झांसी रेलवे कोर्ट से तीन बंदियों के भागने के मामले में 8 पुलिस कर्मी सस्पेंड

 

झांसी। पुलिस वैन का दरवाजा खोलकर तीन बदमाशों के भागने के मामले में पुलिस कर्मियों की लापरवाही मानी गई है। झांसी एसएसपी ने बंदियों की सुरक्षा मे तैनात 8 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक सुभाष सिंह ने भी सुरक्षा ड्यूटी में तैनात तीन दरोगा समेत पांच सिपाहियों के खिलाफ जीआरपी थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज करा दी है। फरार होने वाले तीन बंदियों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
मंगलवार दोपहर करीब 1.40 बजे 13 पुलिसकर्मी सात बंदियों को झांसी रेलवे कोर्ट से पेशी के बाद वापस ले जा रहे थे। इसी दौरान वाहन का दरवाजा खोलकर तीन बंदी वहां से फरार हो गए। पुलिस कई घंटे तक इनको तलाशती रही लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद बुधवार देर-रात इन बंदियों की सुरक्षा में तैनात दरोगा सुरेश सिंह यादव, हरिश्चंद्र सिंह, राजेंद्र अनुरागी, पंकज सिंह समेत मुख्य आरक्षी शिवपाल सिंह, सुनील कुमार, संदीप कुमार, जितेंद्र कुमार समेत आरक्षी अनिल कुमार के खिलाफ आरआई सुभाष सिंह ने सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में जीआरपी थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी गयी।
इस बीच झांसी की रेलवे कोर्ट में दो दिन पहले पेशी पर लाए गए 3 बंदियों के पुलिस कस्टडी से भागने का सीसीटीवी फुटेज सामने आया तो हडकंप मच गया।। बीडियो मे साफ नजर आ रहा है कि पुलिस वैन खड़ी है और उसके आसपास एक भी पुलिसकर्मी नहीं है। बाहर से वैन की कुंडी भी बंद नहीं है। आरोपित वैन का दरवाजा खोलते हैं और नीचे उतरते ही दौड़कर भाग जाते हैं। दो आरोपित एक साथ भागते हैं, जबकि तीसरा उनके विपरीत दिशा में भाग जाता है। जब आरोपित भागने के लिए गेट खोलते हैं, तभी पुलिस की एक गाड़ी निकलती है, वे भी नहीं रुकते। फरार होने वाले बंदियों मे शिवपुरी के करेरा निवासी बृजेंद्र उर्फ हजरत (27), सागर निवासी ग्याप्रसाद उर्फ गुड्डा (23) और ग्वालियर के रेशममिल निवासी शैलेंद्र (20) शामिल हैं। अब तक तीनों का कोई पता नहीं चला। इन बंदियों की सुरक्षा में तैनात दरोगा सुरेश सिंह यादव, राजेंद्र अनुरागी, पंकज सिंह समेत मुख्य आरक्षी शिवपाल सिंह, सुनील कुमार, संदीप कुमार, जितेंद्र कुमार समेत आरक्षी अनिल कुमार के खिलाफ सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में जीआरपी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है। इन सभी को सस्पेंड भी कर दिया गया है। केस में तीनों बंदियों को भी नामजद किया गया है। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 223 एवं 224 के तहत केस दर्ज किया गया है।

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