देवरिया जेल में प्रापर्टी डीलर को मारने-पीटने में अतीक अहमद संग बेटे मो. उमर समेत 18 अभियुक्तों पर आरोप तय
लखनऊ।।सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने राजधानी के एक प्रापर्टी डीलर का अपहरण कर देवरिया जेल में मारने-पीटने व उससे रंगदारी वसूलने के मामले में गुरुवार को पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत 18 अभियुक्तों पर आरोप तय कर दिया। उन्हांेने अभियोजन को अपना गवाह पेश करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई 21 अपै्रल को नियत की है।
इस दौरान अतीक अहमद साबरमती जेल से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से पेश हुआ था। जबकि उसका लड़का मो. उमर, गुलाम सरवर, जफरउल्ला, मुख्तार, आलमगीर, वलाकत अली अंसारी, मो. आमिर कुरैशी, मो. हमजा, जकी अहमद, मो. फारुख व गुलाम मोइनुद्दीन सिद्दीकी जेल से व्यक्तिगत रुप से पेश किए गए थे। वहीं जमानत पर रिहा अभियुक्त पवन कुमार सिंह, नितेश मिश्रा, योगेश कुमार, इरफान, दयानंद व महेंद्र कुमार सिंह भी आरोप तय करते समय अदालत में हाजिर थे। इस मामले में अभियुक्तों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 147, 149, 386, 329, 420, 467, 468, 471, 394, 506, 364ए, 411 व 120बी में आरोप पत्र दाखिल हुआ था।
यह था मामला-
29 दिसंबर, 2018 को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर थाना कृष्णानगर में दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गाे के जरिए गोमती नगर से उसका अपहरण करा लिया। तंमचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया। अतीक ने उसे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा। उसने इंकार कर दिया, इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तंमचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा। उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली। अतीक के गुर्गाे ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली।
विवेचना के दौरान पुलिस ने अतीक अहमद समेत आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। 23 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया था। 12 जून, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की थी। सीबीआई ने विवेचना के दौरान चार पूरक आरोप पत्र में मो. उमर समेत 10 अभियुक्तों को आरोपी बनाया।