देश में हस्तशिल्प निर्यात 2030 तक तीन गुना करने का लक्ष्य तय
देश में हस्तशिल्प निर्यात 2030 तक तीन गुना करने का लक्ष्य तय
नई दिल्ली। ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने बताया कि डॉ. राकेश कुमार ने मुख्य संरक्षक (चीफ मेंटर) की भूमिका अपनाई और इस विषय पर अपने विशाल अनुभव और ज्ञान के साथ हस्तशिल्प क्षेत्र का मार्गदर्शन करना जारी रखेंगे। महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने और सेवा में निर्धारित आयु पूरी करने के बाद अप्रैल 2023 में अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि ईपीसीएच के जयपुर घोषणापत्र के अनुसार “तीन गुना तीस तक” का जनादेश हम में से प्रत्येक के प्रयासों के बिना हासिल नहीं किया जा सकता है। डॉ. राकेश कुमार के जबरदस्त योगदान को देखते हुए, “तीन गुण तीस तक” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, डॉ. राकेश कुमार का मार्गदर्शन और दूरदर्शिता बहुत मददगार होगी, जिसके बिना लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा। संपूर्ण हस्तशिल्प निर्यातक बिरादरी और प्रशासन समिति ने डॉ. कुमार से ईपीसीएच के मुख्य संरक्षक (चीफ मेंटर) की भूमिका में महानिदेशक बने रहने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। मुझे पूरा यकीन है कि हममें से हर कोई “तीन गुण तीस तक” के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 100% देगा और डॉ. राकेश कुमार के अनुभव और मार्गदर्शन का पूरा लाभ उठाएगा। श्री बैद ने मुख्य संरक्षक (चीफ मेंटर) की भूमिका स्वीकार करने के लिए श्री कुमार के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद देश से हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और होम, जीवनशैली, कपड़ा, फर्नीचर और फैशन आभूषण और एसेसरीज के उत्पादन में लगे देश के विभिन्न शिल्प समूहों में लगे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के करिश्माई उत्पादों की ब्रांड छवि बनाने के लिए एक नोडल एजेंसी है।