संविदा परिचालक की मौत के बाद परिजनों ने शव रखकर रोडवेज पर किया प्रदर्शन

संविदा परिचालक की मौत के बाद परिजनों ने शव रखकर रोडवेज पर किया प्रदर्शन

उप्र बस्ती जिले में रोडवेज बस्ती डिपो में कार्यरत संविदा परिचालक की मौत के बाद परिजन सोमवार को रोडवेज में पहुंचे और शव रखकर विभाग पर आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। परिजनों का कहना है कि परिचालक पर विभागीय दबाव बनाया गया, जिसके चलते वह मानसिक रूप से परेशान होकर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। परशुरामपुर क्षेत्र के पिटुड़ा शृंगीनारी निवासी राजाबाबू पांडेय (27) डिपो में संविदा परिचालक थे। 23 जुलाई को वह ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। मौत के बाद दूसरे दिन सोमवार को मामला तूल पकड़ लिया। परिजन पोस्टमार्टम कराने के बाद एंबुलेंस पर शव लेकर रोडवेज परिसर में पहुंच गए। एआरएम कार्यालय के सामने शव रखकर घेराव किया। परिजनों के साथ वहां अन्य परिचालक व चालक भी पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। पिता और चाचा ने एआरएम पर उत्पीड़न का आरोप मढ़ा। परिजन एआरएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान एआरएम आयुष भटनागर अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थे। हंगामा के चलते बसों का संचालन कुछ देकर के लिए ठप हो गया था। परिजनों का कहना था कि राजाबाबू की ड्यूटी मखौड़ा से गोरखपुर रूट पर चलने वाली एक अनुबंधित बस पर लगी थी। 22 जुलाई की शाम को वह ड्यूटी से घर आए। अगले दिन 23 जुलाई की शाम गौर थानाक्षेत्र के बलुआ समय माता मंदिर के पास राजाबाबू अपनी बाइक खड़ी कर मालगाड़ी के आगे रेलवे ट्रैक पर कूदकर जान दे दी। वहीं पोस्टमार्टम हाउस पर संवेदना व्यक्त करने पहुंचे एआरएम भटनागर को देखकर परिजन उनके ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाने लगे। परिजनों का कड़ा रूख देख एआरएम वहां से चले आए। पोस्टमार्टम के बाद परिजन संविदा परिचालक का शव लेकर उनके कार्यालय पहुंच गए। यहां एआरएम मौजूद नहीं थे। प्रदर्शन और हंगामे की सूचना पर कोतवाल विनय कुमार पाठक मय फोर्स पहुंच गए। परिजनों की बात सुनी और समझाने का प्रयास किया। लेकिन गुस्साए परिजन और अन्य लोगों एआरएम मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने की मांग करते रहे। साथ ही सभी परिचालक और चालक से हस्ताक्षर कराते हुए बस्ती में न रहने और स्थानांतरण की मांग की। कोतवाल ने कहा कि विभागीय मुआवजा जो भी होगा वह मिलेगा, बाकी जांच की जाएगी। मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर को परिजनों ने तहरीर देकर एआरएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं आश्वासन के बाद शाम करीब साढ़े छह बजे परिजन शव लेकर परिजन चले गए।
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एआरएम आयुष भटनागर ने कहा कि संबंधित परिचालक की इनकम कम होने पर मानीटरिंग के लिए ऑफिस में बुलाए थे। वर्तमान में 50 फीसद लोड फैक्टर डिपो का है, ऐसे में कम इनकम होने पर समीक्षा के उद्देश्य से बुलाए थे। किसी प्रकार की प्रताड़ना नहीं की गई, न ही कोई कागजी कार्रवाई की गई है। परिचालक की व्यक्तिगत मामला रहा होगा। सभी आरोप निराधार हैं। परिवार के साथ मेरी संवेदना है।

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