मनरेगा की राशि को लेकर फिर केंद्र और टिक बीच छिड़ सकता है विवाद

मनरेगा की राशि को लेकर फिर केंद्र और टिक बीच छिड़ सकता है विवाद
-पहली नवंबर से आंदोलन की चेतावनी, केंद्र ने कहा पारदर्शिता से संतुष्ट होने पर ही मिलेगी राशि
सिलीगुड़ी : दुर्गा पूजा के बाद बंगाल में एक बार फिर आंदोलन का दौरा देखने को मिल सकता है टर्मिनल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर 31 अक्टूबर तक मनरेगा की बकाया राशि मिलने के संकेत नहीं मिले तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा। इस बात की जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए लंबित मनरेगा निधि तब जारी की जाएगी जब केंद्र योजना के कार्यान्वयन में राज्य सरकार की ‘पारदर्शिता’ से संतुष्ट हो जाएगा। गिरिराज सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दे रहे थे। पश्चिम बंगाल सरकार के इस आरोप के बारे में पूछा गया कि ग्रामीण विकास योजना के लिए राज्य को लगभग दो वर्ष से धन जारी नहीं किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”पश्चिम बंगाल को भुगतान तब किया जाएगा जब केंद्र योजना के कार्यान्वयन में उसकी पारदर्शिता से संतुष्ट हो जाएगा… क्या हमने बंगाल को पैसा नहीं दिया है, हम उन्हें अन्य योजनाओं के तहत पैसा दे रहे हैं। ”तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शीर्ष नेताओं ने केंद्र से बकाया राशि जारी करने की मांग को लेकर दो और तीन अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया था।
केंद्र का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य में योजना के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार हुआ है।
दिल्ली के कृषि भवन स्थित ग्रामीण विकास मंत्रालय में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने तीन अक्टूबर को टीएमसी नेता भी आये थे, लेकिन यह बैठक नहीं हुई क्योंकि राज्य मंत्री ने उनसे लगभग 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में से कुछ प्रतिनिधियों को भेजने के लिए कहा था।
टीएमसी नेताओं ने राज्य मंत्री पर उनसे मिले बिना चले जाने का आरोप लगाया था।
गिरिराज सिंह ने साध्वी निरंजन ज्योति का बचाव करते हुए कहा, ”रात 8.30 बजे तक साध्वी निरंजन ज्योति जी बैठी थीं… वे मंत्री से मिलना नहीं चाहते थे, वे केवल इस मामले को तूल देना चाहते थे। सिंह ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बारे में कहा कि इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत अतिरिक्त धनराशि के लिए वित्त मंत्रालय से संपर्क किया गया है और इसे जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी।केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पिछले नौ वर्षों के दौरान कुल 2,644 करोड़ कार्य दिवस सृजित किए गए और 6.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केंद्रीय हिस्सेदारी के रूप में जारी की गई। सिंह ने कहा कि उनका मंत्रालय इस वर्ष के अंत तक दो करोड़ ‘लखपति दीदी’ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में की थी। सिंह ने विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि पिछले नौ वर्षों में उनके मंत्रालय ने ग्रामीण गरीबों के जीवन में परिवर्तन के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा, ”वर्ष 2014 से डीएवाई-एनआरएलएम (दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के अंतर्गत कुल 7.33 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) में सम्मिलित किया गया है। बैंकों द्वारा स्वयं सहायता समूहों को वितरित ऋण की राशि 7.22 लाख करोड़ से अधिक है। यह प्रशंसनीय है कि वर्ष 2014 के बाद से गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का प्रतिशत घटकर 1.88 प्रतिशत हो गया है। मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय का लक्ष्य दिसंबर, 2023 तक 10 करोड़ स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की दीदियों तक पहुंचना और कम से कम दो करोड़ दीदियों को लखपति दीदी बनाना है।”
उन्होंने बताया कि पीएमएवाई-जी (प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण) के अंतर्गत विभाग द्वारा पिछले नौ वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 3.21 करोड़ घरों का निर्माण किया जा चुका है। इन पिछले नौ वर्षों में लाभार्थियों को घर निर्माण के लिए कुल 2.48 लाख करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कुल 7.44 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़क पूरी हो चुकी है और 1.62 लाख से अधिक ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसम वाली सड़कों से जोड़ा गया है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में जल भंडारण के लिए 67,000 से अधिक ‘अमृत सरोवर’ का निर्माण किया गया है।रिपोर्ट अशोक झा

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