्फ एक दिन भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक होगा। सूर्य तिलक का अर्थ यह है कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें गर्भगृह में आकर रिफलेक्टर द्वारा सीधे भगवान राम के ललाट पर आज्ञा चक्र पर जाकर स्पर्श करेंगी। इसे ही सूर्य तिलक कहा जाएगा। इसके लिए आईआईटी और विशेष वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है…
तीर्थ ट्रस्ट का अनुमान है कि मंदिर बन जाने के बाद दर्शन के लिए हर दिन 50,000 से अधिक भक्त दर्शन करने आएंगे। इस तरह हर महीने करीब 15 लाख और साल में करीब दो करोड़ भक्तों के दर्शन हेतु आने की संभावना है। ऐसी स्थिति में भक्तों को आवागमन में कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे…
सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी कि 2024 में जब दुनिया का इतना बड़ा तीर्थ भक्तों के लिए खुलेगा, तब दुनिया भर के 200 से ज्यादा देशों के तमाम सारे लोग भारत की इस महान विरासत को, इस महान चमत्कार को देख कर न सिर्फ चमत्कृत रह जाएंगे बल्कि भारत की महान संस्कृति के पूज्य मर्यादा पुरुषोत्तम का बंदन कर सकेंगे..

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