बैटल ऑफ बीझलपुर के 81 शहीदों का मनाया गया बलिदान दिवस
औरैया l हम उन शहीदों के ऋणी हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया और उन्हीं शहीदों के कारण हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने उक्त विचार बीझलपुर स्मारक पर 16 मई 1858 को ब्रिटानी सैनिकों से गुरिल्ला युद्ध में शहीद हुए 81 क्रांतिवीरों को पुष्प चक्र अर्पित करते हुए दिए। शहीदों की स्मृति में 81 दीपक प्रज्ज्वलित कर यमुना नदी में प्रवाहित किये गए। उन्होंने कहा कि हाल ही में बनवाये गए बीझलपुर स्मारक पर मिट्टी का कटाव रोकने हेतु दीवार बनाने के लिए बजट अवमुक्त कर दिया गया है । इसके अतिरिक्त यहां चहारदीवारी एवं संग्रहालय कक्ष का भी शीघ्र निर्माण कराया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि हमें इन शहीदों के बलिदान से देश प्रेम और त्याग की प्रेरणा मिलती है।
भारत प्रेरणा मंच के महासचिव अविनाश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रथम स्वाधीनता संग्राम में इटावा से कलेक्टर एओ ह्यूम व कर्नल रिडिल के नेतृत्व में यमुना के जलीय मार्ग से कालपी में रानी लक्ष्मीबाई के साथ में होने वाले युद्ध में ब्रिटिश सेना का साथ देने जा रही रही इटावा से चली अंग्रेजी सेना जैसे ही 12 मई 1858 को बीझलपुर के यमुना घाट पर पहुंची, जनपद औरैया की क्रांतिकारी सेना ने यमुना के दोनों किनारों से अंग्रेजी सेना पर धावा बोल दिया। अपने घातक प्रहारों से क्रांतिकारी सेना ने 4 दिन तक अंग्रेजी सेना को कालपी की तरफ नहीं बढ़ने दिया । जब कलेक्टर ए ओ ह्यूम ने देखा कि बिना जमीनी मार्ग से अतिरिक्त सेना मंगायें वह बीझलपुर यमुना घाट से एक कदम आगे नहीं बढ़ पाएगा तो उसने इटावा से अतिरिक्त सेना मंगवा कर क्रांतिकारियों पर पीछे से हमला करवा दिया। चारों तरफ से घिरने के बाद भी क्रांतिकारी सेना पीछे न हट कर अपनी जान पर खेलकर अंग्रेजी सेना से बराबर लोहा लेती रही। इस युद्ध में 81 क्रांतिकारियों ने आजादी की बलिवेदी पर अपने आप को बलिदान कर दिया। इनमें पांच सगे भाई भी शामिल थे। संचालन कर रहे राष्ट्रीय कवि व मंच के अध्यक्ष अजय अंजाम ने कहा कि अपने पुरखों का वह शौर्य प्रणम्य है जिसमे उन्होंने फिरंगी तोपों और बंदूकों का सामना हंसिया, खुरपी, कुल्हाड़ी और कुदाली जैसे घरेलू औजारों से किया। पूर्व ब्लाक प्रमुख राजकुमार दुबे ने उन क्रांतिकारियों के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प दिलाया। इसके बाद सभी लोग पांच भाइयों के स्मारक पर दीप जलाते हुए यमुना तट पर पहुंचे। यहां 81 दीपक जलाकर यमुना नदी में प्रवाहित किये गए। औरैया खण्ड विकास अधिकारी श्री बब्बन प्रसाद मौर्य व भारत प्रेरणा मंच ने सभी अतिथियों को रामचरितमानस की प्रति भेंट की l