बीएचयू के वेटरनरी संकाय में किया गया देशी गोवंश का भ्रूण-प्रत्यारोपण

बीएचयू के वेटरनरी संकाय में किया गया देशी गोवंश का भ्रूण-प्रत्यारोपण
वाराणसी। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के वेटरनरी संकाय में किया गया देशी गोवंश का सफल भ्रूण-प्रत्यारोपण किया गया। ऐसा पहली बार हुआ । पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान संकाय, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत संचालित भ्रूण प्रत्यारोपण परियोजना के अंतर्गत देशी साहीवाल गाय से प्राप्त चार भूर्णो का दूसरी बार सफल प्रत्यारोपण किया गया । योजना का मुख्य उद्देश्य उच्च क्षमता वाली देशी गौ वंश, जैसे साहिवाल एवं गंगातीरी गायों में एक साथ कई भ्रूण प्राप्त करके उन्हें कम क्षमता वाली गायों में प्रत्यारोपित किया जाना है, जिससे अधिक से अधिक दूध देने वाली गौ वंश की संख्या तेजी से बढ़ाई जा सके। भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक से एक गाय से एक साल में लगभग 12 से 15 बच्चे प्राप्त किए जा सकते हैं, इससे बांझपन की समस्या से निजात पाने में यह तकनीक काफी कारगर है। परियोजना से जुड़े वैज्ञानिक डॉ मनीष कुमार, प्रधान अन्वेषक, एवं सह अन्वेषक, डॉ प्रियरंजन, डॉ कौस्तुभ, डॉ अजीत एवं डॉ नीरज ठाकुर ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । संकाय प्रमुख डॉक्टर शाहिद परवेज ने कार्य की प्रगति पर हर्ष व्यक्त करते हुए सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी। परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ मनीष कुमार ने विश्वास दिलाया की हमें निकट भविष्य में और भी सफलताएं प्राप्त होगी । इस परियोजना से विलुप्तप्राय हो रही गंगातीरी जैसी देशी गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन तीव्र गति से संभव हो सकेगा ।

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