काशी तमिल संगमम की मेज़बानी को तैयार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने लिया बीएचयू में तैयारियों का जायज़ा
तमिलनाडु से आने वाले विभिन्न समूहों के लिए शैक्षणिक संवाद कार्यक्रमों का आयोजन करेगा बीएचयू
काशी में एक महीने तक चलने वाले काशी तमिल संगमम की मेज़बानी के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय पूरी तरह से तैयार है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी 19 नवंबर को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में संगमम का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को बीएचयू में संगमम की तैयारियों का जायज़ा लिया। बैठक में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन, शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, ज़िला प्रशासन तथा संगमम के आयोजन से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
संगमम में हिस्सा लेने के लिए तमिलनाडु से आ रहे विभिन्न समूहों के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा विविध शैक्षणिक संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साहित्य, विरासत, ग्रामीण परिवेश, संस्कृति आदि विषयों पर आयोजित होने वाले इन संवाद कार्यक्रमों के दौरान काशी व तमिलनाडु के विद्वानों, विशेषज्ञों व विद्यार्थियों को अपने ज्ञान व विचारों को साझा करने का अवसर प्राप्त होगा।
काशी तमिल संगमम के दौरान काशी व तमिलनाडु के प्राचीन व गहरे संबंधों को और बेहतर जानने का अवसर प्राप्त होगा। इस दौरान तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक काशी में पेश की जाएगी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित कार्यक्रम के मुख्य आयोजन स्थल एम्फिथियेटर मैदान में तमिल कला, व्यंजन, हस्तकला, इतिहास आदि पर कई स्टॉल लगाए जा रहे हैं।
संगमम के दौरान केन्द्रीय संचार ब्यूरो, भारत सरकार, द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में तमिल नायकों के बारे में प्रदर्शनी होगी। साथ ही साथ तमिलनाडु के प्रमुख स्थलों के बारे में भी जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।
नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा तमिलनाडु व काशी पर पुस्तकों की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। साथ ही साथ तमिलनाडु की प्रमुख हस्तियों के बारे में तमिल, अंग्रेज़ी तथा हिन्दी भाषा में जानकारी भी दी जाएगी। संस्कृति विभाग द्वारा शैव व वैष्णव परंपरा पर प्रदर्शनी होगी। इसके अलावा तमिलनाडु की संस्कृति, विरासत तथा कला पर अनेक फिल्मों की स्क्रीनिंग भी की जाएगी।
काशी तमिल संगमम के दौरान व्यापक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। तमिलनाडु से 50 से अधिक दलों के 700 से अधिक कलाकार राज्य की विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन करेंगे, इनमें लोक, जनजातीय तथा शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुतियां शामिल हैं। इसके अलावा तमिल कलाकार थियेटर प्रस्तुतियाँ भी करेंगे।
तमिलनाडु की हस्तकला तथा हथकरघा उत्पादों को भी संगमम के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा। इस दौरान ओडीओपी – (One District One Product) के अनुसार राज्य के तकरीबन 132 उत्पाद प्रदर्शनी व विक्रय के लिए उपलब्ध होंगे। तमिल व्यंजनों के लिए भी दस स्टॉल लगाए जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि काशी तमिल संगमम केवल एक कार्यक्रम ही नहीं है, बल्कि एक विमर्श व दो समृद्ध संस्कृतियों के बीच संवाद है। उन्होंने संगमम से जुड़े सभी लोगों का आह्वान किया कि वे इसे यादगार अनुभव बनाने के लिए जी जान से जुटें।