केंद्रीय टीम आज मंगन और उत्तरी सिक्किम के कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सिक्किम में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का कर चुके है समीक्षा

गंगटोक: सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 74 तक पहुंच गई है। सिक्किम में 34 , जबकि निकटवर्ती पश्चिम बंगाल के उत्तर बंगाल क्षेत्र के प्रशासन ने कहा कि तीस्ता नदी से अब तक 40 शव बरामद हुए हैं। लापता अभी भी 80 लोगों की तलाश जारी है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सिक्किम में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से मुलाकात की और राहत कार्यों में भारतीय सेना की हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। इसके साथ ही केंद्रीय टीम आज मंगन और उत्तरी सिक्किम के कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। कहा गया कि गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि सिक्किम सरकार और केंद्रीय एजेंसियों की पहली प्राथमिकता कम से कम समय में लोगों को सुरक्षित निकालने की होनी चाहिए। सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक भी डिजिटल माध्यम से बैठक में शामिल हुए और अवगत कराया कि अधिकतर क्षेत्रों में सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि मौसम में सुधार के चलते अब फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकालना शुरू कर दिया गया है। मुख्य सचिव ने बताया कि सोमवार सुबह 80 लोगों को निकाला गया और 28 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां 6,800 से अधिक लोगों ने आश्रय लिया हुआ है।
वायु सेना ने हिमालयी राज्य सिक्किम में बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है और लाचेन से उत्तरी सिक्किम के मंगन में फंसे हुए पर्यटकों के पहले जत्थे को विमान से सुरक्षित जगह पहुंचाया है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सशस्त्र बलों के साथ समन्वित राहत और बचाव कार्यों के लिए मुख्य सचिव वीबी पाठक, गंगटोक पहुंचे थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा। मंगन जिले में ल्होनक झील पर बादल फटने के 6 दिन बाद कुल 105 लोग लापता हैं। बादल फटने के कारण तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई, जिससे हिमालयी राज्य के 4 जिलों में नदी बेसिन के कई शहरों में पानी भर गया।उन्होंने जारी राहत और पुनर्वास प्रयासों को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए माजिगांव में एक राहत शिविर का भी दौरा किया। अधिकारियों ने कहा किअंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने राहत केंद्रों में उचित स्वच्छता बनाए रखने के लिए सिफारिशें कीं और वहां रह रहे लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य परामर्श का सुझाव भी दिया। उन्होंने वित्तीय सहायता को लेकर कहा कि राज्य की तात्कालिक एवं अल्पकालिक आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाएगी और साथ ही आश्वासन दिया कि धनराशि जारी करने में तेजी लाई जाएगी ताकि सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो सके। वायुसेना ने हिमालय राज्य सिक्किम में बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है और लाचेन से उत्तरी सिक्किम के मंगन में फंसे हुए पर्यटकों के पहले जत्थे को विमान से सुरक्षित जगह पहुंचाया है। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर ने 10 उड़ान भरीं और 354 पर्यटकों को आपदा प्रभावित इलाकों से बाहर निकाला।सेना प्रमुख ने बाढ़ के हालात का जायजा लिया
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने दो दिवसीय यात्रा के दौरान बाढ़ से प्रभावित सिक्किम के हालात का जायजा लिया। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि जनरल पांडे ने सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता और जीओसी त्रिशक्ति कमान के लेफ्टिनेंट जनरल वीपीएस कौशिक के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। अधिकारी ने एक बयान में कहा, ‘सेना प्रमुख ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पी.एस. तमांग से बातचीत की और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।’ दौरे के दौरान जनरल पांडे ने सैनिकों से संवाद किया। पाठक ने एनसीएमसी को बताया कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने सोमवार शाम तक क्षेत्र में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि चार अक्टूबर को अचानक आई बाढ़ ने मुंशीथांग में सेना के आयुध डिपो को पूरी तरह से तबाह कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप तीस्ता नदी का बेसिन हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री से भर गया है। उन्होंने कहा कि मलबे और कीचड़ को साफ करने में मुश्किलें आ रही हैं।किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए लोगों को चेतावनी जारी की गई है कि अगर नदी के बेसिन में कोई गोला-बारूद या विस्फोटक दिखाई दे तो स्थानीय पुलिस को सूचित करें।कहा गया कि प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, दवाइयां और एलपीजी सहित सभी आवश्यक आपूर्ति की जा रही है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने एनसीएमसी को अगवत कराया कि 11 से 13 अक्टूबर तक मौसम अनुकूल रहने के आसार हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक ने एनसीएमसी को बताया कि बचाव और राहत कार्यों के लिए राज्य में छह टीम तैनात की गई हैं। इसके अलावा तीन टीम सिलीगुड़ी में आरक्षित रखी गई हैं।
बचाव और बहाली प्रयासों में पूर्वोत्तर राज्य की मदद के लिए भारतीय सेना और वायुसेना की टीम भी तैनात की गई हैं।
केंद्रीय गृह सचिव ने बताया कि केंद्र 24 घंटे हालात और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहा है। उन्होंने एनसीएमसी को बताया कि स्थिति का जायजा लेने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समन्वय टीम (आईएमसीटी) सिक्किम पहुंच गई है और सिक्किम सरकार को आवश्यक अतिरिक्त केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि सिक्किम सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के लिए प्राथमिकता कम से कम समय में लोगों को सुरक्षित निकालने की होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जिन क्षेत्रों में पुल ढह गए हैं, वहां सड़क संपर्क बहाल करने के लिए बेली ब्रिज को प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाना चाहिए।गौबा ने कहा कि केंद्र राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा। बैठक में संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव, सेना के वरिष्ठ अधिकारी, एनडीआरएफ के महानिदेशक शामिल रहे। रिपोर्ट अशोक झा

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