दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनने के ख्वाब में गंवा बैठे थे अकरम एक करोड़ रुपये

रुपये गंवाने का सदमा बना मोहम्मद अकरम का खुदकुशी का कारण

उप्र बस्ती जिले में भाजपा नेता व बेगम खैर इंटर गर्ल्स कालेज के प्रबंधक रहे मोहम्मद अकरम की खुदकुशी के पीछे का राज सामने आने लगा है। उनके बेटे मोहम्मद अशरफ के मुताबिक उसके पिता दिल्ली सचिवालय में खुद को सचिव बताने वाले जालसाज के चक्कर में फंस गए थे। उसने इन्हें अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य (दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री) बनवाने और दिल्ली में शानदार मकान दिलवाने का स्वप्न दिखाकर एक करोड़ से ज्यादा रुपये लेकर हड़प गया था। मोहम्मद अकरम लोगों से उधार लेकर उसे रुपये देते गए। बाद में जब वह मुकर गया तो इनके पैरों तले जमीन सरक गई और अवसाद में चले गए। जिसका परिणाम 19 सितंबर को सुबह वह खुदकुशी कर लिए।
कोतवाली में दी गई तहरीर के मुताबिक मोहम्मद अकरम किसी काम से दिल्ली गए हुए थे। जहां उनकी मुलाकात लालगंज थानाक्षेत्र के महसों निवासी अब्दुला से हुई। अब्दुल्ला की दिल्ली सचिवालय के पास नाई की दुकान है। मोहम्मद अकरम ने अब्दुल्ला से एक कमरे का इंतजाम करने को कहा। तो उसने रफी मार्ग पार्लियामेंट गली के विलाल भाई पटेल हाउस के थर्ड फ्लोर पर रहने वाले जोशुआ जेना से मुलाकात कराया। जोशुआ जेना ने अकरम से खुद को सचिवालय का सचिव बताकर झांसे में लिया। उसके आलीशान फ्लैट और रहन सहन से प्रभावित होकर भाजपा नेता अकरम ने उस पर भरोसा कर लिया।
आरोप है कि जोशुआ जेना ने मोहम्मद अकरम को अल्प संख्यक आयोग का सदस्य यानी दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनवाने के लिए उसने नगद और खाते में मिलाकर एक करोड़ से ज्यादा रुपये ले लिया। मोहम्मद अशरफ के मुताबिक इसके बाद उसके पिता तब से लगातार जेना के पास चक्कर काटने लगे लेकिन वह झांसा देता रहा। बाद में उसने अब्दुल्ला नाई के जरिए कई फर्जी नियुक्ति पत्र भी इन्हें दिया। जब वह सभी नियुक्ति पत्र फर्जी निकले तो मोहम्मद अकरम अपने रुपये वापस मांगने लगे। मगर जोशुआ जेना ने रुपये देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद वह अवसाद में चले गए। कोतवाल विनय कुमार पाठक ने बताया कि केस दर्ज कर अब्दुल्ला से पूछताछ की जा रही है। लेनदेन और अन्य पहलुओं पर जानकारी लेकर आगे कार्रवाई की जाएगी

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