हादसे में घुटनों तक दोनों पैर व दाया हाथ संग बांया हाथ की दो अंगुलिया गंवा चुके सूरज तिवारी के जज्बे को सलाम
हादसे में घुटनों तक दोनों पैर व दाया हाथ संग बांया हाथ की दो अंगुलिया गंवा चुके सूरज तिवारी के जज्बे को सलाम
मैनपुरी जिले के कुरावली में मंगलवार को यूपीएससी परिणाम आने के उपरांत नगर में खुशी की लहर दौड़ गई। यूपीएससी परीक्षा में 971वीं रेंक पाकर कुरावली का नाम रोशन किया। जैसे ही लोगों को कुरावली के युवक द्वारा यूपीएससी पास करने की जानकारी हुई लोगों में असली लहर दौड़ गई नगर के लोगों ने जमकर मिष्ठान वितरण का अपना हर्ष व्यक्त किया।
नगर के मोहल्ला घरनाजपुर निवासी दिव्यांग युवक सूरज तिवारी पुत्र राजेश तिवारी ने मंगलवार को घोषित हुआ यूपीएससी परीक्षा परिणाम में 971 वीं रैंक पाकर सफलता प्राप्त की उनकी इस सफलता पर मिष्ठान वितरण कर हर्ष व्यक्त किया। उनके मोहल्ला घरनाज़पुर बधाई देने वालों की भीड़ जुट गई।
यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले दिव्यांग सूरज तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा नगर के महर्षि परशुराम स्कूल में हुई। उन्होंने वर्ष 2011में हाईस्कूल परीक्षा एसबीआरएल इंटर कॉलेज मैनपुरी से तथा 2014 मे इंटरमीडिएट परीक्षा संपूर्णानंद इंटर कॉलेज अरम सराय बेवर से उत्तीर्ण की बीएससी कर रहे थे तभी 24 जनवरी 2017 को दादरी गाजियाबाद में हुई एक ट्रेन दुर्घटना में घुटनों से दोनों पैर तथा कोहनी दाया हाथ व बाएं हाथ की दो उंगलियां गवा बैठे थे। काफी गंदा खर्च करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी लगातार वह शिक्षा अध्ययन करते रहे 2021 में उन्होंने जेएनयू दिल्ली से बीए किया। एम ए की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। बचपन से ही लग्नशील होनहार सूरज तिवारी आईएएस की तैयारी करने के लिए लगातार 18 घंटे तक पढ़ते थे। 2017 को उनके बड़े भाई राहुल तिवारी का निधन हो गया जिससे वह मायूस हो गए। पिता की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के बावजूद भी उनकी पढ़ाई जारी रखी।
सिलाई कर जारी रखी पढ़ाई
सूरज तिवारी के पिता राजेश तिवारी पेशे से टेलर हैं । उनके पिता सिलाई कर परिवार का भरण पोषण करते थे। बेहद तंगी के बावजूद भी राजेश तिवारी ने अपने बेटे की इच्छा अनुसार उसे प्रेरित करते हुए व्यवधान नहीं आने दिया।
तीन भाई व एक बहिन है सूरज तिवारी
सूरज तिवारी तीन भाई एक बहन थे जिनमें से एक बड़े भाई राहुल तिवारी की 25 मई 2017 को मृत्यु हो गई। छोटा भाई राघव तिवारी बीएससी कर रहा है छोटी बहन प्रिया बीटीसी कर रही है। मां आशा देवी ग्रहणी तथा पिता राजेश तिवारी पेशे से टेलर हैं।
सूरज तिवारी ने जेआरएफ( जूनियर रिसर्च फैलोशिप ) उत्तीर्ण किया था। नेट रशियन लैंग्वेज ऑप्शनल के रूप में समाजशास्त्र चुना था। सूरज तिवारी साढे 26 साल की उम्र में ही आईएएस बन गए। सूरज तिवारी की जन्म तिथि 17 नवंबर 1996 है।