भारत में छह घंटे से ज्यादा का समय स्क्रीन पर बिताना चिंता की बात: मोदी

नई दिल्ली। शुक्रवार को छात्र छात्राओं से परीक्षा पे चर्चा- करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं।

-माता-पिता को अपने सोशल स्टेटस के कारण बच्चों पर दबाव नहीं डालना चाहिए। मां- बाप को बच्चों का सही मूल्यांकन करना चाहिए
-स्मार्टली हार्ड वर्क करना होगा,
–भारत में छह घंटे से ज्यादा का समय स्क्रीन पर बिताना चिंता की बात, एक दिन डिजिटल फास्टिंग, घर में नो टेक्नॉलजी जोन, टेक्नॉलजी की फॉस्टिंग जैसे प्रयोगों को अपनाने की कोशिश करें
-ज्यादातर सफल लोग कभी सामान्य ही हुआ करते थे
-आर्थिक क्षेत्र में भारत को दुनिया में एक आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है
-समृद्ध लोकतंत्र के लिए आलोचन एक शुद्धि यज्ञ है, आलोचना एक समृद्ध लोकतंत्र की पूर्ण शर्त है। आलोचना करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, ज्यादातर लोग आरोप लगाते हैं
-परीक्षा ही नहीं बल्कि जीवन के लिए भी टाइम मैनेजमेंट जरूरी
-जिस तरह से क्रिकेटर का ध्यान लोगों के चिल्लाने पर नहीं बल्कि खेल पर फोकस होता है, उसी तरह से दबावों के दबाव में न रहें
– किसी को एक या दो परीक्षा में मदद मिल सकती है लेकिन जीवन में लंबे समय में इसका लाभ नहीं मिलता। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे कभी भी शॉर्टकट रास्ता ना अपनाएं।
-परीक्षा को जीवन का क्रम बनाएं, परीक्षा को उत्सव बनाए
-आपके भीतर की जो ताकत है, वही ताकत आपको आगे ले जाएगी। परीक्षाएं तो आती हैं, जाती हैं, लेकिन हमें जिंदगी जी भर के जीनी है। इसलिए हमें शॉर्टकट की ओर नहीं जाना चाहिए।

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