झांसी में गो आश्रय स्थल में गोवंश न पाये जाने पर प्रधान व गो पालकों पर एफआईआर
गो आश्रय स्थल मे गोवंशो के न पाये जाने पर प्रधान और गो पालकों पर एफआईआर
झांसी। डीएम के निर्देश पर गो आश्रय स्थल में धन के दुरुपयोग और रजिस्टर के अनुसार गोवंश नहीं पाए जाने पर झांसी जिले के ग्राम प्रधान ढुरवई और गो सेवकों के विरुद्ध शुक्रवार को सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह कार्यवाही एसडीएम टहरौली की गौ आश्रय स्थल की जांच के बाद की गयी है।
गुरसरांय के खण्ड विकास अधिकारी ने बताया कि डीएम झांसी रविन्द्र कुमार के निर्देश पर गुरुवार को थानाध्यक्ष थाना टोड़ीफतेहपुर को मुकदमा दर्ज करने को तहरीर दी गयी थी। जिस पर सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। आरोप है कि बीते 09.मई को एसडीएम टहरौली ने सांय 6.00 बजे गौवंश आश्रय स्थल दुरवई का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के समय एक भी गौवंश नही मिला। अगले दिन उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने दोपहर 02.36 पर निरीक्षण किया। जिसमें गौवंश की संख्या 41 पायी गयी। जबकि अभिलेख के अनुसार 80 गौवंश होने चाहिये थे। जिसमें से 65 की टेगिंग स्वंय उपमुख्य चिकित्साधिकारी ने करायी थी । उनके निरीक्षण में कोई भी टैग वाला गौवंश नही पाया गया। इससे स्पष्ट है कि ग्राम प्रधान, गौपालक ने गौशाला के टैगिंग किये हुये गौवंशो को पुनः निराश्रित करते हुये उनके हाल पर छोड़ दिया है।
बीडीओ ने कहा कि ग्राम प्रधान का यह कृत्य, टैगिंग किये गये संरक्षित गौवंश को उनके हाल पर छोड देना, गौशाला के बाहर निकाल देना, निराश्रित पशुओं के प्रति क्रूरता का परिचायक है। मामले मे पुलिस ने ग्राम प्रधान ढुरवई परशुराम, गौसेवक किशोरीलाल,और गंगादीन के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।
डीएम झांसी रविंद्र कुमार ने निर्देश दिये हैं कि जनपद की समस्त गो आश्रय स्थलों का गंभीरतापूर्वक निरीक्षण किया जाए ताकि अनियमितताओं को रोका जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए की भविष्य में यदि गो आश्रय स्थल में उपलब्ध धनराशि का दुरुपयोग किया जाता है तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।