₹48 करोड मिलने के बावजूद बांदा-कानपुर मार्ग दुरुस्तीकरण पर लगा बरसात का ग्रहण

चार महीने तक और खाना पडेगा हिचकोलें

 

यूपी में बांदा से कानपुर जाने -आने के लिये करीब चार माह तक इस मार्ग की गड्ढेदार सडकों पर अभी और हिचकोलें खाना पडेगा। ₹48 करोड की धनराशि मंजूर होने के बावजूद इस मार्ग मे मौसम का ग्रहण लग गया। बरसात के मौसम मे बांदा-कानपुर मार्ग की निर्माण प्रक्रिया फिलहाल ठंडे बस्ते में चली गई है।
बांदा-कानपुर मार्ग मे चिल्ला पुल के उस पार ललौली से फतेहपुर जिले की सीमा शुरु हो जाती है। बुरी तरह उखडी-टूटी, और बडे-बडे गहरे गड्ढों मे समाये इस मार्ग के लिये यमुना के चिल्ला पुल से चौडगरा तक के सडक निर्माण के लिये बांदा के सदर विधायक की अरदास पर शासन ने ₹48 करोड 71 लाख स्वीकृत करके पीडब्ल्यूडी फतेहपुर को आवंटित कर दिए हैं। फतेहपुर पीडब्लूडी विभाग ने टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप भी दे दिया था। किन्तु इस रुट के निर्माण मे बरसात बैरन बन गयी। हर रोज हो रही झमाझम बरसात की वजह से सारा काम ठप हो गया।
यहां बांदा और सीमावर्ती मध्यप्रदेश के लोग कानपुर-लखनऊ के लिए सड़क मार्ग से ललौली-बिंदकी-चौडगरा (फतेहपुर) होकर कानपुर और लखनऊ आते- जाते हैं। रोजाना इनकी संख्या हजारों में है। मार्ग जर्जर होने के कारण तमाम वाहन सडक के गहरेे गड्ढों मे फंसकर उलट-पलट जाते हैं। दर्जनो जाने चली जाती हैं। कानपुर,लखनऊ के लिये रेफर होने वाले मरीजों के लिये यह मार्ग जानलेवा साबित हो जाता है। एंबुलेंस में हिचकोलों से मरीजों की हालत और गंभीर हो जाती है। कानपुर,लखनऊ के अस्पताल तक मरीजों को पहुंचने में लेटलतीफी तो होती ही है ! अक्सर मरीज रास्ते मे दम तोड देते हैं। कानपुर मार्केट से सामान लाने वाला व्यापारी वर्ग भी सड़क खराब होने से परेशान होता हैं।
पिछले विधानसभा सत्र मे बांदा सदर विधायक प्रकाश दिवेदी नें यह मामला जोरदारी से उठाया था। सरकार से इस मार्ग के निर्माण का अनुरोध किया था।इस पर शासन नें धन स्वीकृत किया। लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी होते होते बरसात का मौसम आ गया और सड़क के अच्छे दिन पर चार माह का ग्रहण लग गया। फतेहपुर लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता का कहना है कि बरसात बाद ही सड़क का निर्माण कार्य व्यवस्थित हो पायेगा।

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