जब लादेन सामने चाय का गिलास रखकर टुकुर टुकुर देखने लगा

जम्मू-कश्मीर की लुभाती वादियां, हिमालय की बर्फीली चोटियां, दूर-दूर तक फैले हरे-भरे मैदान, चुपचाप बहते नदी-नाले और झरनों की मीठी आवाज यह सबकुछ सिनेमाहाल या टीवी पर देखना जितना दिल को लुभाता है,उससे कई गुना ज्यादा सुकून यह चीजें दिल,दिमाग को देती हैं। इसका अहसास जम्मू-कश्मीर में पहुंचने के बाद एक संडे को उधमपुर की अधूरी बस यात्रा के दौरान ही हो गया।चाय के लिए पहाड़ी पर बने एक होटल के बाहर पहुंच गया। होटल में चाय मांगने पर दुकानदार ने कहा लादेन साहब को चाय देना। बनारस में था तभी अमेरिका में 9/11 की घटना के बाद ओसामा बिन लादेन का नाम दुनियाभर की मीडिया में छा गया था। उधमपुर से पहले होटल में तेरह साल के लडक़े का नाम लादेन सुनकर चौंक पड़ा। गोरा-चिट्ïटा मासूम लादेन चाय का गिलास थमाने के बाद बड़े गौर से मुझे देखने लगा। चाय खत्म होने के बाद लादेन से पूछा स्कूल जाते हो? जवाब नहीं की मुद्रा में सिर हिलाकर दिया। पूछा कि लादेन नाम अब्बा ने रखा? इसका जवाब वह आंखों से होटल मालिक की तरफ इशारा करके दिया। चाय के पैसे चुकाने दुकानदार के पास पहुंचकर कहा कि बच्चे का आतंकवादी का नाम रखकर क्या सीख दे रहो हो? नाम लादेन रख दिए। इस सवाल को सुनने के साथ वह मेरा हुलिया देखकर कुछ सकपकाते हुए कहा कि नहीं साहब जब से अमेरिका की घटना हुई तो यहां लादेन नाम का फैशन आ गया है। आगे की कहानी लिंक पर क्लिक करके पढ़े

( रोमिंग जर्नलिस्ट के ब्लॉग से साभार)

https://www.roamingjournalist.com/2011/05/6.html?spref=tw

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