बीएचयू प्रवक्ता ने कहा कि विश्व पंचांग के प्रकाशन का कार्य  प्रगति पर, तकनीकी कारणों से हुआ लेट

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा संरक्षित संपादित हिन्दूसमाज का मार्गदर्शक पंचांग जो कि 125 वर्षों से हिन्दूसमाज के लिए उपलब्ध था, उसका समय से प्रकाशन नहीं होने पर जब इसके चाहने वालों ने पता किया तो मालूम हुआ कि बीएचयू के इस प्राचीन सनातत पंचाग के प्रकाशन को छापने के लिए बजट का अभाव बताकर धन न देने से बीएचयू के अंदर आक्रोश है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल पूछ रहे हैं क्या ये सनातन धर्म के ख़िलाफ़ कदम नही। सोशल मीडिया पर सवाल उठने के बाद बीएचयू प्रशासन ने अपना पक्ष मंगलवार को रखा। बीएचयू प्रवक्ता ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित किया जाने वाले विश्व पंचांग के प्रकाशन का कार्य  प्रगति पर है और यह बहुत जल्द ही उपलब्ध होगा। कुछ तकनीकी कारणों की वजह से विश्व पंचांग सम्वत् 2080 के प्रकाशन में विलंब हुआ था। पंचाग के प्रकाशन का अधिकतम कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष भी जल्द ही पूर्ण हो जाएगा।

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