यूपी में बिजली कंपनियों की दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर नियामक आयोग लगाएगा जनता अदालत

यूपी में बिजली कंपनियों की दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर नियामक आयोग लगाएगा जनता अदालत
लखनऊ। प्रदेश में बिजली दरों में बढोतरी के प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग कई जिलों में उपभोक्ताओं की दलील सुनने का काम करेगा। विद्युत नियामक आयोग बिजली दरों में बढोतरी पर 10 अप्रैल को बनारस 21 अप्रैल को लखनऊ 27 अप्रैल को आगरा और 28 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा में सुनवाई करेगा। बिजली दरों पर आम जनता की सुनवाई की तिथि जारी होते ही उपभोक्ता परिषद का ऐलान कहा हर सुनवाई में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा स्वयं सभालेगे कमान। उपभोक्ता परिषदअध्यक्ष का बडा ऐलान कहा वह स्वयं सभी जनपदों में उपस्थित होकर बिजली दरों में बढोतरी के विरोध की संभालेंगे कमान जिसकी खबर लगते ही बिजली कंपनियों में मचा हडकंप और प्रदेश के उपभोक्ताओं में खुशी की लहर इस बार आर या पार।
गौरतलब है प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों द्वारा विद्युत नियामक आयोग में दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता वर्ष 2023 -24 व बिजली दर प्रस्ताव पर जहां सुनवाई का डंका बजते ही उपभोक्ता परिषद ने ऐलान कर दिया है कि किसी भी हालत में बिजली दरों में बढोतरी नहीं होने देंगे प्रदेश की बिजली कंपनियों ने प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में लगभग 18 से 23प्रतिसत बढोतरी का प्रस्ताव दाखिल किया है जिसकी विधिवत सुनवाई 10 अप्रैल से शुरू होकर 28 अप्रैल तक चलेगी पहले चरण में 10 अप्रैल को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की सुबह 11 बजकर 30 मिनट कमिश्नर ऑफिस ऑडिटोरियम बनारस में होगी वही दूसरी सुनवाई मध्यांचल और उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन की 28 अप्रैल को गोमती नगर में विद्युत नियामक आयोग सभागार में बुलाई गई है और तीसरी सुनवाई दक्षिणांचल और केस्को की 27 अप्रैल को 11 बजकर 30 मिनट पर ही आगरा के राव कृष्ण पाल सिंह ऑडिटरियम में बुलाई गई है वही आखरी सुनवाई पश्चिमांचल वा नोएडा पावर कंपनी की सुनवाई 11बजकर 30 मिनट पर गौतम बुध यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम नमबर 3 में होगी। सुनवाई की तिथि की घोषणा विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी किए जाने के तुरंत बाद उपभोक्ता परिषद ने पूरी तैयारी के साथ सुनवाई में भाग लेने का ऐलान कर दिया है ।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा इस बार बिजली कंपनियों की बढोतरी का प्रस्ताव स्वयं उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष हर सुनवाई में भाग लेकर सभी की पोल खोलेंगे और वहां पर यह बताएंगे कि बिजली कंपनियों द्वारा दाखिल प्रस्ताव पूरी तरह असंवैधानिक है देश का कोई भी कानून इस बात की इजाजत नहीं देता क जिस राज्य में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का ही बिजली कंपनियों पर लगभग 25133 करोड रुपए सरप्लस निकल रहा है ऐसे में उस राज्य में बिजली दरों में बढोरी प्रस्ताव दाखिल ही नहीं किया जा सकता है।