राशन वितरण घोटाला में ईडी ने शुरू की धान खरीद की जॉच

राशन वितरण घोटाला में ईडी ने शुरू की धान खरीद की जॉच
– कई राशन मिल मालिक और अधिकारी होंगे शिकंजे में
कोलकाता: आखिरकार बंगाल में राशन वितरण घोटाला का प्रमुख केंद्र बिंदु किसानों से सीधे धान की खरीदारी है। धान खरीददारी में बड़े पैमाने पर लूट खसोट हुआ है। इसका खुलासा भी ईडी करने में जुट गई है। बंगाल में राशन घोटाले की जांच कर रही ईडी ने अब दावा किया है कि राज्य में किसानों से धान खरीद के नाम पर बड़े पैमाने पर सरकारी पैसे का बंदरबांट किया गया है। फर्जी किसानों के नाम पर खाते बनाए गए और पैसे निकाल लिए गए। ईडी को संदेह है कि इस घोटाले के तार भी राशन घोटाले में गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक से जुड़े हो सकते हैं और इस घोटाले का पैसा उन तक पहुंचाया गया होगा।सरकार और सहकारी समितियों के बीच मध्यस्थता का काम रहे एजेंट। ईडी सूत्रों के मुताबिक, सहकारी समितियां धान उत्पादक किसानों से सरकारी मूल्य पर धान खरीदती हैं। धान की कीमत सीधे किसानों के खाते में जाने की बात है, लेकिन जांच के दौरान पता चला है कि धान खरीद में कुछ एजेंट सरकार और सहकारी समितियों के बीच मध्यस्थता का काम कर रहे थे। मिल मालिक इन एजेंटों के माध्यम से सरकारी दर से कम कीमत पर धान खरीदते थे।धान खरीद के लिए खातों में की गई हेराफेरी: धान खरीद के लिए खातों में हेराफेरी की गई थी। ये एजेंट कुछ किसानों को इकट्ठा करते थे। उनके नाम पर बैंक खाते खोलते थे। इन किसानों को सहकारी समिति के खातों में दर्शाया जाता था तथा उनके नाम पर धान खरीदा जाता था। बाद में खाते से पैसे निकाल लिए जाते थे। इस तरह धान खरीदने से मिल मालिकों को प्रति क्विंटल 200 रुपये का मुनाफा होता था। माना जा रहा है कि इस लाभ से मिल मालिक के अलावा एजेंट और सरकारी अधिकारी लाभान्वित हुए हैं।@रिपोर्ट अशोक झा

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