यादें बिस्मिल्लाह में याद किये गये उस्ताद बिस्मिल्लाह

यादें बिस्मिल्लाह में याद किये गये उस्ताद बिस्मिल्लाह

*सोमा घोष ने सुनाया, घन घना घन बोले जिया मोरा डोल*

*नासिर अब्बास ने सुनाई उस्ताद की प्रिय कजरी*

वाराणसी। यादें बिस्मिल्लाह से भारत रत्न उस्ताद की पुण्यतिथि मनाई गई। मधु मूर्छना दीपिका कल्चरल सोसाइटी ऑफ इंडिया, इंडिया टूरिज्म वाराणसी नॉर्दर्न रीजन के संयुक्त तत्वाधान में महमूरगंज स्थित पाणिनी कन्या महाविद्यालय में यादें बिस्मिल्लाह आयोज कर उन्हें याद किया गया। उस्ताद के पुत्र नासिर अब्बास जाकिर हुसैन शहनाई ग्रुप ने उस्ताद की प्रिय कजरी सुनाया। दूसरी प्रस्तुति कजरी कार्यशाला में विद्यालय की छात्राओं ने संस्कृत में कजरी सुना कर तालियां बटोरी। पद्मश्री डॉ सोमा घोष ने घन घना घन बोले जिया मोरा डोले एवं दिल का खिलौना हाय टूट गया सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त निर्देशक शुभंकर घोष की फिल्म यादें बिस्मिल्लाह देखकर सभी लोग भाव विभोर हो गये। समारोह का विधिवत उद्घाटन काशी विश्वनाथ मंदिर के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नागेंद्र पांडे, उत्तर प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, पद्मश्री डॉ राजेश्वर अचार्य, पूर्व महापौर रामगोपाल मोहले, दीपिका कल्चर ऑफ सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय गुप्ता, पद्मश्री डॉ सोमा घोष ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। स्वागत डॉ सोमा घोष संचालन अंकिता खत्री एवं धन्यवाद ज्ञापन दीपिका कल्चरल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने ज्ञापित किया।

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