कवि, लेखक और शिक्षक आशुतोष का कोलकाता में निधन

कवि, लेखक और शिक्षक आशुतोष का कोलकाता में निधन
कोलकाता: हिंदी के चर्चित कवि, लेखक और शिक्षक आशुतोष का आज कोलकाता में निधन हो गया. दीपावली से एक दिन पहले घर में हुई गैस सिलेंडर दुर्घटना में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस दुर्घटना में उनके बेटे का पहले दिन ही निधन हो गया था। बिहार के भागलपुर निवासी आशुतोष कोलकाता विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में हिंदी के प्रोफेसर थे. कॉलेज से सेवानिवृत्त होने के बाद वे पूरी तरह से साहित्य सृजन में रमे हुए थे। यह घटना दीपावली से एक दिन पहले की है. जब आशुतोष, उनके पुत्र और पुत्र वधु घर में सो रहे थे। सुबह के समय आशुतोष के बेटे उठे और रसोई में चाय बनाने के लिए गए। बताया जा रहा है कि गैस सिलेंडर लीक था, इसलिए लाइटर जलाते ही रसाई गैस में आग लग गई और उसमें उनके बेटे बुरी तरह से झुलस गए। बेटे की चीख सुनकर आशुतोष भी रसोई की तरफ दौड़े और आग की लपटों में घिर बेटे को बचाने की कोशिश की। इस कोशिश में खुद आशुतोष भी बुरी तरह से झुलस गए। बेटे ने तो घटना वाले दिन ही दम तोड़ दिया. जिंदगी-मौत के बीच झुलते आशुतोष ने भी आज सुबह अंतिम सांस ली। आशुतोष के निधन से साहित्य और पत्रकार बिरादरी में शोक की लहर है। तमाम लेखक, कवि और पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर उनके निधन पर संवेदनाएं व्यक्त की हैं। आशुतोष किताबी दुनिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लगातार सक्रीय रहते थे और तमाम घटना-दुर्घटनाओं पर अपने विचार व्यक्त करते रहते थे। राजकमल प्रकाशन समूह के संपादकीय निदेशक सत्यानंद निरुपम ने अपने फेसबुक पेज पर आशुतोष के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा है- “आशुतोष जी एक दुर्घटना के शिकार हुए और असमय इस दुनिया से चले गए। उनके पुत्र भी इसी दुर्घटना में चले गए। वे पहले गए। आशुतोष जी पीछे-पीछे।फेसबुक से ही जानता था।सार्वजनिक बात ही जब-तब कुछ-कुछ अच्छे लगते थे। पढ़ने-विचारने वाले आदमी लगते। नई किताबों में दिलचस्पी रखते. उनका यों चले जाना दुखद है। बहुत दुखद। कवि और पत्रकार विमल कुमार लिखते हैं- “एक अच्छा इंसान चला गया। फेसबुक से ही उनको जाना. एक बार दिल्ली में मुलाकात हुई।।फोन पर कई बार बात हुई. एक विनम्र व्यक्ति, एक अच्छा इंसान, एक ईमानदार नागरिक चला गया अचानक. किसी ने सोचा नहीं था मौत इस तरह भी आती है। एक समाजवादी स्वप्न का अंत. बहुत दुखद। रिपोर्ट अशोक झा

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