निस्तारण के बजाए भेजा मनगढ़ंत आख्या देने पर 15 अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस

निस्तारण के बजाए भेजा मनगढ़ंत आख्या देने पर 15 अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस

उप्र बस्ती जिले में आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने के बजाए खानापूर्ति की गई। कई मामलों में या तो मनगढ़ंत व पुरानी आख्या भेज दी गई या फर्जी निस्तारण की सूचना अंकित कर दी गई। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने जब इसकी समीक्षा की तो जानकारी हुई। नारजगी व्यक्त करते हुए ऐसे लगभग 15 अधिकारियों को जिलाधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन अधिकारियों से पूछा है कि क्यों ना इस लापरवाही के लिए उनके विरुद्घ अनुशासनिक कार्रवाई शुरू की जाए। सभी को तीन दिन के भीतर सम्मुख उपस्थित होकर सफाई देने का निर्देश दिए गए हैं।

जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया गया कि कुछ अधिकारियों ने माह के अंतिम दिन प्रकरण विभाग से संबंधित नहीं है, यह टिप्पणी लगाकर शिकायत वापस कर दिया गया। कुछ अधिकारियों ने आख्या के साथ स्थलीय फोटो अथवा आवेदक का हस्ताक्षरयुक्त बयान जैसा साक्ष्य नहीं संलग्न किया गया। आवेदक को निस्तारण के संबंध में सूचित कर दिया गया है, ऐसी आख्या भेजी गई परंतु जब आवेदक से दूरभाष पर संपर्क किया गया, तो उसने ऐसा होने से इनकार किया है। कुछ प्रकरणों में आख्या के सापेक्ष सही आख्या का चयन नहीं किया गया। आख्या के संबंध में आपत्ति दर्ज करने पर आख्या का स्वरूप बदल दिया गया। संयुक्त जांच संबंधी प्रकरणों में पृथक एवं विरोधाभाषी आख्या प्रेषित की गई। कुछ प्रकरणों में सीएम हेल्पलाइन व तहसील दिवस के पुनर्जीवित प्रकरणों में नवीनतम जांच ना करके पुरानी आख्या ही भेज दी गई। इन कारणों से प्रकरणों का समय से निस्तारण नहीं हो पाया और जिले की स्थिति शासन में खराब हुई।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय, परियोजना अधिकारी डूडा, तहसीलदार हर्रैया, अधिशासी अभियंता विद्युत बस्ती एवं हर्रैया, उपखंड अधिकारी रुधौली एवं हर्रैया, बीडीओ कुदरहा, परशुरामपुर, बस्ती सदर, बनकटी, थानाध्यक्ष कप्तानगंज, सोनहा, तथा कोतवाली तथा वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विज्ञान को भेजे गए पत्र में जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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