जिस बाबर ने राममंदिर ध्वस्त कर वहां मस्जिद बनाई थी, उसके जन्मस्थान उज्बेकिस्तान से भी आया राममंदिर जलाभिषेक को जल

अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन राममंदिर का जलाभिषेक 156 देशों के जल से 23 अप्रैल को समारोह पूर्वक किया जाएगा। अभिषेक के लिए 156 देशों के जल कलश दिल्ली-अयोध्या कैंट एक्सप्रेस से बृहस्पतिवार सुबह लाए गए। खास बात यह है कि रामलला के अभिषेक के लिए बाबर के जन्मस्थान से भी जल आया है। इसके अलावा चीन, पाकिस्तान, दुबई सहित महाद्वीप अंटार्कटिका के भी जल से रामलला का अभिषेक होगा।

विश्व भर की प्रमुख नदियों व स्थानों से जल एकत्र करने के अभियान के सूत्रधार भाजपा से जुड़े दिल्ली के पूर्व विधायक डॉ. विजय जौली ने बृहस्पतिवार को कई चौकाने वाली बातें बताईं। उन्होंने बताया कि जिस बाबर ने राममंदिर ध्वस्त कर वहां मस्जिद बनाई थी, उसके जन्मस्थान उज्बेकिस्तान स्थित अंदिजान के कश्क दरिया का जल भी हमने चार दिन पहले मंगा लिया है। यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।

कहा कि हमने अंटार्कटिका जैसे दुर्गम स्थान से भी जल संग्रह किया है। मेरी एक महिला मित्र हैं जो पति के साथ अंटार्कटिका गईं थीं, उन्हीं के माध्यम से हमें जल प्राप्त हुआ है। चीन में कई मित्र बिजनेस मैन हैं, जिनकी मदद से जल लाया जा सका। इसी तरह सूरीनाम, फिजी, नाइजीरिया, यूगांडा, इंडोनेशिया, थाईलैंड, पोलैंड सहित युद्धग्रस्त देश रूस व यूक्रेन से भी जल मंगाने में हमें सफलता मिली है।

दिल्ली स्टडी ग्रुफ के मुखिया डॉ. विजय जौली के अनुसार दुनिया के 170 देशों में उनके संबंध हैं, क्योंकि वह कई वर्षों तक भाजपा के विदेश विभाग के प्रमुख रहे। दिल्ली स्टडी ग्रुप की भी जल संग्रह अभियान में अहम भूमिका रही। कई देशों के सरकारों हमारे संस्था के सदस्यों को प्रतिनिधि के रूप में बुलाती रहती हैं, इसका फायदा भी हमें मिला।

जल संग्रह में सर्वधर्म के लोगों का सहयोग
डॉ. जौली ने कहा कि जिन देशों से जल मंगवाया है, वहां के वीडियो भी मंगवाए हैं। जल संग्रह में हिंदु, मुस्लिम, सिख धर्म के लोगों का अहम योगदान रहा है। सऊदी अरब से हिंदुओं ने जल भेजा। कजाकिस्तान से मुस्लिम ताज मोहम्मद ने अपने यहां की प्रमुख नदी का जल भेजा। ईरान की एक मुस्लिम महिला ने जल भेजा है। कीनिया से सरदारों की मदद से जल संग्रह हुआ। सिंधियों ने खतरा मोल लेकर पाकिस्तान से भेजा जल डॉ.विजय जौली ने बताया कि दुनिया भर के प्रमुख स्थलों से जल संग्रह करने की यात्रा आसान नहीं रही। हर स्थान से जल संग्रह में कुछ न कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत पाकिस्तान से जल लाने में हुई। बताया कि वहां रह रहे हिंदुओं से संपर्क किया तो उन्होंने डर के चलते मना कर दिया। फिर रायपुर के सिंधी समाज के संत युद्धिठर लाल से बात हुई तो उन्होंने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रह रहे कुछ सिंधी भाईयों से संपर्क कराया। पहले तो वे भी डर रहे थे, फिर खतरा मोल लेकर नाम-पता का जिक्र न करने की शर्त में उन भाईयों ने पाकिस्तान की रावी नदी का जल दुबई भेजा। जहां से हमने भारत जल मंगाया।

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