प्रतिबंधित कफ सिरप तस्कर गिरोह का भंडाफोड़, बांग्लादेश होती है तस्करी
सिलीगुड़ी:बीरपाड़ा पुलिस ने अलीपुरद्वार से भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद किया है। बताया जाता है कि पुलिस को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली कि वीरपाड़ा में पूजा के दौरान बिक्री के लिए भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप लाया गया है। सुबह बीरपाड़ा पुलिस ने बीरपाड़ा के देवीगढ़ में राजेश छेत्री के घर पर छापेमारी की। तलाशी लेने पर वहां 1296 बोतल प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद किया गया। बीरपाड़ा थाने के ओसी पी छिरिंग भूटिया ने बताया कि कुल 1296 बोतल कफ सिरप बरामद किया गया। राजेश के साथ-साथ परिवार के 3 अन्य सदस्यों रितेश छेत्री, अनीता छेत्री और रेशमा छेत्री को इस व्यवसाय में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। राजेश ने परिवार के सदस्यों के साथ व्यवसाय शुरू किया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ मादक द्रव्य अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।बांग्लादेश में नशे के लिए इस्तेमाल होता है यह कफ सिरप। ऐसे नशे के काले कारोबार का खुलासा किया जिसके तार पडोसी मुल्क बांग्लादेश से जुड़े हैं। अक्सर आपकी तबियत सर्दी, खांसी, जुकाम की वजह से जब ख़राब होती होगी तो आप कफ सिरप का इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन अब आप जरा सावधान हो जाईये, क्योंकि इन बंद सिरप की बोतलों से होता है खतरनाक नशे का काला कारोबार। पुलिस के अनुसार सुचना थी कि नशे की बड़ी खेप बस यहां लाया गया है। फिर उसको पश्चिम बांग्लादेश में डिलीवर करना था। बांग्लादेश में शराब पर पाबन्दी है। इसलिए नशे के सौदागर भारत से कफ सिरप की बोतलों को सप्लाई करते हैं। इसकी कीमत भारत में 65 से 70 रूपए है, वह बोतल बांग्लादेश में 1100 से 1200 रुपए में बिकती है। बांग्लादेश में लोग कफ सिरप को नशे के रूप में इस्तेमाल करते हैं। काले कारोबार का सप्लायर बिहार और उत्तर प्रदेश से बताया कि पूरा माल पश्चिम बंगाल तक लाया जाता है। फिर वहा से दूसरी टीम इसे बांग्लादेश तक पहुंचा देती। बांग्लादेश में नशे के लिए इन कफ सिरपों की काफी डिमांड है।भारत में फेंसेडिल की 100 ML की बॉटल करीब 150 रुपए में मिलती है। तस्कर बांग्लादेश में इसे 1500 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक में बेच रहे हैं।
140 का सिरप, 500 रुपये में बिक्री
नशे के लिए युवा कफ सिरप का इस्तेमाल करते हैं, कोडीन युक्त कफ सिरप 100 से 140 रुपये एमआरपी में उपलब्ध हैं। कफ सिरप की बिक्री डॉक्टर के पर्चे पर ही की जा सकती है, रजिस्टर में मरीज और डॉक्टर का नाम दर्ज करना होता है। नशे के लिए कफ सिरप 500 रुपये तक बिक रहे हैं।
11 राज्यों में नशीली और अवैध दवाओं का कारोबार
अवैध और नशीली दवाओं की मंडी बन चुके फव्वारा दवा बाजार 11 राज्यों में दवाओं की बिक्री की जाती है। इसके अलावा बांग्लादेश तक यहां से दवाएं जा रही हैं। कई दवा कारोबारियों ने अपने घर पर गोदाम बना रखे हैं।बांग्लादेश से नेपाल के रास्ते हवाला से आती थी रकम
छानबीन मेें सामने आया है कि कफ सिरप और नकली दवाओं का लेनदेन हवाला के जरिए किया जाता था। नेटवर्क बांग्लादेश से लेकर नेपाल तक फैला है। हवाला की रकम बांग्लादेश से नेपाल होते हुए आती थी। गिरफ्तार आरोपितों के वित्तीय लेनदेन की जानकारी जुटाने के लिए उनके बैंक खातों की जांच की जा रही है।
बरामद कच्चा माल डाइवेसिक कैल्शियम पाउडर, फार्मास्युटिकल एक्सीपिएंट, अल्प्राजोलम, नारंगी पाउडर, माइक्रो क्रिस्टालाइन एलुलोस, एल्युमिनियिम फाइल पैकिंग, पाइराजोनिक सिलिका, टेलकम पाउडर, सोडियम स्टार्च ग्लाइको, लेक्टोसमोनो हाईड्रेड, ड्राईसाइक्लोनिन हाहड्रो क्लोराइड।
यह दवाएं हुईं बरादमद टेबलेट एल्प्रासेफ और एल्जोसेफ 1.24 लाख, 242 किलाेग्राम कच्चा माल, 32 किलोग्राम पैकिंग माल, फेंसीड्रिल, कोडिस्टार, कफकेयर, आनरेक्स 6200, खाली शीशी 3744, सिपर बाक्स 20, प्लास्टिक टैंक 200 लीटर, 500 लीटर का मिक्सिंग टैंक आदि।
फेंसिडिल कफ सिरप, एक कॉम्बिनेशन मेडिसिन (दवा) है। इसमें दो दवाओं का मिश्रण है-क्लोरफेनीरामिन मेलेट और डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन हाय्ड्रोब्रोमाइड।
फेंसिडिल कफ सिरप का इस्तेमाल सूखी खांसी व एलर्जी के इलाज के लिए किया जाता है। भारत सरकार ने वर्ष 2016 में लगभग 350 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं के उत्पादन और विपणन पर प्रतिबंध लगाया था, जिसमें फेंसिडिल कफ सिरप भी शामिल थी।
एक कमेटी ने भारत सरकार को फेंसिडिल कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने की सिफ़ारिश की थी, क्योंकि यह सिरप मानव में विषाक्तता और एंटीबायोटिक प्रतिरोध के लिए जिम्मेदार थी।
इसके अतिरिक्त, फेंसिडिल कफ सिरप को गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल करना असुरक्षित हो सकता है। यह माँ के पेट में विकसित हो रहे शिशु पर हानिकारक प्रभाव डालती है।
वर्तमान में लोग इस दवा का इस्तेमाल नशा करने में करते हैं, अर्थात ड्रग्स के रूप में इस्तेमाल करते हैं। बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों और दूसरी जगहों पर इस दवा की भारी मांग है।
भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के कई जिलों में फेंसेडिल कफ सिरप बनाने की कई अवैध फैक्ट्री लगी हैं। चूंकि बांग्लादेश में इस दवा पर अधिक कड़ाई से प्रतिबंध है, इसलिए भारत में इसका निर्माण कर तस्करों द्वारा उसे वहां तक पहुंचाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश के नारकोटिक्स कंट्रोल विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के मेघालय राज्य के तुरा क्षेत्र तथा पश्चिम बंगाल राज्य के कृष्णानगर, बेरहामपुर, मालदा और फालाकटा आदि इलाकों में फेंसेडिल कफ सिरप के अवैध कारखाने हैं। ड्रग कंट्रोल विभाग ने भी एक गिरोह को पकड़ा था जो दिल्ली से बांग्लादेश और म्यांमार में अवैध रूप से फेंसेडिल कफ सिरप पहुंचा रहा था। @रिपोर्ट अशोक झा