यूपी में रोज जल रहे हैं 850 बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर

यूपी में रोज जल रहे हैं 850 बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर
लखनऊ। उपभोक्ता परिषद ने जून के महीने में 13 जून तक की रिपोर्ट के आधार पर किया खुलासा प्रत्येक दिन जून में जल रहे हैं पूरे प्रदेश में लगभग 801 से 850 वितरण ट्रांसफार्मर। जिसमें से 390 से ज्यादा ट्रांसफार्मर ओवर लोडिंग से हो रहे हैं डैमेज व खराब कैपेसिटर बैंक लगने से इन्हें बचाया जा सकता है। उपभोक्ता परिषद ने पूरे प्रदेश में जून के महीने में बडी संख्या में जल रहे वितरण ट्रांसफार्मर पर बिजली कंपनियों को दी सलाह कहा कैपेसिटर बैंक की स्थापना कर ओवरलोडिंग के चलते जल रहे ट्रांसफार्मरों को जलने से बचाया जा सकता है और वोल्टेज में भी बढोतरी की जा सकती है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि पूर्व में विद्युत नियामक आयोग द्वारा ट्रांसफार्मर जलने की घटना पर अंकुश लगाने हेतु बिजली कंपनियों को प्रेषित क्वालिटी कंट्रोल कमेटी की रिपोर्ट को लागू कर ट्रांसफार्मर जलने की घटना पर अंकुश लगाने की दी सलाह। उपभोक्ता परिषद ने किया खुलासा कहां जहां वर्ष 2022 में जून के महीने में 29437 वितरण ट्रांसफार्मर हुए थे डैमेज वही यह सिलसिला अभी भी है जारी इस पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी जिससे करोडों के नुकसान से बिजली कंपनियां अपने को बचा सकती है ।
वर्तमान में जब भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है ऐसे में पूरे प्रदेश में बडे पैमाने पर ब्रेक डाउन हो रहे हैं बात करें कि सबसे ज्यादा प्रभावित जिससे उपभोक्ता होते हैं वह ट्रांसफार्मर का जलना है जून के महीने में उपभोक्ता परिषद ने जब ट्रांसफार्मर जलने के मामले का अध्ययन किया तो पाया 13 जून तक पूरे प्रदेश में लगभग 10330 ट्रांसफार्मर डैमेज व खराब हुए यानी कि प्रत्येक दिन लगभग 801 से 850 ट्रांसफार्मर पूरे प्रदेश में डैमेज व जल रहे हैं सबसे चौंकाने वाला मामला यह है की बात करें इसमें जो ओवरलोड से जल रहे हैं उनका औसत लगभग 390 ट्रांसफॉर्मर रोज है जो कुल ट्रांसफार्मर 13 जून तक जले हैं उसमें 12 जून तक 4707 ट्रांसफार्मर पूरे प्रदेश में ओवरलोड से जले और 640 ट्रांसफार्मर अनबैलेंसिंग के चलते डैमेज हुए हैं यानी कि यदि 33 /11 केवी सब स्टेशनों पर कैपेसिटर बैंक को कार्यशील कर दिया जाए और जहां लगे नहीं वहां लगवा दिया जाए तो जहां ट्रांसफार्मर जलने की घटना आधी हो जाएगी वहीं जिन उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज की समस्या उठानी पड रही है उन्हें भी काफी हद तक निजात मिल जाएगी। वही बात करें वर्ष 2022 में जून में कुल ट्रांसफार्मर जलने की वह खराब होने की घटना का तो लगभग 29437 ट्रांसफॉर्मर पूरे जून 2022 में खराब हुई थे यानी कि जून 2022 में प्रत्येक दिन लगभग 981 ट्रांसफार्मर खराब हुई थी निश्चित तौर पर जून 2023 में इसमें कमी आई है लेकिन अभी भी आ संख्या बहुत ज्यादा है कैपेसिटर बैंक लगाने से ट्रांसफार्मर खराब होने की घटना में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिलेगा।उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों को सलाह दी है कि वह विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2007- 8 में प्रेषित ट्रांसफार्मर जलने की घटना में अंकुश लगाने हेतु क्वालिटी कंट्रोल कमेटी की रिपोर्ट पर काम करें तो निश्चित तौर पर ट्रांसफार्मर जल ना कम होगा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वर्तमान में सभी बिजली कंपनियों में वितरण ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं बहुत अधिक संख्या में सामने आ रही है ऐसे में इन पर अंकुश लगाने के लिए पूरे प्रदेश में कैपेसिटर बैंक जो कार्यशील नहीं है उन्हें कार्यशील कराना होगा और साथ ही जहां जरूरत है वहां कैपेसिटर बैंक अभिलंब लगवाए जाएं इससे जहां ओवरलोड की वजह से ट्रांसफार्मर जल रहे हैं उस में कमी आएगी और प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को जो गर्मी के महीने में लो वोल्टेज की समस्या रहती है उससे भी उन्हें निजात मिलेगी ।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा जब ट्रांसफार्मर बहुत अधिक संख्या में वर्ष 2007 में जल रहे थे उस समय विद्युत नियामक आयोग ने इक्विपमेंट क्वालिटी कंट्रोल कमेटी का गठन किया था जिसमें आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर और उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष के नाते मैं भी सदस्य था और विद्युत सुरक्षा निदेशालय सहित विद्युत नियामक आयोग के सचिव भी उसमें सदस्य के रूप में शामिल थे जिस पर एक उच्च स्तरीय रिपोर्ट दाखिल की गई थी यदि आज उस पर बिजली कंपनियां गौर करें तो स्वता ट्रांसफार्मर जलने की घटना में कमी आएगी उस समय उस रिपोर्ट में सभी तकनीकी बिंदुओं को और ट्रांसफार्मर जलने की घटना को रोकने के लिए विस्तृत रिपोर्ट दी गई थी आज भी वह बहुत सहायक रिपोर्ट होगी बिजली कंपनियों को उसे अध्ययन कर उसके हिसाब से काम करना होगा।

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